Indira Marathon 2025 : 42 किलोमीटर की इंदिरा मैराथन प्रतियोगिता शुरू, मंडलायुक्त ने दिखाई हरी झंडी
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाली 42.195 किलोमीटर लंबी इंदिरा मैराथन रेस प्रतियोगिता शुरू हो गई है। बुधवार को सुबह 6.30 बजे मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
विस्तार
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाली 42.195 किलोमीटर लंबी इंदिरा मैराथन रेस प्रतियोगिता शुरू हो गई है। बुधवार को सुबह 6.30 बजे मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। आनंद भवन के सामने आयोजित मंच पर पहले उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर माल्यार्पण किया। इसके बाद हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर डीएम मनीष कुमार वर्मा, खेल निदेशक आरपी सिंह सहित बड़ी संख्या में अधिकारी मौजूद रहे।
आनंद भवन से शुरू होकर मैराथन प्रतियोगिता शहर पत्थर गिरजाघर, सिविल लाइंस, नया यमुनापुल से नैनी होते हुए मदन मोहन मालवीय स्टेडियम पहुंचकर संपन्न होगी। इसमें विजेता खिलाड़ी को दो लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। दूसरा स्थान पाने वाले धावक को एक लाख और तीसरे को 75 हजार रुपये मिलेंगे। दौड़ में 500 से अधिक धावक हिस्सा ले रहे हैं। इसमें कई राष्ट्रीय स्तर के धावक और एथलीट शामिल हैं। सेना, पैरामिलिट्री फोर्स के अलावा पुलिस और पीएसी के धावकों के अलावा आम धावक भी हिस्सा ले रहे हैं। पूरे 42 किलोमीटर रूट पर डायर्जन किया गया है। जगह जगह स्टाल लगाए गए हैं। उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली, केरल, दिल्ली, राजस्थान, बिहार, गुजरात, पंजाब, महाराष्ट्र समेत अन्य जगहों से धावक शामिल हैं।
इंदिरा मैराथन का रूट
धावक इलाहाबाद विश्वविद्यालय चौराहा, एलनगंज मार्ग, एनसीसी गेट, आबकारी ऑफिस, ट्रैफिक पुलिस लाइन चौराहा, मेयोहाल चौराहा, एजी ऑफिस चौराहा, इंदिरा गांधी चौराहा, पोलो ग्राउंड, हाईकोर्ट, पत्थर गिरजाघर, हनुमान मंदिर, सीएमपी कॉलेज, बैहराना, नया यमुना पुल, चाका ब्लॉक, दांदूपुर पेट्रोल पंप तक जाएंगे। वापसी में इसी मार्ग से होते हुए धावक मालवीय स्टेडियम में समापन स्थल पर पंहुचेंगे। समापन समारोह में खेल निदेशक आरपी सिंह और डीएम मनीष कुमार वर्मा विजेताओं को पुरस्कार वितरित करेंगे।
इंदिरा मैराथन : छह बार की चैंपियन ज्योति पर होगी नजर, सेना से भी उम्मीदें
40वीं अखिल भारतीय प्राइजमनी इंदिरा मैराथन के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से धावकों का प्रयागराज में जमावड़ा हो चुका है। 42.195 किमी लंबी मैराथन में हिस्सा लेने के लिए 2014 से 2019 तक चैंपियन रहीं ज्योति शंकर गवते और पूर्व विजेताओं के आने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
सेना के साथ-साथ प्रयागराज के धावकों पर भी लोगों की निगाहें टिकी रहेंगी। वर्ष 2019 में 2:52:58 में दौड़ पूरी कर ज्योति पहला स्थान पर थीं। वहीं वर्ष 2023 में कुमारी अश्वनी मदन जादव ने दूसरा स्थान प्राप्त किया था।
वर्ष 2024 की कांस्य पदक विजेता सीमा भी हिस्सा लेने के लिए शहर पहुंच गईं और देर शाम स्टेडियम में पंजीकरण कराया। पुरुष वर्ग में 2023 में दूसरा स्थान पाने वाले श्री बुगाथा श्रीनु भी दौड़ लगाएंगे। मैराथन में इस बार 18 वर्ष के धावक भी जोर लगाते नजर आएंगे।
विजेता को मिलेंगे दो लाख का पुरस्कार
मैराथन के विजेता को दो लाख रुपये, दूसरे स्थान के धावक को एक लाख रुपये और तीसरे स्थान के धावक को 75 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। चार से लेकर 14वें स्थान तक के धावक को सांत्वना पुरस्कार के तहत 10-10 हजार रुपये दिए जाएंगे। यह दोनों वर्ग महिला व पुरुष के लिए होगा। निर्धारित समय से पहले समापन स्थल तक पहुंचने वाले सभी धावकों को प्रमाणपत्र दिए जाएंगे।
धावकों को दिया गया जीपीएस चिप व बिब नंबर
क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी प्रेम कुमार ने बताया कि मंगलवार को धावकों को बिब नंबर और जीपीएस चिप दिया गया। इससे प्रतियोगिता में किसी भी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। धावक मंगलवार देर रात तक रजिस्ट्रेशन कराते रहे।
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