SIR : पांच दिन बाकी और 5.55 लाख वोटरों की नहीं हो सकी है पहचान, मैपिंग न होने पर जारी किया जाएगा नोटिस
विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत मतदाताओं के गणना प्रपत्राें के डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया तो पूरी हो चुकी है लेकिन वोटरों की मैपिंग अब भी चुनौती बनी हुई है।
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विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत मतदाताओं के गणना प्रपत्राें के डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया तो पूरी हो चुकी है लेकिन वोटरों की मैपिंग अब भी चुनौती बनी हुई है। साढ़े पांच लाख से अधिक वोटरों की मैपिंग न होने के कारण उनके सामने पहचान का संकट है। मैपिंग नहीं हुई तो इन्हें नोटिस जारी किया जाएगा और ऐसे वोटरों को अपनी पहचान का प्रमाण देना होगा। हालांकि, प्रशासन की ओर से वोटरों की मैपिंग पर जोर लगा दिया गया है ताकि बाद में मतदाताओं को दौड़भाग न करनी पड़े। एसआईआर से जुडे आंकड़ों के अनुसार रविवार तक 12 फीसदी मतदाताओं की मैपिंग नहीं हुई है। इनकी संख्या पांच लाख 54 हजार 831 है और यह संख्या काफी अधिक है।
गणना प्रपत्रों के डिजिटाइजेशन के साथ मैपिंग की प्रक्रिया पूरी करने की अंतिम तिथि 26 दिसंबर निर्धारित की गई है। यानी पांच दिन बाकी रह गए हैं और इस दौरान साढ़े पांच लाख से अधिक मतदाताओं की मैपिंग होनी है। जिन वोटरों की मैपिंग नहीं हो सकेगी, प्रशासन की ओर से उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा और मतदाताओं को भारत निर्वाचन आयोग की ओर से निर्धारित पहचान प्रपत्रों में से कोई एक प्रस्तुत करना होगा। अगर नो मैपिंग की श्रेणी वालों मतदाताओं की संख्या अधिक होगी तो प्रशासन को लाखों वोटरों को नोटिस जारी करने होंगे। ऐसे में कर्मचारियों और अफसरों पर काम का अतिरिक्त दबाव होगा और वोटरों को भी दौड़भाग करनी पड़ेगी। ऐसे में प्रशासन की ओर से अभियान चलाकर वोटरों की मैपिंग कराई जा रही है ताकि बाद में ज्यादा दिक्कत न हो।
एएसडी श्रेणी में अब भी 11.78 लाख वोटर
एसआईआर के तहत अनुपस्थित, शिफ्टेड, डुप्लीकेट व मृतक (एएसडी) श्रेणी में अब भी 11 लाख 78 हजार वोटर चिह्नित हैं। इससे पहले इस श्रेणी के वोटरों की संख्या 12 लाख के करीब पहुंच गई थी लेकिन बाद में अभियान चलाकर और जिला स्तरीय अफसरों से सत्यापन कराके इस श्रेणी में वोटरों की संख्या कम की गई। एएसडी श्रेणी के वोटरों के नाम मतदाता सूची के आलेख्य प्रकाशन में शामिल नहीं किए जाएंगे। ऐसे में वोटर लिस्ट से तकरीबन 11 लाख मतदाताओं के नाम बाहर किए जा सकते हैं।
