Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर से पहले महाकुंभ में भी एयर मार्शल भारती ने संभाली थी कमान
ऑपरेशन सिंदूर की कमान संभालने वाले एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती भले ही बिहार के मूल निवासी हैं, लेकिन प्रयागराज से भी उनका गहरा नाता रहा है। महाकुंभ की हवाई निगरानी में भी एयर मार्शल की अहम भूमिका रही है।

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ऑपरेशन सिंदूर की कमान संभालने वाले एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती भले ही बिहार के मूल निवासी हैं, लेकिन प्रयागराज से भी उनका गहरा नाता रहा है। महाकुंभ की हवाई निगरानी में भी एयर मार्शल की अहम भूमिका रही है। वह जितने तकनीकी रूप से दक्ष हैं उतना ही आध्यात्म में भी अच्छा ज्ञान है। ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में बीते रोज प्रेस काॅन्फ्रेंस में गोस्वामी तुलसीदास रचित चौपाई ‘विनय ना मानत जलध जड़, गए तीन दिन बीति। बोले राम सकोप तब, भय बिनु होय ना प्रीति।’ बोलने वाले एयर मार्शल फिलहाल सुर्खियों में हैं।

महाकुंभ-2025 के दौरान उन्हें वायुसेना ने अहम जिम्मेदारी सौंपी थी। उस पर वह बखूबी खरे उतरे। पूर्णिया, बिहार निवासी एयर मार्शल एके भारती ने ही ऑपरेशन सिंदूर में हवाई अभियानों की निगरानी की। इससे पहले प्रयागराज में मध्य वायु कमान में सीनियर स्टाफ ऑफिसर के रूप में उनकी तैनाती अगस्त, 2023 से 30 सितंबर 2024 तक रही। इस दौरान महाकुंभ में सेना की दृष्टि से की गई तैयारी में उनकी उल्लेखनीय भूमिका रही।
मध्य वायु कमान में तैनाती के दौरान वह काफी लोकप्रिय रहे। यहां वायुसेना के अभ्यासों में उनकी उल्लेखनीय भूमिका रही। एयर मार्शल भारती ने प्रयागराज में महाकुंभ का पर्यवेक्षण भी किया था। बीते रोज सोमवार को हुई प्रेसवार्ता में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य दुश्मन के ठिकानों पर प्रभावी हमला करना था, न कि शवों की गिनती करना। यह काम उनका (पाकिस्तान) है। हमने जो लक्ष्य निर्धारित किए थे, वह हासिल कर लिए हैं।
उनका यह बयान सोशल मीडिया में छा गया। इससे पहले प्रयागराज में अक्तूबर, 2023 में वायुसेना के स्थापना दिवस हुए एयर शो में भी एयर मार्शल की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उनकी निगरानी में तब पहली बार प्रयागराज से आसमान में रॉफेल ने उड़ान भरी थी।
एपी सिंह के नेतृत्व में वायु योद्धाओं ने मचाई पाकिस्तान में भारी तबाही
ऑपरेशन सिंदूर में एयर चीफ मार्शल एपी सिंह के नेतृत्व में वायु योद्धाओं ने पाकिस्तान में भारी तबाही मचाई। इतना ही नहीं, पाकिस्तान के सभी ड्रोन एवं मिसाइलों को भी हवा में ध्वस्त किया। यह सभी ऑपरेशन एयर चीफ मार्शल की देखरेख में हुए। वायु सेना प्रमुख का भी प्रयागराज से गहरा नाता रहा है। वायु सेना प्रमुख एपी सिंह प्रयागराज स्थित मध्य वायु कमान में वायु अफसर कमांडिंग-इन-चीफ रह चुके हैं। एक जुलाई 2022 से 31 जनवरी 2023 तक यहां एयर मार्शल पद पर इनकी तैनाती रही। एयर चीफ मार्शल ने वायु सेना की लड़ाकू शाखा में 21 दिसंबर 1984 को कमीशन प्राप्त किया।
वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, रक्षा सेवा स्टाफ काॅलेज तथा राष्ट्रीय रक्षा काॅलेज के पुरा छात्र रहे हैं। उड़ान अनुदेशक एवं एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलट के रूप में उन्हें 49 हजार से अधिक घंटे की अवधि तक उड़ान भरने का अनुभव हासिल है। उनकी विशिष्ट सेवाओं को ध्यान में रखते हुए 26 जनवरी 2019 को राष्ट्रपति ने उन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल प्रदान किया था। वह नेशनल फ्लाइट टेस्ट सेंटर के एलएसी प्रोजेक्ट डाइरेक्टर (फ्लाइंग टेस्ट) और दक्षिणी एवं पश्चिमी वायु कमान के एयर डिफेंस कमांडर भी रह चुके हैं।