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Auraiya News: मेडिकल कॉलेज के पुराने भवन में इसी हफ्ते शुरू होंगे दो मॉड्यूलर ओटी
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औरैया। चिचौली स्थित मेडिकल कॉलेज के ऑपरेशन थियेटर की छत बीते एक माह से टपक रही है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन अब जल्द ही ओटी को शिफ्ट करने की तैयारी कर रहा है।
करीब डेढ़ साल पहले मेडिकल कॉलेज की नई बिल्डिंग में ओपीडी, इमरजेंसी व ओटी को शिफ्ट किया गया था। स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी होने के साथ ही ओपीडी का आंकड़ा 600 से बढ़कर दो हजार के पार गया। वहीं, रोजाना 20 से 30 अलग-अलग तरह के ऑपरेशन भी होने शुरू हो गए। दीपावली से पहले अचानक नई बिल्डिंग की छत टपकने लगी। पाइपलाइन में लीकेज से यह समस्या हुई।
ओटी जैसे संवेदनशील स्थान पर पानी टपकना मरीजों की जान जोखिम में डालना था। ऐसे में ओटी में रोजाना हो रहे ऑपरेशन पर संकट गहराने लगा। शल्य चिकित्सा के दौरान गंदे पानी से संक्रमण फैलने का भी खतरा मंडरा रहा था। सर्जन व ओटी स्टॉफ की ओर से लगातार इसे लेकर समस्या दूर कराए जाने की मांग की जा रही थी। मामले को लेकर मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से पुरानी बिल्डिंग में दो मॉड्यूलर ओटी को तैयार किया जा रहा है। अब यहां पर सर्जन मरीजों के ऑपरेशन कर सकेंगे। नई बिल्डिंग के साथ ही पुरानी बिल्डिंग में शिफ्ट हो रही ओटी से काफी हद तक मरीजों को राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मुकेश वीर सिंह ने बताया कि पुरानी बिल्डिंग में दो मॉड्यूलर ओटी तैयार कराई जा रही हैं। इसी सप्ताह से संचालन शुरू हो जाएगा। सभी उपकरण फिट करा दिए गए हैं।
मरीजों के ऑपरेशन के मामले में मेडिकल कॉलेज के 15 विभाग फिलहाल सक्रिय हैं। इनमें हड्डी रोग विभाग, स्त्री रोग विभाग, एनाटाॅमी, कम्यूनिटी मेडिसन, जनरल ऑपरेशन, स्किन, ईएनटी शामिल हैं। इन ऑपरेशन की रोजाना मानीटरिंग भी की जा रही है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से ऑपरेशन के बाद मरीजों से फीडबैक लिया जा रहा है।
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करीब डेढ़ साल पहले मेडिकल कॉलेज की नई बिल्डिंग में ओपीडी, इमरजेंसी व ओटी को शिफ्ट किया गया था। स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी होने के साथ ही ओपीडी का आंकड़ा 600 से बढ़कर दो हजार के पार गया। वहीं, रोजाना 20 से 30 अलग-अलग तरह के ऑपरेशन भी होने शुरू हो गए। दीपावली से पहले अचानक नई बिल्डिंग की छत टपकने लगी। पाइपलाइन में लीकेज से यह समस्या हुई।
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ओटी जैसे संवेदनशील स्थान पर पानी टपकना मरीजों की जान जोखिम में डालना था। ऐसे में ओटी में रोजाना हो रहे ऑपरेशन पर संकट गहराने लगा। शल्य चिकित्सा के दौरान गंदे पानी से संक्रमण फैलने का भी खतरा मंडरा रहा था। सर्जन व ओटी स्टॉफ की ओर से लगातार इसे लेकर समस्या दूर कराए जाने की मांग की जा रही थी। मामले को लेकर मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से पुरानी बिल्डिंग में दो मॉड्यूलर ओटी को तैयार किया जा रहा है। अब यहां पर सर्जन मरीजों के ऑपरेशन कर सकेंगे। नई बिल्डिंग के साथ ही पुरानी बिल्डिंग में शिफ्ट हो रही ओटी से काफी हद तक मरीजों को राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मुकेश वीर सिंह ने बताया कि पुरानी बिल्डिंग में दो मॉड्यूलर ओटी तैयार कराई जा रही हैं। इसी सप्ताह से संचालन शुरू हो जाएगा। सभी उपकरण फिट करा दिए गए हैं।
मरीजों के ऑपरेशन के मामले में मेडिकल कॉलेज के 15 विभाग फिलहाल सक्रिय हैं। इनमें हड्डी रोग विभाग, स्त्री रोग विभाग, एनाटाॅमी, कम्यूनिटी मेडिसन, जनरल ऑपरेशन, स्किन, ईएनटी शामिल हैं। इन ऑपरेशन की रोजाना मानीटरिंग भी की जा रही है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से ऑपरेशन के बाद मरीजों से फीडबैक लिया जा रहा है।