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Ambedkar Nagar News: 48 सीढि़यों पर रोज इम्तिहान देते दिव्यांग
संवाद न्यूज एजेंसी, अम्बेडकरनगर
Updated Mon, 01 Dec 2025 12:47 AM IST
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रैंप न होने से फुटओवरब्रिज से जाता दिव्यांग।
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अंबेडकरनगर। अकबरपुर रेलवे स्टेशन अमृत भारत योजना में शामिल है, लेकिन बीमार, दिव्यांग व बुजुर्ग यात्रियों को लाने व ले जाने के लिए स्वचालित सीढ़ी व रैंप तक की व्यवस्था नहीं है। एक से दूसरे प्लेटफार्म तक जाने के लिए करीब 48 सीढि़यों की चुनौती को पार करना होता है।
अकबरपुर रेलवे स्टेशन अमृत भारत योजना में शामिल है। रोजाना यहां से प्रतिदिन व साप्ताहिक 33 जोड़ी गाड़ियां गुजरती हैं। इसमें दो से तीन हजार यात्री सफर करते हैं। यात्रियों को रोजाना अव्यवस्थाओं से दो-चार होना पड़ता है।
स्टेशन पर आने वाले दिव्यांग, बीमार, बुजुर्गों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यूं तो स्टेशन पर व्हीलचेअर और स्ट्रेचर की व्यवस्था है, जिसे पूछताछ काउंटर से यात्री ले सकते हैं, लेकिन रैंप न होने के कारण इनका इस्तेमाल भी नहीं हो पाता है।
ऐसे में दिव्यांग सीढ़ी चढ़ने की जगह रेलवे ट्रैक को ही जैसे-तैसे पार करके प्लेटफार्म तक जाते हैं। कई लोग दूसरों का सहारा लेकर फुटओवर ब्रिज से एक से दूसरे प्लेटफार्म पर पहुंचते हैं। किछौछा शरीफ की दरगाह होने की वजह से यहां दूसरे प्रदेशों से भी यात्रियों का आना-जाना लगा रहता है। दिव्यांग व बीमार बुजुर्ग इस अव्यवस्था को देख कोसते नजर आते हैं।
दिव्यांग यात्री फूलमती व अभिजीत ने बताया कि स्टेशन पर प्लेटफार्म एक तक जाने के लिए केवल मुख्य द्वार पर ही रैंप है। प्लेटफॉर्म दो पर जाने के लिए कोई सुविधा नहीं है। ट्रेन से सफर करने के लिए प्लेटफार्म दो पर जाना किसी मुसीबत से कम नहीं है।
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अकबरपुर रेलवे स्टेशन अमृत भारत योजना में शामिल है। रोजाना यहां से प्रतिदिन व साप्ताहिक 33 जोड़ी गाड़ियां गुजरती हैं। इसमें दो से तीन हजार यात्री सफर करते हैं। यात्रियों को रोजाना अव्यवस्थाओं से दो-चार होना पड़ता है।
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स्टेशन पर आने वाले दिव्यांग, बीमार, बुजुर्गों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यूं तो स्टेशन पर व्हीलचेअर और स्ट्रेचर की व्यवस्था है, जिसे पूछताछ काउंटर से यात्री ले सकते हैं, लेकिन रैंप न होने के कारण इनका इस्तेमाल भी नहीं हो पाता है।
ऐसे में दिव्यांग सीढ़ी चढ़ने की जगह रेलवे ट्रैक को ही जैसे-तैसे पार करके प्लेटफार्म तक जाते हैं। कई लोग दूसरों का सहारा लेकर फुटओवर ब्रिज से एक से दूसरे प्लेटफार्म पर पहुंचते हैं। किछौछा शरीफ की दरगाह होने की वजह से यहां दूसरे प्रदेशों से भी यात्रियों का आना-जाना लगा रहता है। दिव्यांग व बीमार बुजुर्ग इस अव्यवस्था को देख कोसते नजर आते हैं।
दिव्यांग यात्री फूलमती व अभिजीत ने बताया कि स्टेशन पर प्लेटफार्म एक तक जाने के लिए केवल मुख्य द्वार पर ही रैंप है। प्लेटफॉर्म दो पर जाने के लिए कोई सुविधा नहीं है। ट्रेन से सफर करने के लिए प्लेटफार्म दो पर जाना किसी मुसीबत से कम नहीं है।