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Auraiya News: खतौनी का झंझट खत्म, अब पासबुक से मिलेगी खाद
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औरैया। सीजन पर खाद की ज्यादा खपत होती है। किसानों को खाद के सीमित प्रयोग को लेकर जागरूक करने के साथ ही साल 2024 में नई व्यवस्था अपनाई गई। इसमें खेत के रकबे के अनुसार समितियों पर खाद मुहैया होने की व्यवस्था अपनाई गई। जिसके लिए किसानों को पॉश मशीन से लेकर खतौनी के कागजात की अनिवार्यता कर दी गई। अब इन कागजों से किसानों को छुटकारा दिलाने के लिए समितियों पर सदस्य किसानों को पासबुक मुहैया कराई जाएगी। जिसमें खाद से लेकर खेत का रकबा सब कुछ दर्ज होगा।
जिले की 79 समितियों में से 75 समितियां वर्तमान में सक्रिय हैं। सहकारिता विभाग की ओर से इन समितियों पर सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है। जबकि इन समितियों पर 1.21 लाख किसान पहले से ही सदस्य थे। वहीं नए आंकड़े के अनुसार 30 हजार नए सदस्य बन रहे हैं। ऐसी स्थिति में अब जिले में डेढ़ लाख के करीब किसान समितियों के सदस्य हो जाएंगे। सदस्यता अभियान में प्रत्येक किसान से 221 रुपये लिए जा रहे हैं। वहीं पांच रुपये अतिरिक्त भी लिए जा रहे हैं। इस पांच रुपये से प्रत्येक किसान को एक पासबुक मुहैया कराई जाएगी। जिसमें किसान के खेतों से लेकर खाद का ब्योरा दर्ज रहेगा। कितनी खाद ली कितनी बांकी है। सभी बिंदु इस पासबुक में दर्ज रहेंगे।
यह पासबुक सदस्य किसानों को 31 दिसंबर तक मुहैया हो जाएगी। नए साल में इस व्यवस्था को पूरी तरह से प्रभावी कर दिया जाएगा। खास बात यह है कि रकबे के अनुसार ही समितियों पर किसानों को खाद दी जाएगी। तय मानक से ज्यादा खाद लेने के लिए किसानों को प्राइवेट दुकानों का रुख करना पड़ेगा। एआर कॉपरेटिव संजीव वर्मा ने बताया कि समितियों पर सदस्य बनने वाले प्रत्येक किसान को एक पासबुक मुहैया कराई जाएगी। इसमें किसान के खेत से लेकर खाद का सभी तरह का ब्योरा होगा। किसानों को इस व्यवस्था के शुरू हो जाने के बाद खतौनी व अन्य कागजों की जहमत नहीं उठानी पड़ेगी।
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जिले की 79 समितियों में से 75 समितियां वर्तमान में सक्रिय हैं। सहकारिता विभाग की ओर से इन समितियों पर सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है। जबकि इन समितियों पर 1.21 लाख किसान पहले से ही सदस्य थे। वहीं नए आंकड़े के अनुसार 30 हजार नए सदस्य बन रहे हैं। ऐसी स्थिति में अब जिले में डेढ़ लाख के करीब किसान समितियों के सदस्य हो जाएंगे। सदस्यता अभियान में प्रत्येक किसान से 221 रुपये लिए जा रहे हैं। वहीं पांच रुपये अतिरिक्त भी लिए जा रहे हैं। इस पांच रुपये से प्रत्येक किसान को एक पासबुक मुहैया कराई जाएगी। जिसमें किसान के खेतों से लेकर खाद का ब्योरा दर्ज रहेगा। कितनी खाद ली कितनी बांकी है। सभी बिंदु इस पासबुक में दर्ज रहेंगे।
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यह पासबुक सदस्य किसानों को 31 दिसंबर तक मुहैया हो जाएगी। नए साल में इस व्यवस्था को पूरी तरह से प्रभावी कर दिया जाएगा। खास बात यह है कि रकबे के अनुसार ही समितियों पर किसानों को खाद दी जाएगी। तय मानक से ज्यादा खाद लेने के लिए किसानों को प्राइवेट दुकानों का रुख करना पड़ेगा। एआर कॉपरेटिव संजीव वर्मा ने बताया कि समितियों पर सदस्य बनने वाले प्रत्येक किसान को एक पासबुक मुहैया कराई जाएगी। इसमें किसान के खेत से लेकर खाद का सभी तरह का ब्योरा होगा। किसानों को इस व्यवस्था के शुरू हो जाने के बाद खतौनी व अन्य कागजों की जहमत नहीं उठानी पड़ेगी।