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Amroha News: बेटी से दुष्कर्म की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने वाले पिता को एक माह की सजा
संवाद न्यूज एजेंसी, अमरोहा
Updated Tue, 25 Nov 2025 02:44 AM IST
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अमरोहा। बेटी के साथ दुष्कर्म की झूठी एफआईआर दर्ज कराने वाले पिता को कोर्ट ने एक महीने की सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट में गवाही के दौरान पिता ने बेटी के साथ हुई घटना से इनकार करते हुए झूठा मुकदमा दर्ज करना स्वीकार किया है।
यह मामला अमरोहा देहात थानाक्षेत्र के गांव का है। यहां पर अनुसूचित जाति के किसान का परिवार रहता है। उनके द्वारा दर्ज कराई रिपोर्ट के मुताबिक गांव के ही जिंकल मान ने उनकी नाबालिग को घर के पीछे प्राथमिक स्कूल में ले जाकर दुष्कर्म किया था जबकि एक अज्ञात व्यक्ति मौके पर स्कूटी लेकर खड़ा था। बेटी के शोर मचाने पर पहुंचे किसान को देखकर जिंकल भाग गया था। किसान की तहरीर पर पुलिस ने जिंकल के खिलाफ दुष्कर्म पॉक्सो एक्ट और एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया था।
मामले में पुलिस ने जिंकल मान के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया था। मुकदमे की सुनवाई अपर सत्र न्यायधीश विशेष पॉक्सो एक्ट प्रथम की अदालत में चल रही थी। सुनवाई के दौरान बेटी के साथ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने वाले पिता ने घटना होने से ही मना कर दिया। साथ ही उन्होंने झूठी एफआईआर दर्ज कराने की बात स्वीकार कर ली। साक्ष्यों और सबूतों के आधार पर न्यायालय ने झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने वाले पिता को धारा 22 पॉक्सो के अंतर्गत मिथ्या सूचना देने का दोषी पाया। साथ ही एक महीने के कारावास की सजा सुनाई और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
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यह मामला अमरोहा देहात थानाक्षेत्र के गांव का है। यहां पर अनुसूचित जाति के किसान का परिवार रहता है। उनके द्वारा दर्ज कराई रिपोर्ट के मुताबिक गांव के ही जिंकल मान ने उनकी नाबालिग को घर के पीछे प्राथमिक स्कूल में ले जाकर दुष्कर्म किया था जबकि एक अज्ञात व्यक्ति मौके पर स्कूटी लेकर खड़ा था। बेटी के शोर मचाने पर पहुंचे किसान को देखकर जिंकल भाग गया था। किसान की तहरीर पर पुलिस ने जिंकल के खिलाफ दुष्कर्म पॉक्सो एक्ट और एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया था।
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मामले में पुलिस ने जिंकल मान के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया था। मुकदमे की सुनवाई अपर सत्र न्यायधीश विशेष पॉक्सो एक्ट प्रथम की अदालत में चल रही थी। सुनवाई के दौरान बेटी के साथ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने वाले पिता ने घटना होने से ही मना कर दिया। साथ ही उन्होंने झूठी एफआईआर दर्ज कराने की बात स्वीकार कर ली। साक्ष्यों और सबूतों के आधार पर न्यायालय ने झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने वाले पिता को धारा 22 पॉक्सो के अंतर्गत मिथ्या सूचना देने का दोषी पाया। साथ ही एक महीने के कारावास की सजा सुनाई और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।