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Auraiya News: अपार आईडी बनवाने में मदरसे फिसड्डी, मान्यता पर संकट
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औरैया। बच्चों की अपार आईडी बनाने में जिले के मदरसों की ओर से बरती जा रही ढिलाई उनके लिए मुश्किल का सबब बन सकती है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर से कई बार चेतावनी देने के बाद भी सुधार नहीं हो रहा है। अब प्रशासन इन मदरसों पर कार्रवाई करने की तैयारी में है।
जिले में 17 मदरसे हैं। दो मदरसों के प्रबंधक अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को लिखकर दे चुके हैं कि वे अब मदरसा संचालित नहीं करना चाहते। शेष 15 मदरसों में 50 फीसदी छात्रों की ही अपार आईडी बन पाई है जबकि आईडी बनाने का काम जनवरी से चल रहा है। मदरसों का कंट्रोल जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के हिस्से आता है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से बार-बार विभाग को पत्र लिखकर अपार आईडी बनवाने के कार्य में तेजी लाने की बात कही जा रही है।
विभाग की चेतावनी के बाद भी मदरसा प्रबंधन ढिलाई बरत रहे हैं। इसको लेकर अब प्रशासन ने कार्रवाई करने का मन बना लिया है। साफ कर दिया गया है कि जल्द अगर शत-प्रतिशत आईडी नहीं बनीं तो मदरसों की मान्यता रद कर दी जाएगी।
अपार आईडी योजना योजना के तहत प्री-प्राइमरी से लेकर इंटरमीडिएट तक के सभी छात्रों की एक विशिष्ट आईडी बनाई जानी है। इसे नई शिक्षा नीति के तहत लाया गया है। इसमें छात्रों के एजुकेशनल रिकॉर्ड डिजिटल रूप में स्टोर रहेंगे। स्कूलों को इसे अपने सभी छात्रों के लिए बनवाना होगा। इससे छात्रों की अपने रिकॉर्ड तक पहुंच बेहतर।
मदरसों में अपार आईडी बनवाने का कार्य तेजी से करने के लिए कई बार चेतावनी दी गई है। यह काम जल्द पूरा नहीं किया तो मान्यता रद करने की कार्रवाई की जाएगी।
- रविंद्र कुमार शशि, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी
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जिले में 17 मदरसे हैं। दो मदरसों के प्रबंधक अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को लिखकर दे चुके हैं कि वे अब मदरसा संचालित नहीं करना चाहते। शेष 15 मदरसों में 50 फीसदी छात्रों की ही अपार आईडी बन पाई है जबकि आईडी बनाने का काम जनवरी से चल रहा है। मदरसों का कंट्रोल जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के हिस्से आता है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से बार-बार विभाग को पत्र लिखकर अपार आईडी बनवाने के कार्य में तेजी लाने की बात कही जा रही है।
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विभाग की चेतावनी के बाद भी मदरसा प्रबंधन ढिलाई बरत रहे हैं। इसको लेकर अब प्रशासन ने कार्रवाई करने का मन बना लिया है। साफ कर दिया गया है कि जल्द अगर शत-प्रतिशत आईडी नहीं बनीं तो मदरसों की मान्यता रद कर दी जाएगी।
अपार आईडी योजना योजना के तहत प्री-प्राइमरी से लेकर इंटरमीडिएट तक के सभी छात्रों की एक विशिष्ट आईडी बनाई जानी है। इसे नई शिक्षा नीति के तहत लाया गया है। इसमें छात्रों के एजुकेशनल रिकॉर्ड डिजिटल रूप में स्टोर रहेंगे। स्कूलों को इसे अपने सभी छात्रों के लिए बनवाना होगा। इससे छात्रों की अपने रिकॉर्ड तक पहुंच बेहतर।
मदरसों में अपार आईडी बनवाने का कार्य तेजी से करने के लिए कई बार चेतावनी दी गई है। यह काम जल्द पूरा नहीं किया तो मान्यता रद करने की कार्रवाई की जाएगी।
- रविंद्र कुमार शशि, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी