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लोनी तहसील की सैकड़ों बीघा जमीन का अधिग्रहण रद्द
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Fri, 19 Apr 2019 01:14 AM IST
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हाईकोर्ट ने गाजियाबाद की लोनी तहसील के नूर नगर गांव की सैकड़ों बीघा जमीन का अधिग्रहण रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि अधिग्रहण के बाद से आज तक भूमि का न तो कब्जा लिया गया और न ही किसानों को मुआवजा मिला है। इस स्थिति में नियमानुसार अधिग्रहण समाप्त हो जाता है। पुष्पा त्यागी और कई अन्य किसानों की याचिकाओं पर न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल और न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने सुनवाई की।

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याची के अधिवक्ता महेश शर्मा का कहना था कि याचीगण की खेती की जमीन 15 मई 1975 को यूपीएसआईडीसी के लिए अधिग्रहीत कर ली गई थी, मगर जमीन का कब्जा नहीं लिया गया। भूमि अभी भी याचीगण के कब्जे में है और वह उस पर खेती करते हैं। जुलाई 2004 में यूपीएसआईडीसी के महाप्रबंधक ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर सूचित किया कि अब उनको भूमि की आवश्यकता नहीं है। सरकार चाहे तो जमीनें अधिग्रहण से मुक्त कर सकती है।
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याचीगण का कहना था कि इसके बावजूद प्रदेश सरकार ने अधिग्रहण को लेकर कोई कदम नहीं उठाया। जबकि, अधिग्रहीत भूमि का आज तक अवार्ड घोषित नहीं किया गया है और न ही मुआवजा मिला है। कोर्ट ने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार इस स्थिति में अधिग्रहण की कार्यवाही समाप्त हो जाती है।