इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के छात्रसंघ भवन के सामने शुक्रवार को कृषि विधेयक का विरोध कर रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठियां बरसा दीं। विभिन्न संगठनों के 24 छात्र नेताओं को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन भेज दिया गया। हालांकि देर शाम सभी को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। छात्रों पर हुई इस कार्रवाई की विभिन्न संगठनों ने निंदा की है।
कृषि विधेयक का विरोध करने पर इलाहाबाद विवि छात्रों पर बरसीं लाठियां
कृषि विधेयक के मुद्दे पर शुक्रवार सुबह 11 बजे इविवि छात्रसंघ भवन के सामने सभा बुलाई गई थी। इसमें एनएसयूआई, समाजवादी छात्रसभा, आइसा, एसएफआई के छात्र नेता शामिल हुए। बालसन चौराहे और सिविल लाइंस के सुभाष चौराहे पर चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देने का निर्णय लिया गया।
छात्र बालसन चौराहे पर चल रहे आंदोलन में शामिल होने के लिए जैसे ही आगे बढ़े, पुलिस ने छात्रसंघ भवन के सामने मुख्य गेट बंद करा दिया। तमाम छात्र गेट के ऊपर से कूदकर बाहर सड़क पर आ गए। छात्र आगे बढ़ने लगे तो पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। दोनों तरफ से धक्कामुक्की शुरू हो गई और पुलिस ने लाठियां चला दीं। इसमें एनएसयूआई पूर्वी यूपी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के कपड़े फट गए और हल्की चोट आई। पुलिस की कार्रवाई से वहां अफरातफरी बच गई।
पुलिस ने अखिलेश यादव समेत एनएसयूआई राष्ट्रीय समन्वयक जितेश मिश्र, जिलाध्यक्ष अक्षय यादव, इकाई अध्यक्ष सत्यम कुशवाहा, हरिकेश हैरी, कोमलाक्ष नारायण गिरी, अभिषेक द्विवेदी, समाजवादी छात्रसभा के जिलाध्यक्ष अखिलेश गुप्ता गुड्डू, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष उदय प्रकाश, शोध छात्रा नेहा यादव, समाजवादी छात्रसभा के अविनाश विद्यार्थी, जितेंद्र धनराज, सैफल, राहुल पटेल, आयुष, अभिषेक यादव, शिवबली, अभिषेक, मुबस्सिर, आइसा प्रदेश अध्यक्ष शैलेश पासवान समेत 24 छात्र नेताओं को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन भेज दिया। एसएफआई के विकास स्वरूप समेत अन्य छात्र संगठनों के कई छात्र नेता भी प्रदर्शन शामिल रहे।