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Ballia News: एक महीने से ठप था न्यायालयों का काम, खुले तो हंगामे के कारण फिर बंद
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बैरिया। विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य की वजह से लगभग एक महीने से बैरिया तहसील के सभी न्यायालयों में न्यायिक कार्य ठप है। बृहस्पतिवार को अचानक नायब तहसीलदार सुरेमनपुर न्यायालय खुला। नोटिस बोर्ड पर चस्पा किए गए मुकदमों की पत्रावलियां नहीं मिलने के कारण अधिवक्ताओं ने हंगामा कर दिया। इसके बाद बिना किसी कार्यवाही के ताला बंद हो गया।
उपजिला मजिस्ट्रेट बैरिया, तहसीलदार मजिस्ट्रेट बैरिया, नायब तहसीलदार बैरिया और नायब तहसीलदार सुरेमनपुर के न्यायालयों के साथ साथ उपजिला मजिस्ट्रेट न्यायिक का भी न्यायालय यहां स्थापित है। उपजिला मजिस्ट्रेट न्यायिक को छोड़कर एसआईआर के चलते सभी न्यायालयों में न्यायिक कार्य करीब एक महीने से ठप है। कुछ दिन पहले अधिवक्ताओं ने कई गंभीर आरोप लगाते हुए उपजिला मजिस्ट्रेट न्यायिक के न्यायालय का भी बहिष्कार कर दिया था। इसके बाद उक्त न्यायालयों में भी कामकाज ठप हो गया।
बृहस्पतिवार को अचानक नायब तहसीलदार सुरेमनपुर का न्यायालय खुला तो अधिवक्ता रामप्रकाश सिंह व ओमकार पांडेय सहित कई अन्य मुकदमों की पत्रावली देखने के लिए न्यायालय में पहुंचे। उनकी पत्रावली नहीं मिली। इसके बाद अधिवक्ताओं ने कर्मियों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे को देखते हुए नायब तहसीलदार न्यायालय में भी ताला बंद कर दिया गया।
अधिवक्ताओं का आरोप है कि पेशकार के रूप में पहले नायब तहसीलदार और तहसीलदार के न्यायालय में गणेश राम तैनात थे। लापरवाही सहित कई आरोप वादकारी लगा रहे थे। इसके बाद गणेश राम को पेशकार पद से हटाते हुए अर्पित गुप्त को तहसीलदार न्यायालय का पेशकार और लेखपाल अजित कुमार यादव को नायब तहसीलदार न्यायालय का पेशकार बना दिया गया। गणेश राम ने चार्ज संबंधित पेशकारों को नहीं दिया है इससे कामकाज ठप है।
बैरिया निवासी सुरेंद्र मिश्र, रामपुर निवासी नन्हक यादव सहित कई वादकारियों ने आरोप लगाया कि नायब तहसीलदार न्यायालयों की स्थिति बदतर है। वादकारी परेशान हैं। उनके मुकदमों में सुनवाई नहीं हो पा रही है।
सिर्फ गणेश राम के चार्ज नहीं दिए जाने से तीन न्यायालयों के कार्य प्रभावित हो रहा है। नायब तहसीलदार सुरेमनपुर दीपक सिंह ने बताया कि पदमुक्त होने के बावजूद काफी दिनों से गणेश राम की ओर से चार्ज नहीं दिया गया है। मामले में वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
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उपजिला मजिस्ट्रेट बैरिया, तहसीलदार मजिस्ट्रेट बैरिया, नायब तहसीलदार बैरिया और नायब तहसीलदार सुरेमनपुर के न्यायालयों के साथ साथ उपजिला मजिस्ट्रेट न्यायिक का भी न्यायालय यहां स्थापित है। उपजिला मजिस्ट्रेट न्यायिक को छोड़कर एसआईआर के चलते सभी न्यायालयों में न्यायिक कार्य करीब एक महीने से ठप है। कुछ दिन पहले अधिवक्ताओं ने कई गंभीर आरोप लगाते हुए उपजिला मजिस्ट्रेट न्यायिक के न्यायालय का भी बहिष्कार कर दिया था। इसके बाद उक्त न्यायालयों में भी कामकाज ठप हो गया।
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बृहस्पतिवार को अचानक नायब तहसीलदार सुरेमनपुर का न्यायालय खुला तो अधिवक्ता रामप्रकाश सिंह व ओमकार पांडेय सहित कई अन्य मुकदमों की पत्रावली देखने के लिए न्यायालय में पहुंचे। उनकी पत्रावली नहीं मिली। इसके बाद अधिवक्ताओं ने कर्मियों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे को देखते हुए नायब तहसीलदार न्यायालय में भी ताला बंद कर दिया गया।
अधिवक्ताओं का आरोप है कि पेशकार के रूप में पहले नायब तहसीलदार और तहसीलदार के न्यायालय में गणेश राम तैनात थे। लापरवाही सहित कई आरोप वादकारी लगा रहे थे। इसके बाद गणेश राम को पेशकार पद से हटाते हुए अर्पित गुप्त को तहसीलदार न्यायालय का पेशकार और लेखपाल अजित कुमार यादव को नायब तहसीलदार न्यायालय का पेशकार बना दिया गया। गणेश राम ने चार्ज संबंधित पेशकारों को नहीं दिया है इससे कामकाज ठप है।
बैरिया निवासी सुरेंद्र मिश्र, रामपुर निवासी नन्हक यादव सहित कई वादकारियों ने आरोप लगाया कि नायब तहसीलदार न्यायालयों की स्थिति बदतर है। वादकारी परेशान हैं। उनके मुकदमों में सुनवाई नहीं हो पा रही है।
सिर्फ गणेश राम के चार्ज नहीं दिए जाने से तीन न्यायालयों के कार्य प्रभावित हो रहा है। नायब तहसीलदार सुरेमनपुर दीपक सिंह ने बताया कि पदमुक्त होने के बावजूद काफी दिनों से गणेश राम की ओर से चार्ज नहीं दिया गया है। मामले में वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।