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Amethi News: मन को पवित्र करता है राम नाम का स्मरण
संवाद न्यूज एजेंसी, अमेठी
Updated Tue, 30 Dec 2025 01:35 AM IST
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अमेठी। प्रभु श्रीराम का जीवन मर्यादा, सत्य और करुणा का ऐसा आदर्श है जो मानव को धर्म, कर्तव्य और सेवा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। उनके बताए मार्ग पर चलकर ही व्यक्ति अपने जीवन को सच्चे अर्थों में सार्थक बना सकता है। ये बातें अयोध्या धाम से पधारे प्रवाचक आचार्य कृष्णानंद महाराज ने सोमवार को नौ दिवसीय श्रीराम कथा के अंतिम दिन कहीं।
संग्रामपुर क्षेत्र के ठेंगहा पूरे हरिवंश स्थित एक मैरिज लॉन में आयोजित कथा के समापन अवसर पर प्रवाचक ने श्रीराम के संपूर्ण चरित्र का सार प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम का जीवन त्याग, संयम और कर्तव्य का अनुपम उदाहरण है। रामकथा से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हर परिस्थिति में धर्म और सत्य के मार्ग पर अडिग रहना चाहिए।
प्रवाचक ने कहा कि श्रीराम का नाम और उनके आदर्श मानव जीवन का आधार हैं। राम नाम का स्मरण मन को पवित्र करता है और जीवन को सही दिशा देता है। उन्होंने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे दैनिक जीवन में रामकथा के संदेशों को आत्मसात करें। समापन अवसर पर कथा स्थल पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। पंडाल जय श्रीराम के उद्घोष और भजन-कीर्तन से गूंज उठा। कथा सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। इस मौके पर गार्ड मिश्र, अरविंद मिश्र, गोपी तिवारी, मनोज मिश्र, विजय तिवारी, अवनीश मिश्र आदि मौजूद रहे।
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संग्रामपुर क्षेत्र के ठेंगहा पूरे हरिवंश स्थित एक मैरिज लॉन में आयोजित कथा के समापन अवसर पर प्रवाचक ने श्रीराम के संपूर्ण चरित्र का सार प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम का जीवन त्याग, संयम और कर्तव्य का अनुपम उदाहरण है। रामकथा से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हर परिस्थिति में धर्म और सत्य के मार्ग पर अडिग रहना चाहिए।
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प्रवाचक ने कहा कि श्रीराम का नाम और उनके आदर्श मानव जीवन का आधार हैं। राम नाम का स्मरण मन को पवित्र करता है और जीवन को सही दिशा देता है। उन्होंने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे दैनिक जीवन में रामकथा के संदेशों को आत्मसात करें। समापन अवसर पर कथा स्थल पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। पंडाल जय श्रीराम के उद्घोष और भजन-कीर्तन से गूंज उठा। कथा सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। इस मौके पर गार्ड मिश्र, अरविंद मिश्र, गोपी तिवारी, मनोज मिश्र, विजय तिवारी, अवनीश मिश्र आदि मौजूद रहे।
