{"_id":"5edbf89a8ebc3e9075171fc4","slug":"in-prayagraj-the-hotel-industry-is-in-problem-city-news-ald277773096","type":"story","status":"publish","title_hn":"प्रयागराज में होटल उद्योग संकट में","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
प्रयागराज में होटल उद्योग संकट में
विज्ञापन

विज्ञापन
पिछले 77 दिन से बंद चल रहे शहर के होटल एवं रेस्टोरेंट व्यवसाय पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉक डाउन ने तमाम होटल कारोबारियों की नींद उड़ा दी है। यूं तो शासन की गाइड लाइन के तहत आठ जून से होटल एवं रेस्टोरेंट आवश्यक नियम शर्त के साथ खोले जा सकते हैं। इस गाइड लाइन को लेकर अंतिम निर्देश जिला प्रशासन को ही जारी करना है। हालांकि शासन द्वारा जारी की गई गाइड लाइन ने ही तमाम कारोबारियों के चेहरे पर शिकन ला दी है। इस बीच कारोबारियों ने यह भी कहा है कि सरकार द्वारा इस ट्रेड से जुड़े कारोबारियों को अभी तक कोई राहत नहीं दी है।
प्रयागराज शहर की बात करें तो यहां तकरीबन 150 छोटे-बड़े होटल एवं 250 से ज्यादा रेस्टोरेंट हैं। होटल और रेस्टोरेंट इंडस्ट्री का यहां तकरीबन 40 से 50 करोड़ रुपये का मासिक कारोबार है। पीएम मोदी के आह्वान पर 22 मार्च को लगे जनता कर्फ्यू के दिन से ही सभी होटल एवं रेस्टोरेंट बंद चल रहे हैं। इन होटल एवं रेस्टोरेंट में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या भी सैकड़ों में है। शहर के बड़े होटल एवं रेस्टोरेंट को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश के यहां काम करने वाले कर्मचारी या तो अपने घर चले गए हैं या वह दूसरे पेशे से जुड़ गए हैं। इस बीच आठ जून होटल, रेस्टोरेंट एवं मॉल और पूजा स्थलों को खोले जाने संबंधी गाइड लाइन भी शासन ने जारी कर दी है। इस गाइड लाइन के बारे में अंतिम निर्णय जिला प्रशासन को ही करना है।
प्रयागराज होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष सरदार जोगिंदर सिंह का कहना है कि अभी शासन ने जो गाइड लाइन जारी की है उससे होटल और रेस्टोरेंट व्यवसाय कितने दिन चल सकेगा यह कहना अभी संभव नहीं है। कहा कि शादी, विवाह एवं अन्य आयोजन अगर होटल से करने हैं तो उसमें अधिकतम 30 लोगों के शामिल होने की बात कही जा रही है। इसमें अगर होटल का स्टाफ कैटरिंग करेगा तो वही भी उन्हीं 30 में शामिल माना जाएगा। ऐसे में कारोबारियों को फायदे की बजाय नुकसान ही होगा। कहा कि सरकार से होटल रेस्टोरेंट एसोसिएशन नार्दन इंडिया (एचआरएएनआई ) की ओर से मांग की गई थी कि जितने दिन होटल और रेस्टोरेंट बंद रहेंगे उतने दिन बिजली का बिल, हाउस टैक्स, वाटर टैक्स आदि में रियायत दी जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बीते दो माह के दौरान तमाम कारोबारियों को अपने स्टाफ को सेलरी देनी पड़ी। इससे होटल कारोबारियों के समक्ष आर्थिक संकट गहरा गया है। शहर अगर राहत नहीं देगी तो तमाम होटल एवं रेस्टोरेंट बंद हो सकते हैं।
बहादुरगंज स्थित होटल वैैशाली के विजय वैश्य, एमजी मार्ग स्थित होटल यश पदम के योगेश गोयल ने बताया कि शासन की गाइड लाइन का हम व्यापारी पूरा पालन करेंगे, लेकिन नियम शर्त इतनी सख्त है कि अब शायद ही कस्टमर होटल में आकर रुके।
शासन की गाइड लाइन होटल के डाइनिंग के स्थान पर रूम सर्विस को बढ़ावा देने की बात कही गई है। कहा गया है रूम के दरवाजे पर ही फूड आइटम के पैकेट रख दिए जाएं और उसे सीधे अतिथि के हाथों में न दिया जाए। होटल कान्हा श्याम के विदुप अग्रहरि ने कहा कि इस व्यवस्था से तो होटल के रेस्टोरेंट में कोई बाहरी व्यक्ति आ ही नहीं सकेगा। सिर्फ जो लोग होटल में रुके हैं उनतक ही रेस्टोरेंट का खाना पहुंचाया जाएगा। ऐसे में तो सभी होटलों के रेस्टोरेंट बंद करने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि साफ सफाई को लेकर जिला प्रशासन को होटल कारोबारी के रूप में सिर्फ इतना ही कहूंगा कि अगर आठ जून से होटल खुलता है तो साफ सफाई के सारे मानकों का पालन किया जाएगा।

Trending Videos
प्रयागराज शहर की बात करें तो यहां तकरीबन 150 छोटे-बड़े होटल एवं 250 से ज्यादा रेस्टोरेंट हैं। होटल और रेस्टोरेंट इंडस्ट्री का यहां तकरीबन 40 से 50 करोड़ रुपये का मासिक कारोबार है। पीएम मोदी के आह्वान पर 22 मार्च को लगे जनता कर्फ्यू के दिन से ही सभी होटल एवं रेस्टोरेंट बंद चल रहे हैं। इन होटल एवं रेस्टोरेंट में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या भी सैकड़ों में है। शहर के बड़े होटल एवं रेस्टोरेंट को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश के यहां काम करने वाले कर्मचारी या तो अपने घर चले गए हैं या वह दूसरे पेशे से जुड़ गए हैं। इस बीच आठ जून होटल, रेस्टोरेंट एवं मॉल और पूजा स्थलों को खोले जाने संबंधी गाइड लाइन भी शासन ने जारी कर दी है। इस गाइड लाइन के बारे में अंतिम निर्णय जिला प्रशासन को ही करना है।
विज्ञापन
विज्ञापन
प्रयागराज होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष सरदार जोगिंदर सिंह का कहना है कि अभी शासन ने जो गाइड लाइन जारी की है उससे होटल और रेस्टोरेंट व्यवसाय कितने दिन चल सकेगा यह कहना अभी संभव नहीं है। कहा कि शादी, विवाह एवं अन्य आयोजन अगर होटल से करने हैं तो उसमें अधिकतम 30 लोगों के शामिल होने की बात कही जा रही है। इसमें अगर होटल का स्टाफ कैटरिंग करेगा तो वही भी उन्हीं 30 में शामिल माना जाएगा। ऐसे में कारोबारियों को फायदे की बजाय नुकसान ही होगा। कहा कि सरकार से होटल रेस्टोरेंट एसोसिएशन नार्दन इंडिया (एचआरएएनआई ) की ओर से मांग की गई थी कि जितने दिन होटल और रेस्टोरेंट बंद रहेंगे उतने दिन बिजली का बिल, हाउस टैक्स, वाटर टैक्स आदि में रियायत दी जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बीते दो माह के दौरान तमाम कारोबारियों को अपने स्टाफ को सेलरी देनी पड़ी। इससे होटल कारोबारियों के समक्ष आर्थिक संकट गहरा गया है। शहर अगर राहत नहीं देगी तो तमाम होटल एवं रेस्टोरेंट बंद हो सकते हैं।
बहादुरगंज स्थित होटल वैैशाली के विजय वैश्य, एमजी मार्ग स्थित होटल यश पदम के योगेश गोयल ने बताया कि शासन की गाइड लाइन का हम व्यापारी पूरा पालन करेंगे, लेकिन नियम शर्त इतनी सख्त है कि अब शायद ही कस्टमर होटल में आकर रुके।
शासन की गाइड लाइन होटल के डाइनिंग के स्थान पर रूम सर्विस को बढ़ावा देने की बात कही गई है। कहा गया है रूम के दरवाजे पर ही फूड आइटम के पैकेट रख दिए जाएं और उसे सीधे अतिथि के हाथों में न दिया जाए। होटल कान्हा श्याम के विदुप अग्रहरि ने कहा कि इस व्यवस्था से तो होटल के रेस्टोरेंट में कोई बाहरी व्यक्ति आ ही नहीं सकेगा। सिर्फ जो लोग होटल में रुके हैं उनतक ही रेस्टोरेंट का खाना पहुंचाया जाएगा। ऐसे में तो सभी होटलों के रेस्टोरेंट बंद करने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि साफ सफाई को लेकर जिला प्रशासन को होटल कारोबारी के रूप में सिर्फ इतना ही कहूंगा कि अगर आठ जून से होटल खुलता है तो साफ सफाई के सारे मानकों का पालन किया जाएगा।