Allahabad University : इविवि में फर्जी दस्तावेज लगाकर लिया दोबारा प्रवेश, बड़ी साजिश की आशंका, जांच का आदेश
Allahabad University News : इलाहाबाद विश्वविद्यालय में जानकारी छिपाकर गलत तरीके से प्रवेश लेने का मामला प्रकाश में आया है। इसके पीछे किसी बड़े गिरोह या एजेंसी के शामिल होने की आशंका जाहिर की गई है। कुलपति ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
विस्तार
फर्जी टीसी और डिग्रियों को छिपाकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फिर से दाखिला लेने का मामला सामने आया है। इस फर्जीवाड़े में किसी संगठित समूह, बाहरी एजेंसी या गिरोह के तार जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है। इससे परिसर की सुरक्षा को खतरे के साथ बड़ी साजिश होने की बात कही जा रही है। वहीं, मामले में कुलपति प्रो.संगीता श्रीवास्तव ने बुधवार को जिला और पुलिस प्रशासन के साथ उच्चस्तरीय बैठक की और जांच के आदेश दिए हैं।
इविवि के स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के दस्तावेज की जांच की जा रही है। इसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जांच में पाया गया कि कई नवप्रवेशी छात्र एनटीए की ओर से आयोजित संयुक्त स्तरीय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) के माध्यम से दूसरी बार बीए में प्रवेश ले बैठे, जबकि वे पहले ही विवि से स्नातक (बीए) और परास्नातक (एमए) कर चुके हैं।
दोबारा प्रवेश लेने के लिए जो दस्तावेज पेश किए गए, उनमें उनके पुराने स्कूल से प्राप्त स्थानांतरण प्रमाणपत्र (टीसी) की दूसरी प्रति उपलब्ध कराई है। उन्होंने वर्षों पहले बीए में पहली बार दाखिला लेते समय भी यही टीसी प्रस्तुत किया था।
वीसी ने जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ की बैठक
इनमें से पांच-छह छात्र चिह्नित किए जा चुके हैं। इनके अलावा कई अन्य के दस्तावेज संदिग्ध पाए गए हैं। विवि ने अब इस वर्ष दाखिला लेने वाले सभी विद्यार्थियों के दस्तावेज की जांच शुरू कर दी है। कुलपति ने मंडलायुक्त, पुलिस आयुक्त, डीएम और जिला एवं पुलिस प्रशासन के अन्य शीर्ष अफसरों संग बैठक की। अफसरों ने आशंका जताई कि यह मामला किसी संगठित समूह, बाहरी एजेंसी, दस्तावेज उपलब्ध कराने वाले गिरोह या किसी बड़ी साजिश से जुड़ा हो सकता है। कुलपति ने पुलिस व जिला प्रशासन के स्तर पर जांच कराने का निर्णय लिया है। कुलपति ने स्पष्ट किया कि ऐसा कृत्य करने वालों के खिलाफ कठोरता से कार्रवाई की जाएगी।
सुरक्षा संबंधी मंत्रालय के पत्र को लेकर भी प्रशासन सतर्क
बैठक में इस मामले को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से कुछ माह पहले जारी उस चेतावनी पत्र से भी जोड़ा गया, जिसमें देश के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को गंभीर सुरक्षा संकट की आशंका को लेकर सतर्क किया गया था। पत्र में कहा गया था कि विश्वविद्यालयों को अपने प्रवेश, पहचान सत्यापन और सुरक्षा तंत्र को और अधिक सुदृढ़ बनाना चाहिए। क्योंकि, कुछ तत्व संस्थानों में घुसपैठ कर शैक्षणिक व्यवस्था को बाधित करने की कोशिश कर सकते हैं। मंत्रालय के इस चेतावनी को वर्तमान प्रवेश फर्जीवाड़े के संदर्भ में अत्यंत प्रासंगिक माना गया। इसे ध्यान में रखते हुए विवि के साथ पुलिस एवं जिला प्रशासन की ओर से भी सतर्कता बढ़ाने एवं जांच के आदेश दिए गए।
कॉलेजों के नवप्रवेशियों के दस्तावेज की भी होगी जांच
इविवि के साथ संघटक कॉलेजों में भी सीयूईटी के माध्यम से प्रवेश प्रक्रिया पूरी की गई है। इस वर्ष देश के करीब हर राज्य से विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद विवि के साथ संघटक कॉलेजों में दाखिला लेने वाले सभी विद्यार्थियों के भी दस्तावेज की जांच की जाएगी।
संयुक्त जांच समिति बनी, मंत्रालय को भी जाएगी रिपोर्ट
नवप्रवेशी छात्र-छात्राओं के दस्तावेज की जांच के लिए संबंधित सभी विभागों के अफसरों संयुक्त टीम बनाई गई है। प्रवेश प्रकोष्ठ एवं परीक्षा विभाग सभी विद्यार्थियों के दस्तावेज की जांच करने में जुट गया है। कुलानुशासक कार्यालय में भी सभी के दस्तावेज के स्कैन कराने के साथ अन्य प्रक्रिया के तहत जांच शुरू कर दी गई है। जांच में तकनीकी विशेषज्ञों की भी मदद ली जाएगी। इसके लिए विवि के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन विभाग के शिक्षकों एवं अन्य विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा पुलिस एवं जिला प्रशासन भी जांच कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय को भी भेजी जाएगी।
फर्जी परीक्षार्थियों की भी होगी पहचान
कमेटी प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया की भी जांच करेगी। किसी अभ्यर्थी की जगह दूसरे ने तो परीक्षा नहीं दी है,इसकी की भी जांच कराई जाएगी। इसके लिए सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले जाएंगे और संदिग्ध परीक्षार्थियों की पहचान की जाएगी।
विवि में फर्जी तरीके से प्रवेश लेने के गंभीर मामले सामने आए हैं। इसलिए सभी विद्यार्थियों के दस्तावेज की गहनता से जांच के आदेश दिए गए हैं। अलग-अलग स्तर पर जांच कराने का निर्णय लिया गया। विवि प्रशासन की जांच में फर्जी तरीके से प्रवेश के जो भी मामले आएंगे, उनका पूरा विवरण पुलिस एवं जिला प्रशासन को भी सौंपा जाएगा। ऐसे लोगों के खिलाफ विवि के साथ पुलिस प्रशासन के स्तर पर भी कार्रवाई होगी। - प्रो.जया कपूर, जनसंपर्क अधिकारी, इलाहाबाद विश्वविद्यालय