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Amethi News: मनुष्य को कभी नहीं करना चाहिए घमंड
संवाद न्यूज एजेंसी, अमेठी
Updated Tue, 30 Dec 2025 01:36 AM IST
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जामों। श्रीमद्भागवत कथा श्रवण मात्र से मनुष्य पाप कर्मों से मुक्ति पा लेता है। कथा स्थल स्वयं तीर्थ स्थान बन जाता है। यहीं पर सभी देवी-देवताओ का वास हो जाता है। ये बातें गोगमऊ गांव के जय मां विंध्यवासिनी धाम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन सोमवार को प्रवाचक आचार्य औचित्यानंद महाराज ने कहीं।
प्रवाचक ने बताया कि मनुष्य का जीवन क्षण भंगुर है। इस पर कभी घमंड नहीं करना चाहिए। अपने आराध्य देव की शरण में रहकर ईश्वर का भजन-कीर्तन करना चाहिए। इसी से मानव जीवन सुखमय होता है। भगवान प्रत्येक जगह पर मौजूद हैं। इनका दृढ़ निश्चय और विश्वास के साथ स्मरण करना चाहिए।
प्रवाचक ने कहा कि मनुष्य इस भौतिक युग की भागदौड़ में लगकर जीवन बर्बाद कर लेता है जबकि यही समय भगवत भजन में लगाए तो परिवार में सुख-शांति मिल सकती है। प्रवाचक ने भागवत के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर मुख्य यजमान मंदिर के महंत शिवकुमार पांडेय, अंबे सहाय मिश्र, मनोज कुमार, रणधीर, डाॅ. अनिल कुमार मिश्र, सुरेश मिश्र आदि मौजूद रहे।
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प्रवाचक ने बताया कि मनुष्य का जीवन क्षण भंगुर है। इस पर कभी घमंड नहीं करना चाहिए। अपने आराध्य देव की शरण में रहकर ईश्वर का भजन-कीर्तन करना चाहिए। इसी से मानव जीवन सुखमय होता है। भगवान प्रत्येक जगह पर मौजूद हैं। इनका दृढ़ निश्चय और विश्वास के साथ स्मरण करना चाहिए।
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प्रवाचक ने कहा कि मनुष्य इस भौतिक युग की भागदौड़ में लगकर जीवन बर्बाद कर लेता है जबकि यही समय भगवत भजन में लगाए तो परिवार में सुख-शांति मिल सकती है। प्रवाचक ने भागवत के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर मुख्य यजमान मंदिर के महंत शिवकुमार पांडेय, अंबे सहाय मिश्र, मनोज कुमार, रणधीर, डाॅ. अनिल कुमार मिश्र, सुरेश मिश्र आदि मौजूद रहे।
