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Baghpat News: पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खेल करते थे चिकित्सक हत्या में पहली बार बने आरोपी
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संवाद न्यूज एजेंसी
बागपत। पोस्टमार्टम के लिए आने वाले शवों की रिपोर्ट में खेल करने वाले दो चिकित्सकों डॉ. दीपक और डॉ. मुकेश कुमार दीपक को हत्या के मुकदमे की विवेचना में आरोपी बनाया गया है। इन दोनों को हत्या की साजिश में शामिल रहने और साक्ष्य मिटाने का प्रयास करने का आरोपी माना गया है। पहली बार पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक ही आरोपी बने हैं।
पलड़ा गांव की युवती सानिया की 23 जुलाई 2025 को गांव के युवक सागर से प्रेम-प्रसंग के कारण परिजनों ने गला दबाकर हत्या कर दी थी। इसके बाद उसका शव परिजनों ने दबा दिया था। इसमें सागर के पिता रामपाल की शिकायत पर सानिया के शव को 26 जुलाई को निकालकर पोस्टमार्टम कराया गया। चिकित्सकों डॉ. दीपक और डॉ. मुकेश कुमार दीपक ने पहली बार पोस्टमार्टम में मौत का कारण स्पष्ट नहीं होने की बात लिखकर रिपोर्ट भेज दी।
27 जुलाई को जब दोबारा मेरठ से चिकित्सकों को बुलाकर पोस्टमार्टम कराया गया तो रिपोर्ट में साफ लिखा गया कि सानिया की गला दबाकर हत्या की गई है। डीएम अस्मिता लाल ने इसमें सीएमओ डॉ. तीरथलाल से जांच कराई तो पता चला कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खेल किया गया है। डीएम ने इस पर रिपोर्ट तैयार कराकर दोनों चिकित्सकों के खिलाफ शासन को भेज दी।
इस हत्या के मुकदमे की विवेचना कर रहे सीओ बड़ौत विजय कुमार ने सीएमओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर अब दोनों चिकित्सकों का नाम मुकदमे में शामिल कर लिया। इस तरह पोस्टमार्टम में गड़बड़ी के आरोप पहले भी लगते रहे हैं, मगर इस तरह किसी मुकदमे में जांच कराकर चिकित्सकों को पहली बार आरोपी बनाया गया।
पुलिस ने पंचनामा में लिखा, गला दबाकर हत्या करना प्रतीत हो रहा : शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजते हुए उसके पंचनामा में शरीर पर दिखने वाली सभी चोट का विवरण लिखा जाता है। किसी की हत्या होती है तो पंचनामा में राय लिखी जाती है कि पुलिस कर्मी को हत्या किस कारण से होना प्रतीत हो रही है। सानिया के पंचनामा में पुलिस ने साफ लिखा था कि उसके गर्दन व शरीर पर निशान है और उसकी गला दबाकर हत्या करना प्रतीत हो रहा है। इसके बाद भी चिकित्सकों ने रिपोर्ट में लिख दिया कि हत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो सका।
दोनों डॉक्टर शनिवार को नहीं आए : पुलिस के मुकदमे में नाम शामिल करने के बाद शनिवार को जिला अस्पताल में तैनात डॉ. दीपक कुमार और बागपत सीएचसी में तैनात डॉ. मुकेश कुमार दीपक ड्यूटी पर नहीं आए। इसको लेकर बताया गया कि इन दोनों ने आकस्मिक अवकाश लिया है।
सीएमओ की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद विधिक राय ली गई और उसके बाद दोनों चिकित्सकों डॉ. दीपक व डॉ. मुकेश कुमार दीपक के नाम मुकदमे में शामिल किए गए। इन दोनों ने आरोपियों के साथ मिलकर साजिश रचते हुए साक्ष्य मिटाने का प्रयास किया। -सूरज कुमार राय, एसपी
हमारे पोस्टमार्टम करने के दौरान वीडियोग्राफी हुई है। पोस्टमार्टम में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई। रिपोर्ट में कहीं ऐसा नहीं लिखा गया कि उसकी हत्या नहीं की गई। कोई भी शव कब्र से निकाले जाने के कारण पोस्टमार्टम जटिल होता है। इसलिए कई बार मौत का कारण पता करना संभव नहीं होता है। इसके लिए फोरेंसिक एक्सपर्ट की जरूरत होती है। इसमें भी दूसरी बार में मेरठ से फोरेंसिक एक्सपर्ट बुलाए गए थे। पुलिस की कार्रवाई गलत है। मैं शनिवार को पुलिस की वजह से नहीं गया, बल्कि अवकाश पर था। -डॉ. दीपक कुमार

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बागपत। पोस्टमार्टम के लिए आने वाले शवों की रिपोर्ट में खेल करने वाले दो चिकित्सकों डॉ. दीपक और डॉ. मुकेश कुमार दीपक को हत्या के मुकदमे की विवेचना में आरोपी बनाया गया है। इन दोनों को हत्या की साजिश में शामिल रहने और साक्ष्य मिटाने का प्रयास करने का आरोपी माना गया है। पहली बार पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक ही आरोपी बने हैं।
पलड़ा गांव की युवती सानिया की 23 जुलाई 2025 को गांव के युवक सागर से प्रेम-प्रसंग के कारण परिजनों ने गला दबाकर हत्या कर दी थी। इसके बाद उसका शव परिजनों ने दबा दिया था। इसमें सागर के पिता रामपाल की शिकायत पर सानिया के शव को 26 जुलाई को निकालकर पोस्टमार्टम कराया गया। चिकित्सकों डॉ. दीपक और डॉ. मुकेश कुमार दीपक ने पहली बार पोस्टमार्टम में मौत का कारण स्पष्ट नहीं होने की बात लिखकर रिपोर्ट भेज दी।
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27 जुलाई को जब दोबारा मेरठ से चिकित्सकों को बुलाकर पोस्टमार्टम कराया गया तो रिपोर्ट में साफ लिखा गया कि सानिया की गला दबाकर हत्या की गई है। डीएम अस्मिता लाल ने इसमें सीएमओ डॉ. तीरथलाल से जांच कराई तो पता चला कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खेल किया गया है। डीएम ने इस पर रिपोर्ट तैयार कराकर दोनों चिकित्सकों के खिलाफ शासन को भेज दी।
इस हत्या के मुकदमे की विवेचना कर रहे सीओ बड़ौत विजय कुमार ने सीएमओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर अब दोनों चिकित्सकों का नाम मुकदमे में शामिल कर लिया। इस तरह पोस्टमार्टम में गड़बड़ी के आरोप पहले भी लगते रहे हैं, मगर इस तरह किसी मुकदमे में जांच कराकर चिकित्सकों को पहली बार आरोपी बनाया गया।
पुलिस ने पंचनामा में लिखा, गला दबाकर हत्या करना प्रतीत हो रहा : शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजते हुए उसके पंचनामा में शरीर पर दिखने वाली सभी चोट का विवरण लिखा जाता है। किसी की हत्या होती है तो पंचनामा में राय लिखी जाती है कि पुलिस कर्मी को हत्या किस कारण से होना प्रतीत हो रही है। सानिया के पंचनामा में पुलिस ने साफ लिखा था कि उसके गर्दन व शरीर पर निशान है और उसकी गला दबाकर हत्या करना प्रतीत हो रहा है। इसके बाद भी चिकित्सकों ने रिपोर्ट में लिख दिया कि हत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो सका।
दोनों डॉक्टर शनिवार को नहीं आए : पुलिस के मुकदमे में नाम शामिल करने के बाद शनिवार को जिला अस्पताल में तैनात डॉ. दीपक कुमार और बागपत सीएचसी में तैनात डॉ. मुकेश कुमार दीपक ड्यूटी पर नहीं आए। इसको लेकर बताया गया कि इन दोनों ने आकस्मिक अवकाश लिया है।
सीएमओ की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद विधिक राय ली गई और उसके बाद दोनों चिकित्सकों डॉ. दीपक व डॉ. मुकेश कुमार दीपक के नाम मुकदमे में शामिल किए गए। इन दोनों ने आरोपियों के साथ मिलकर साजिश रचते हुए साक्ष्य मिटाने का प्रयास किया। -सूरज कुमार राय, एसपी
हमारे पोस्टमार्टम करने के दौरान वीडियोग्राफी हुई है। पोस्टमार्टम में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई। रिपोर्ट में कहीं ऐसा नहीं लिखा गया कि उसकी हत्या नहीं की गई। कोई भी शव कब्र से निकाले जाने के कारण पोस्टमार्टम जटिल होता है। इसलिए कई बार मौत का कारण पता करना संभव नहीं होता है। इसके लिए फोरेंसिक एक्सपर्ट की जरूरत होती है। इसमें भी दूसरी बार में मेरठ से फोरेंसिक एक्सपर्ट बुलाए गए थे। पुलिस की कार्रवाई गलत है। मैं शनिवार को पुलिस की वजह से नहीं गया, बल्कि अवकाश पर था। -डॉ. दीपक कुमार