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Auraiya News: दर्द-ए-दिल लेकर कानपुर-सैफई की दौड़ लगा रहे मरीज

Kanpur	 Bureau कानपुर ब्यूरो
Updated Wed, 12 Nov 2025 11:33 PM IST
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Patients running between Kanpur and Saifai with heartache
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ककोर। दो साल पहले खुले मेडिकल कॉलेज में हृदय रोगियों के उपचार के लिए हृदय रोग विशेषज्ञ (कार्डियोलॉजिस्ट) की तैनाती अब तक नहीं हो सकी है। इससे दिल के मरीजों को इलाज के लिए कानपुर या सैफई अस्पतालों की दौड़ लगानी पड़ रही है। मरीज की मानें तो सीने में दर्द, सांस फूलना या छाती में भारीपन जैसी शिकायतों पर कॉलेज में सिर्फ सामान्य जांच और दवाएं दी जाती हैं। गंभीर मरीजों को अन्य जनपदों में रेफर किया जाता है। इधर, सर्दी शुरू होने से दिल के मरीजों की संख्या भी बढ़ी है।
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गौरतलब है कि चिचौली स्थित जिला अस्पताल परिसर में दो साल पहले मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई थी। इससे जिले को लोगों को उम्मीद जगी थी कि अब गंभीर रोगों के इलाज के लिए बड़े शहरों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। इसमें कुछ उम्मीदें तो पूरी होती दिखी , लेकिन ह्र्दय जैसे गंभीर रोगों के लिए यहां अब तक कोई व्यवस्था नहीं हो सकी है। इससे ह्रदय रोगियों को गंभीर हालत में कानपुर, आगरा, सैफई या फिर दिल्ली तक दौड़ लगानी पड़ती है। तीमारदारों का कहना है कि करोड़ों रुपये की लागत से बने मेडिकल कॉलेज में अगर विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती नहीं होगी तो इस संस्थान का उद्देश्य कैसे पूरा हो सकेगा।
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सीएमएस डॉ. पवन कुमार शर्मा ने बताया कि हृदय रोगियों को बेहतर प्राथमिक उपचार देने के उद्देश्य से स्टेमी प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया था। इसके तहत डॉ. अपर्णा संखवार और डॉ. प्रीति कुमारी को कानपुर कार्डियोलॉजी सेंटर में प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था। अब ये दोनों डॉक्टर मेडिकल कॉलेज में आने वाले हृदय रोगियों को प्राथमिक स्तर पर इलाज प्रदान कर रही हैं। डॉ. शर्मा ने कहा कि यहां आने वाले मरीजों की ईसीजी जांच और ट्रोपटी किट से टेस्ट कर प्राथमिक उपचार दिया जाता है। गंभीर स्थिति वाले मरीजों को सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी या कानपुर कार्डियोलॉजी के लिए रेफर किया जाता है। उन्होंने बताया कि खून के थक्के को कम करने के लिए दो महत्वपूर्ण इंजेक्शन दवाएं खरीदी गई हैं। इन्हें जल्द ही स्टोर में उपलब्ध करा दिया जाएगा। इससे आपात स्थिति में मरीजों को तुरंत राहत देने में मदद मिलेगी।
डॉ. पवन शर्मा ने ठंड के मौसम में ह्रदय रोगियों को सुझाव दिया है कि गरम कपड़े पहनें। शरीर का तापमान नियंत्रित रखे व भारी शारीरिक काम से बचें। यदि टहलने जा रहे हैं तो शरीर को ढककर निकलें। सूप, चाय या गर्म पानी पीएं और दवाइयों का समय पर सेवन करें। यदि छाती में दर्द, सांस फूलना या चक्कर आने जैसी समस्या महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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