ब्रजेश पाठक बोले:ट्रॉमा सेंटरों में गंभीर मरीजों का निशुल्क इलाज, अमर उजाला के कार्यक्रम में चिकित्सक सम्मानित
अमर उजाला के आभार समर्पण का कार्यक्रम में सोमवार को उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सरकार ने ट्रामा सेंटरों में पहुंचने वाले गंभीर मरीजों का भी निशुल्क उपचार करा रही है। संकल्प पीड़ित मरीज की जान बचाने का है।
विस्तार
अमर उजाला के आभार समर्पण का कार्यक्रम में सोमवार को उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सरकार ने ट्रामा सेंटरों में पहुंचने वाले गंभीर मरीजों का भी निशुल्क उपचार करा रही है। संकल्प पीड़ित मरीज की जान बचाने का है। उन्होंने निजी चिकित्सकों से अपील की कि 24 घंटे तक ट्रामा के मरीजों से पैसा न लें। भगवान मानकर गरीब मरीज की सेवा करें, क्योंकि इसका शुल्क ईश्वर के यहां जमा हो रहा है। उस दिन प्रसन्नता और पेशे के प्रति ईमानदारी की आत्मिक तसल्ली भी होगी। बतौर मुख्य अतिथि पाठक ने कहा कि भारत दुनिया में किसी भी स्थिति में पीछे नहीं बल्कि कई मामलों में हम कई देशों से आगे हैं। हमारे देश-प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था अन्य देशों की अपेक्षा बेहतर है।
अगर इंग्लैंड की चिकित्सा व्यवस्था से तुलना करें तो स्टंट और बाइपास सर्जरी के लिए तीन से छह माह का समय लगता है। वहीं विशेष परिस्थिति में यहां 15 मिनट में स्टंट पड़ सकता है।पीएम मोदी की अगुवाई में योगी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि प्रदेश में प्राइमरी से लेकर जनपद स्तरीय चिकित्सा व्यवस्था निशुल्क है। हमारी सरकार स्वास्थ्य योजना के साथ चलती है। यहां प्राथमिक चिकित्सा व्यवस्था निशुल्क है।
यही नहीं, हम डायलिसिस भी मुफ्त कर रहे हैं। हर जिले में 10 बेड की उपलब्धता है। पांच हजार की आबादी पर स्वास्थ्य केंद्र हैं। साढ़े पच्चीस हजार आरोग्य मंदिर हैं। पांच हजार और स्वीकृत किए गए हैं। जहां 98 प्रकार की दवाएं, 14 प्रकार की जांचें, जच्चा-बच्चा के लिए सारी व्यवस्था हैं। एएनएम और आशा वर्करों को जोड़ा गया है। स्वास्थ्य केंद्रों में 3500 से अधिक प्राथमिक चिकित्सक हैं। सीएचसी के 950 अस्पताल, 30 बेड के इंडोर अस्पताल, सभी इंजेक्शन निशुल्क हैं। आईसीयू की व्यवस्था है।
ढाई गुना हुईं एमबीबीएस की सीटें, वर्तमान में 81 मेडिकल कॉलेज
स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रदेश में जनपद स्तरीय 85 अस्पताल हैं। आईसीयू बेड, माइनर सर्जरी होती है। 200 विशेष श्रेणी के अस्पताल हैं। वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में 17 मेडिकल समेत 40 सरकारी अस्पताल थे आज 81 मेडिकल कॉलेज हैं। एमबीबीएस की सीटें ढाई गुना की गई हैं। पहले पांच हजार होती थीं अब 12 हजार से अधिक सीटें हैं। जल्द ही अमेठी में 100 सीटें मिलने वाली हैं। एमडी और एमएस की दोगुना से अधिक सीटें हो गई हैं। मेडिकल कॉलेज हर जिले में खोले गए हैं, सात-आठ जिलों में खुलने बाकी हैं। अब हम पीपीपी मोड पर जा रहे हैं। निजी क्षेत्र को आकर्षित करने के लिए सब्सिडी दे रहे हैं।