Prayagraj : नए पुलिस कमिश्नर के लिए माफिया नेटवर्क का सफाया चुनौती, माफिया के गुर्गे अब भी बेलगाम
नए पुलिस कमिश्नर की नियुक्ति के साथ ही एक बार फिर कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने की जिम्मेदारी एक नई नेतृत्वशैली पर टिकी है। ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस जनपद में नए पुलिस कमिश्नर को कई स्तरों पर बड़ी चुनौतियों से जूझना होगा।


विस्तार
नए पुलिस कमिश्नर की नियुक्ति के साथ ही एक बार फिर कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने की जिम्मेदारी एक नई नेतृत्वशैली पर टिकी है। ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस जनपद में नए पुलिस कमिश्नर को कई स्तरों पर बड़ी चुनौतियों से जूझना होगा। इनमें माफिया नेटवर्क के पूर्ण सफाए, साइबर अपराध पर लगाम और सांप्रदायिक सौहार्द को बनाए रखना शामिल है।
1. माफिया नेटवर्क की सफाई अब भी अधूरी
कुख्यात माफिया अतीक अहमद और अशरफ के सफाए के बाद भी उनके सहयोगी एवं नेटवर्क से जुड़े अपराधी अब भी शहर में सक्रिय हैं। इनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करना नए कमिश्नर की पहली परीक्षा होगी।
2. सांप्रदायिक सौहार्द की चुनौतियाँप्रयागराज में रामनवमी, मोहर्रम, कांवड़ यात्रा जैसे आयोजनों के दौरान कई बार तनावपूर्ण स्थिति बन चुकी है। नए कमिश्नर को सामाजिक सद्भाव और सांप्रदायिक एकता बनाए रखने हेतु सतर्क रणनीति अपनानी होगी।
3. कम उम्र के अपराधियों की बढ़ती भूमिका
शहर में कम उम्र के अपराधियों की संख्या में इज़ाफा हो रहा है। ये चोरी, झपटमारी, बमबाजी जैसे अपराधों में तेजी से संलिप्त हो रहे हैं। बमबाजी फायरिंग करते हुए सोशल मीडिया पर रियल बनाने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। शहर में कम उम्र के अपराधियों के छोटे-छोटे ग्रुप बन गए हैं। इन पर नियंत्रण एक बड़ा टास्क होगा।
4. साइबर अपराध की बढ़ती घटनाएं
डिजिटल युग में साइबर ठगी, बैंक फ्रॉड और सोशल मीडिया अपराध जनपद में भी तेजी से बढ़े हैं। एक मजबूत साइबर सेल और जन-जागरूकता अभियान की आवश्यकता महसूस की जा रही है। साइबर थाना और साइबर सेल साइबर अपराधियों के नेटवर्क की तह तक जाकर उनका पता लगाने में नाकाम साबित हुई है।
5. लंबित मामलों की निष्पक्ष विवेचना
जनपद में कई संवेदनशील एवं चर्चित मामले अभी भी लंबित हैं। इनकी निष्पक्ष और समयबद्ध विवेचना से ही पुलिस की छवि में सुधार संभव है। लंबित विवेचना प्रयागराज में काफी अरसे से बड़ी समस्या रही है और इसको लेकर पूर्व में न्यायालय भी फटकार लगा चुका है। इसके अलावा शहर से सटे नैनी, झूंसी फाफामऊ जैसे थाना क्षेत्र में जमीन के नाम पर भूमाफियाओं की ओर से खेल किए जाने की घटनाओं पर भी लगाम लगाना बेहद जरूरी है।
6. पुलिस बल का मनोबल और संसाधन प्रबंधन
थानों में संसाधनों की कमी, अत्यधिक कार्यभार और सीमित बल के चलते पुलिसकर्मियों का मनोबल प्रभावित होता है। नए पुलिस कमिश्नर को आंतरिक सुधार और कर्मियों के कल्याण पर भी फोकस करना होगा।
कुंभ के सफल आयोजन, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए याद किए जाएंगे आईजी तरुण गाबा
प्रयागराज जैसे संवेदनशील और ऐतिहासिक शहर में शांति, सुरक्षा और प्रशासनिक पारदर्शिता को बनाए रखने की बड़ी चुनौती का पुलिस कमिश्नर तरुण गाबा ने बेहद कुशलता, दृढ़ता और सूझबूझ से सामना किया। उनके नेतृत्व में संगठित अपराध, माफिया गतिविधियों और भू-माफियाओं पर लगातार शिकंजा कसा गया। शहर में सक्रिय अपराधियों की सूची तैयार कर उन्हें चिन्हित कर धारा 129(जी) बीएनएसएस के अंतर्गत पाबंद करना कमिश्नर की रणनीतिक सोच का हिस्सा रहा। इससे पूर्व अपराधियों की गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित हुआ। उन्होंने तकनीक को प्राथमिकता दी। मोहर्रम, रामनवमी, होली और चुनावी समय जैसे संवेदनशील अवसरों पर कानून व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस कमिश्नर की रणनीति प्रभावशाली रही। कहीं भी कोई बड़ी अप्रिय घटना नहीं हुई, जिससे शांति और सौहार्द बना रहा।