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High Court : वेयर हाउस जमीन की धोखाधड़ी मामले में मुख्तार के साले व अन्य को नहीं मिली राहत
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Wed, 11 Dec 2024 02:26 PM IST
सार
गाजीपुर के नंद गांव थाने में दो अक्तूबर 2021 को आतिफ उर्फ शरजील, अनवर शहजाद, जाकिर हुसैन और रविंद्र नारायण सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा यूपी स्टेट वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन के जनरल मैनेजर ने दर्ज कराया था।
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मुख्तार अंसारी (फाइल फोटो)
- फोटो : एएनआई
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विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माफिया मुख्तार के साले आतिफ रजा और अन्य अभियुक्तों को वेयर हाउस की जमीन धोखाधड़ी मामले में सीजेएम गाजीपुर के समन आदेश को रद्द करने से इन्कार कर दिया है। कहा कि इस मामले में आपराधिक और सिविल कार्यवाही साथ-साथ चल सकती है। न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने आतिफ और तीन अन्य की याचिका पर यह आदेश दिया।
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गाजीपुर के नंद गांव थाने में दो अक्तूबर 2021 को आतिफ उर्फ शरजील, अनवर शहजाद, जाकिर हुसैन और रविंद्र नारायण सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा यूपी स्टेट वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन के जनरल मैनेजर ने दर्ज कराया था। आरोप है कि आरोपियों ने गलत तरीके से 13 बीघे जमीन हथिया ली। इसका एक बड़ा हिस्सा तालाब का था। वेयर हाउस के लिए जारी टेंडर की शर्तों का उल्लंघन किया गया और दो करोड़ 32 लाख की सरकारी सब्सिडी भी हासिल की गई।
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याचियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ने दलील दी कि भूमि की प्रकृति निश्चित करने के मामला राजस्व अदालत में लंबित है। इस मामले में आपराधिक कार्रवाई नहीं की जा सकती है। सिविल न्यायालय का फैसला आने तक आपराधिक कार्रवाई स्थगित की जाए। याचिका का विरोध कर अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव, अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता सुधांशु श्रीवास्तव और अपर शासकीय अधिवक्ता विकास सहाय ने कहा की जमीन को हथिया कर वेयर हाउस बनाने में आपराधिक षड्यंत्र किया गया है। मामले में सिविल और आपराधिक कार्रवाई साथ-साथ चल सकती है। कोर्ट ने आपराधिक कार्यवाही को सही मानते हुए याचिका खारिज कर दी है। ब्यूरो