UPPSC Topper Shakti Dubey Interview : असफलता से सब कुछ खत्म नहीं होता, शक्ति ने सफलता के बताए चार मंत्र
सिविल सेवा परीक्षा में पहला स्थान हासिल करने वाली शक्ति दुबे ने अमर उजाला से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने जब यूपीएससी के रिजल्ट में सबसे ऊपर अपना नाम देखा तो उन्हें एक बार विश्वास ही नहीं हुआ।


विस्तार
दो तीन दिन से चल रहा था अब रिजल्ट आएगा तब आएगा, लेकिन जब रिजल्ट आया और मैंने देखा कि सबसे ऊपर ही मेरा नाम है तब थोड़ी देर के लिए विश्वास ही नहीं हुआ। मुझे लगा किसी ने फेक जारी कर दिया है। मैंने फिर घर पर पापा-मम्मी फोन किया। तब तक क्रास चेक कर मुझे बताया गया कि वह आपका ही रोल नंबर है। फिर तो यह सुनकर मुझे काफी खुशी हुई, जब पता चला कि मैं टॉप कर गई हूं।
पहले तो नैनी स्थित सोमेश्वर कॉलोनी में अपने आवास पर पिता देवेंद्र दुबे और मां प्रेमा देवी ने बेटी की सफलता के पीछे उसकी मेहनत और खुद के समय प्रबंधन की देन बताते रहे। फोन पर ही उन्होंने शक्ति से बात कराई। शक्ति अपनी सफलता की कहानी बताते हुए कई बार भावुक हुईं। वह बताती हैं कि गलतियों से हमेशा सीखना चाहिए। चार इतने प्रयासों के दौरान जो गलतियां थीं, उससे सीखकर मैंने लक्ष्य तय करने के लिए आगे बढ़ना जारी रखा। जो भी गलतियां कीं, उससे सीखा। मुझे पांचवें प्रयास के दौरान उन चीजों से मदद मिली और आखिरकार मैंने इस बार पहली रैंक हासिल कर ली।
माता-पिता ने नहीं हारने दी हिम्मत

वह अपनी इस बड़ी कामयाबी का श्रेयक किसे देना चाहेंगी, इस पर आईएएस टॉपर शक्ति कहती हैं कि हौसला नहीं टूटने देने और इसे बनाए रखने में माता-पिता और बड़े भाई-बहनों का बहुत योगदान रहा है। उन्होंने हमेशा ही मुझसे कहा कि तुम कर सकती हो। थोड़ी बहुत जो कमियां हैं उस पर काम करो। मैंने वहीं किया और मुझे ये सफलता मिल गई।
कितने घंटे आपने पढ़ाई करती थीं और दूसरे प्रतियोगियों के लिए क्या सुझाव देंगी- इस पर शक्ति का कहना था कि यूपीएससी परीक्षा को लेकर मैं पढ़ाई के घंटों पर कभी निर्भर नहीं रही। मैंने कुछ चीजें प्लान की हुई थीं। मैंने कभी कभी छह, कभी आठ तो कभी 12 घंटे भी तैयारी के लिए समय दिया। मेंस के टाइम में यह समय बढ़ा भी। वह बताती हैं कि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वालों को चार चीजें ध्यान में रखनी चाहिए। करेंट अफेयर्स, जीएस, ऑप्शनल और मॉक प्रैक्टिस पर ध्यान दिया जाए तो बहुत हद तक लक्ष्य तय करना आसान हो सकता है।
मेरी कोई फिक्स बुक लिस्ट नहीं

परीक्षा की तैयारी के लिए बेहतर किताबों के टिप्स को लेकर वह कहती हैं कि मेरी कोई फिक्स बुक लिस्ट नहीं थी। मैं कई तरह के रिसोर्स से तैयारी किया करती थी। मुझे लगता है कि यह सबसे बड़ी गलती थी। मैं इस परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं से कहना चाहूंगी कि वो लिमिटेड बुक रिसोर्स रखें।
अपनी बुक लिस्ट लिमिटेड रखने के साथ उसको बार-बार रिविजन करें। पुराने पूछे सवालों को भी पढ़ते रहना चाहिए। वह बताती हैं कि इससे पहले के तीन प्रयासों में मेरा प्रिलिम्स क्लियर नहीं हुआ था। चौथे प्रयास में मैं इंटरव्यू तक गई थी। उस वक्त कट ऑफ से सिर्फ 12 नंबर कम था, जिस वजह से मेरा नाम लिस्ट में नहीं आ पाया था।

पिछड़ों और महिलाओं का जीवन बेहतर करने का है शक्ति का सपना
आईएएस टॉपर शक्ति दुबे का सपना है कि अब वह पिछड़े इलाकों में महिलाओं की जिंदगी रोशन करने के लिए कुछ करेंगी। वह कहती हैं कि अधिकार मिल जाने के बाद पिछड़े इलाकों खासकर महिलाओं के लिए वह काफी कुछ करना चाहेंगी। पिछड़े इलाकों में बहुत समस्याएं हैं, जिन्हें वो दूर करना चाहेंगी।असफलता से निराश होकर खुदकुशी करने वाले छात्रों को लेकर आईएएस टॉपर कहती हैं कि एक परीक्षा में मिली असफलता से सब कुछ खत्म नहीं होता है। आप खुद में भरोसा बनाए रखें। अपने माता-पिता से लगातार बातें करें। माता-पिता ही आपको सही रास्ता दिखा सकते हैं।