{"_id":"691a0cd433eb8db3dc0b9d36","slug":"the-divine-acts-of-god-spread-devotional-bliss-azamgarh-news-c-258-1-svns1001-140820-2025-11-16","type":"story","status":"publish","title_hn":"Azamgarh News: भगवान की लीलाएं भक्ति आनंद का करती हैं संचार","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Azamgarh News: भगवान की लीलाएं भक्ति आनंद का करती हैं संचार
विज्ञापन
विज्ञापन
लाटघाट। सगड़ी तहसील के मिश्रपुर लाटघाट में आयोजित श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ के पांचवें दिन रविवार को केशवपुर मठ पीठाधीश्वर एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के महामंडलेश्वर पूज्यपाद स्वामी चिदम्बरानन्द सरस्वती जी महाराज ने भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का अलौकिक रसपान कराया।
स्वामीजी ने कहा कि भगवान की लीलाएं भक्तों के जीवन में भक्ति, विनय और आनंद का संचार करती हैं तथा मन को निर्मल, सरल और प्रसन्न बनाती हैं।
उन्होंने कहा कि आधुनिक जीवन के तनाव, स्वार्थ और प्रतिस्पर्धा के बीच कृष्ण की बाल लीलाओं का चिंतन व्यक्ति को करुणा, सहनशीलता, सकारात्मकता और ईश्वर पर भरोसा करना सिखाता हैं। जीवन की हर चुनौती में प्रेम, सत्य और भक्ति ही वास्तविक मार्गदर्शक हैं। कथा प्रसंग में बाल लीलाओं के साथ गोवर्धन पर्वत उठाने की दिव्य कथा का भावपूर्ण वर्णन किया गया, जिससे पूरा पंडाल “कृष्ण कन्हैया लाल की जय” के उद्घोष से गूंज उठा। कथा आरम्भ मुख्य यजमान मनीष मिश्रा परिवार के साथ पोथी पूजन से हुआ।
आयोजन समिति ने पूज्य स्वामीजी का स्वागत कर आशीर्वाद प्राप्त किया। संवाद
Trending Videos
स्वामीजी ने कहा कि भगवान की लीलाएं भक्तों के जीवन में भक्ति, विनय और आनंद का संचार करती हैं तथा मन को निर्मल, सरल और प्रसन्न बनाती हैं।
उन्होंने कहा कि आधुनिक जीवन के तनाव, स्वार्थ और प्रतिस्पर्धा के बीच कृष्ण की बाल लीलाओं का चिंतन व्यक्ति को करुणा, सहनशीलता, सकारात्मकता और ईश्वर पर भरोसा करना सिखाता हैं। जीवन की हर चुनौती में प्रेम, सत्य और भक्ति ही वास्तविक मार्गदर्शक हैं। कथा प्रसंग में बाल लीलाओं के साथ गोवर्धन पर्वत उठाने की दिव्य कथा का भावपूर्ण वर्णन किया गया, जिससे पूरा पंडाल “कृष्ण कन्हैया लाल की जय” के उद्घोष से गूंज उठा। कथा आरम्भ मुख्य यजमान मनीष मिश्रा परिवार के साथ पोथी पूजन से हुआ।
विज्ञापन
विज्ञापन
आयोजन समिति ने पूज्य स्वामीजी का स्वागत कर आशीर्वाद प्राप्त किया। संवाद