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Amethi News: सबसे ठंडा रहा शनिवार, बरसा कोहरा, लुढ़का पारा

संवाद न्यूज एजेंसी, अमेठी Updated Sun, 21 Dec 2025 12:23 AM IST
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Saturday was the coldest day with heavy fog and temperatures dropping.
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अमेठी सिटी। तीन दिनों से लगातार पड़ रहा कोहरा शनिवार को बारिश की बूंदों की तरह बरसा। इससे शनिवार सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा। पारा गिर कर अधिकतम 14 और न्यूनतम 7.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। दिनभर सूर्यदेव कोहरे व धुंध की परत के बीच दुबके रहे। कड़ाके की ठंड से लोग बहुत जरूरी काम होने पर ही घरों से बाहर निकले। सड़कों पर भी वाहनों की आवाजाही काफी कम रही। सबसे ज्यादा परेशानी कोहरे में स्कूल जाने वाले बच्चों को हुई।
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मौसम वैज्ञानिक डॉ. अमरनाथ मिश्र के अनुसार जिले में शनिवार इस सीजन का अब तक का सबसे ठंडा दिन दर्ज किया गया। आगामी 24 घंटे में घना कोहरा छाए रहने के साथ ही कुछ इलाकों में पाला गिरने की संभावना भी जताई गई है। घरों से बाहर निकले लोग पूरी तरह गर्म कपड़े पहने होने के बावजूद गलन के कारण ठंड से कांपते नजर आए। बाजार में जहां सन्नाटा पसरा दिखा वहीं कार्यालयों में अफसर व कर्मी ब्लोअर के सहारे कामकाज निपटाते नजर आए। ठंड का प्रकोप बढ़ने के बाद भी सार्वजनिक स्थलों पर अलाव इत्यादि जलवाने के उचित इंतजाम न होने से लोगों को खुद ही ठंड से बचने के लिए कागज लकड़ी एकत्रित कर जलाना पड़ रहा है।
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गेहूं के लिए फायदेमंद, आलू, दलहन को नुकसान
बढ़ती ठंड व कोहरा गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद है तो आलू संग दलहन और तिलहन की फसलों पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. नवनीत मिश्र ने बताया कि 24 से 48 घंटों तक कोहरा और बदली से रबी की फसलों को फायदा ही होता है। कोहरा लगातार 72 घंटों से अधिक रहा तो फसलों में माहों जैसे कीट के लगने की संभावना बढ़ जाएगी। सलाह दी कि किसान फसलों को पाले से बचाव के लिए खेत में नमी बरकरार रखें और खेत के चारों ओर धुआं करें।
स्कूल नहीं भेजी डेस्क और बेंच, बच्चे परेशान

परिषदीय विद्यालयों में फर्नीचर खरीद की प्रक्रिया पांच माह देरी से शुरू हुई है। इस कारण अभी तक डेस्क और बेंच सभी स्कूलों में नहीं भेजी जा सकी हैं। जिससे ठंड बढ़ने पर बच्चों को काफी परेशानी उठाना पड़ रही है। बीएसए संजय कुमार तिवारी ने बताया कि कंपनी फर्नीचर की आपूर्ति कर चुकी है। तकनीकी जांच पूरी होते ही डेस्क-बेंच विद्यालयों में भिजवाएं जाएंगे।
बिना स्वेटर और यूनिफार्म के स्कूल पहुंच रहे बच्चे

परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले 4260 बच्चों को अब तक यूनिफॉर्म, जूता-मोजा और स्वेटर की धनराशि नहीं मिल सकी है। अभिभावकों के बैंक खातों का सत्यापन पूरा न होने से डीबीटी भुगतान अटका हुआ है। दिसंबर में ठंड बढ़ने के साथ कई बच्चे बिना स्वेटर और पुरानी यूनिफॉर्म पहनकर ही विद्यालय आने को विवश हैं। जिले में 1570 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं, जिनमें कुल 1,37,192 विद्यार्थी नामांकित हैं। सितंबर में 1,32,932 विद्यार्थियों के अभिभावकों के खातों में धनराशि भेज दी गई थी, लेकिन शेष 4260 बच्चों का भुगतान लंबित है।
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