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आप भी रहें सावधान: मोबाइल पर 18-18 घंटे तक पबजी खेलने पर किशोर की मानसिक हालत बिगड़ी, करने लगा अजीब हरकतें

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बागपत Published by: डिंपल सिरोही Updated Mon, 12 May 2025 11:35 AM IST
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सार

बागपत के टीकरी कस्बे में एक किशोर की मानसिक स्थिति पबजी गेम खेलने के कारण बिगड़ गई। 18-18 घंटे तक मोबाइल पर पबजी खेलने से किशोर ने अजीब हरकतें करनी शुरू कर दीं, खुद को गेम के खिलाड़ी और कोड नंबर के रूप में पहचानने लगा। उसके परिवार ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने पबजी को मानसिक स्थिति बिगड़ने का कारण बताया।

Teens mental condition deteriorated after playing PUBG for 18 hours on mobile in Baghpat
किशोर को अस्पताल लेकर पहुंचे परिजन - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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बागपत जनपद में मोबाइल पर दिन में 18-18 घंटे तक पबजी गेम खेलने से टीकरी के किशोर की मानसिक हालत बिगड़ गई। वह अजीब हरकत करने लगा और नाम पूछने पर पबजी खेल में मिले कोड नंबर बताने लगा तो खेल की तरह गतिविधि करने लगा। किशोर को परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे तो जांच में पबजी खेलने से मानसिक स्थिति बिगड़ने के बारे में पता चला। जहां उसका उपचार शुरू किया गया।

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टीकरी कस्बे के रहने वाले राजमिस्त्री ने बताया कि उसके तीन बेटे हैं, जिनमें सबसे बड़ा बेटा मोबाइल में दिन में 18-18 घंटे तक पबजी खेलता रहता है। पिछले एक सप्ताह से बेटा अजीब हरकत करने लगा। कई दिन तक उन्होंने नजरअंदाज किया, लेकिन बेटे की अजीब हरकतें बढ़ने लगी। वह पबजी के पात्रों की तरह गतिविधियां करने लगा और अकेला बड़बड़ाने लगा। अ

उसने खाना-पीना और बातचीत करना भी बंद कर दिया। बेटे के दोस्तों से बातचीत की तो उन्होंने लगातार पबजी गेम खेलने के बारे में बताया। राजमिस्त्री ने बताया कि लंबे समय तक पबजी खेलने से उसके बेटे की मानसिक हालत बिगड़ गई। जिसको एंबुलेंस से जिला अस्पताल में लेकर पहुंचे तो चिकित्सक ने उसका उपचार शुरू कर दिया।

 

चिकित्सक को अपना नाम भी फाइटर 2.0 बताया
जिला अस्पताल में उपचार के लिए लाए गए किशोर से पहले सामान्य वार्ड में चिकित्सकों ने बातचीत की। बातचीत में उसने अपना नाम फाइटर 2.0 बताया और फिर पबजी खेल में खिलाड़ी जैसी हरकतें करने लगा। युवक की हरकतें देख चिकित्सक भी हैरान रह गए और मनोचिकित्सक के पास उपचार के लिए भेजा गया।

 

अभिभावक दें ध्यान, बच्चों को मोबाइल से रखे दूर 
डॉ. अजयजिला अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. अजय कुमार ने बताया कि दिनचर्या में व्यस्तता होने के चलते अभिभावक अपने बच्चों पर ध्यान नहीं दे रहे। अभिभावक अपने कार्यों में व्यस्त रहते हैं और बच्चों को आराम से बैठाने के लिए मोबाइल पकड़ा देते है। शुरुआत में कोई दिक्कत नहीं होती, लेकिन लंबे समय तक बच्चे मोबाइल चलाते हैं तो उन्हें उसकी आदत पड़ जाती हैं। ऐसे में पबजी, फायर फाइटर जैसे कई गेम बच्चों के दिमाग पर प्रभाव डालते हैं।

गेम खेलने वाले बच्चे दिनभर उसी तरह की हरकतें करते रहते हैं। ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं और अभिभावकों को बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत हैं। छोटे बच्चों को अभिभावक मोबाइल से दूर रखे। इसके अलावा किशोर भी ज्यादा देर तक मोबाइल पर लगे रहे तो उनको समझाना चाहिए।

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