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Bahraich News: इंडो-नेपाल मैत्री द्वार से सजेगा रुपईडीहा बॉर्डर
संवाद न्यूज एजेंसी, बहराइच
Updated Wed, 24 Dec 2025 12:34 AM IST
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भारत-नेपाल सीमा पर निर्माणाधीन मैत्री द्वार। -संवाद
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रुपईडीहा। भारत–नेपाल सीमा पर स्थित रुपईडीहा कस्बे में इंडो–नेपाल मैत्री द्वार का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। सीमा मार्ग को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने के उद्देश्य से बनाए जा रहे इस भव्य प्रवेश द्वार के जनवरी तक पूर्ण होने की संभावना जताई जा रही है। नए साल में यह मैत्री द्वार क्षेत्र के लोगों के लिए एक बड़ी सौगात के रूप में देखा जा रहा है।
लोक निर्माण विभाग के प्रस्ताव पर स्वीकृत इस परियोजना पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। निर्माण पूरा होने के बाद रुपईडीहा बॉर्डर एक आकर्षक, सुव्यवस्थित और आधुनिक अंतरराष्ट्रीय प्रवेश द्वार के रूप में नजर आएगा। मैत्री द्वार के साथ सड़क के चौड़ीकरण, साज-सज्जा और हाईमास्ट स्ट्रीट लाइट लगाने की भी योजना है, जिससे रात के समय भी सीमा क्षेत्र में सुरक्षित और सुचारू आवागमन संभव हो सकेगा।
गौरतलब है कि रुपईडीहा में भारत का एक प्रमुख लैंड पोर्ट स्थित है, जहां से नेपालगंज के जरिये बड़ी संख्या में यात्रियों और व्यापारिक वाहनों की आवाजाही होती है। इंडो–नेपाल मैत्री द्वार बनने से सीमा व्यापार को नई पहचान मिलेगी और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही यह द्वार भारत और नेपाल के बीच ऐतिहासिक मित्रता और सहयोग का प्रतीक भी बनेगा।
स्थानीय व्यापार मंडल अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, महामंत्री संजय कुमार और कोषाध्यक्ष बलराम मिश्रा सहित अन्य लोगों का कहना है कि इस प्रवेश द्वार से व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी और क्षेत्र की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत होगी। सीमा क्षेत्र के विकास की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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लोक निर्माण विभाग के प्रस्ताव पर स्वीकृत इस परियोजना पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। निर्माण पूरा होने के बाद रुपईडीहा बॉर्डर एक आकर्षक, सुव्यवस्थित और आधुनिक अंतरराष्ट्रीय प्रवेश द्वार के रूप में नजर आएगा। मैत्री द्वार के साथ सड़क के चौड़ीकरण, साज-सज्जा और हाईमास्ट स्ट्रीट लाइट लगाने की भी योजना है, जिससे रात के समय भी सीमा क्षेत्र में सुरक्षित और सुचारू आवागमन संभव हो सकेगा।
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गौरतलब है कि रुपईडीहा में भारत का एक प्रमुख लैंड पोर्ट स्थित है, जहां से नेपालगंज के जरिये बड़ी संख्या में यात्रियों और व्यापारिक वाहनों की आवाजाही होती है। इंडो–नेपाल मैत्री द्वार बनने से सीमा व्यापार को नई पहचान मिलेगी और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही यह द्वार भारत और नेपाल के बीच ऐतिहासिक मित्रता और सहयोग का प्रतीक भी बनेगा।
स्थानीय व्यापार मंडल अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, महामंत्री संजय कुमार और कोषाध्यक्ष बलराम मिश्रा सहित अन्य लोगों का कहना है कि इस प्रवेश द्वार से व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी और क्षेत्र की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत होगी। सीमा क्षेत्र के विकास की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
