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Prayagraj : कैट ने अवमानना में रेलवे अधिकारियों को किया तलब, 12 अगस्त को हाजिर होने का निर्देश
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Mon, 02 Jun 2025 01:03 PM IST
सार
केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने रेलवे के कई वरिष्ठ अधिकारियों को अवमानना के एक मामले में 12 अगस्त, 2025 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है, ताकि उन पर आरोप तय किए जा सकें।
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अदालत का फैसला।
- फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने रेलवे के कई वरिष्ठ अधिकारियों को अवमानना के एक मामले में 12 अगस्त, 2025 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है, ताकि उन पर आरोप तय किए जा सकें। यह आदेश न्यायमूर्ति ओम प्रकाश सप्तम व सदस्य मोहन प्यारे की खंडपीठ ने प्रयागराज के संदीप कुंवर सिंह की ओर से उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के अधिकारियों के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर दिया है।
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मंडल कार्यालय प्रयागराज में विभागीय कोटा के तहत सीसीटीवी (वाणिज्यिक सह टिकट क्लर्क) के 386 पद पर आठ फरवरी 2022 को नोटिफिकेशन जारी किया गया था। 31 मार्च 2022 को परीक्षा हुई। सात अप्रैल 2022 को आंसर-की जारी की गई। इसके बाद मंडल कार्यालय की ओर से परीक्षा को रद्द कर दिया गया। इसके खिलाफ कर्मचारियों ने कैट में केस दायर किया। कैट ने कर्मचारियों के पक्ष में 19 मई 2023 को फैसला सुनाया। आदेश का पालन न करने पर कर्मचारियों ने कैट में सिविल अवमानना वाद दायर किया है।
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प्रतिवादियों के वकील ने तर्क दिया कि प्रारंभिक विज्ञापन में अवैधता के कारण पूरी चयन प्रक्रिया रद्द कर दी गई थी, इसलिए आदेश का पालन करना असंभव हो गया। दलील दी कि जानबूझकर कोई अवज्ञा नहीं की गई। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि चयन प्रक्रिया को रद्द करने के लिए कोई बाध्यकारी परिस्थिति मौजूद नहीं थी और प्रतिवादियों ने जानबूझकर कैट के आदेश की अवज्ञा की है।
कैट ने पक्षों के तर्कों पर विचार करने के बाद यह माना कि प्रतिवादी जानबूझकर न्यायाधिकरण के निर्देश की अवज्ञा कर रहे हैं। ऐसे में अवमानना का मामला बनता है। कैट ने निर्देश दिया है कि मामले को 12 अगस्त, 2025 को सूचीबद्ध किया जाए। इस दिन प्रतिवादियों में से सक्षम प्राधिकारी को आरोप तय करने के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहना होगा।
इन अधिकारियों को अवमानना मामले में बनाया गया है प्रतिवादी
उत्तर मध्य रेलवे, प्रयागराज के महाप्रबंधक, सतीश कुमार; मंडल रेल प्रबंधक, हिमांशु बडोनी; मुख्य कार्मिक अधिकारी, मुदित चंद्र; मंडल रेल प्रबंधक (कार्मिक)/वरिष्ठ डीपीओ, मनीष कुमार खरे; और सहायक कार्मिक अधिकारी, चंद्र शेखर कुमार। इन अधिकारियों पर न्यायाधिकरण के 19 मई, 2023 को पारित आदेश की जानबूझकर अवज्ञा और गैर-अनुपालन का आरोप है।