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Balrampur News: लौकहवा डिप बाढ़ में डूबा, डेढ़ लाख लोगों का आवागमन बाधित
संवाद न्यूज एजेंसी, बलरामपुर
Updated Thu, 18 Sep 2025 01:33 AM IST
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बलरामपुर के लौकहवा डिप पर बह रहे बाढ़ के पानी से होकर गुजरते लोग ।
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ललिया/महराजगंज तराई/बलरामपुर। ललिया-हरिहरगंज मार्ग पर स्थित लौकहवा डिप बाढ़ में डूब गया है। इससे क्षेत्र के डेढ़ लाख लोगों का आवागमन प्रभावित हो गया है। तीन पहाड़ी नाले हेंगहा, गौरिया व डोरवा में एक साथ बाढ़ का पानी आने से परेशानी और बढ़ गई है। राप्ती नदी व खरझार पहाड़ी नाले का जलस्तर घटने लगा है लेकिन कीचड़ व गंदगी से दिक्कत है। वहीं, नदी के तटवर्ती गांवों में कटान शुरू हो गई है। नदी की जद में मधवाजोत का पंचायत भवन आ गया है।
सिसईघाट पर राप्ती नदी का चेतावनी बिंदु 103.620 मीटर व खतरे का निशान 104.620 मीटर है। राप्ती नदी का जलस्तर बुधवार शाम चार बजे 103.720 मीटर रिकॉर्ड किया गया जो चेतावनी बिंदु से 10 सेंटीमीटर ऊपर है। सुबह आठ बजे चेतावनी बिंदु से राप्ती का जलस्तर 103.900 मीटर रिकॉर्ड किया गया जो चेतावनी बिंदु से 28 सेंटीमीटर ऊपर था। सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक 18 सेंटीमीटर राप्ती की जलस्तर घट गया है। पानी घटने के बाद राप्ती नदी में कटान तेज हो गई। ग्राम प्रधान राजेंद्र वर्मा ने बताया कि चौकाकला गांव के मजरे मधवाजोत में नदी की कटान तेज हो गई है। यदि जल्द ही कटानरोधी कार्य नहीं कराया गया तो पंचायत भवन कटकर बह जाएगा। इसको लेकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन भी किया। सदर तहसील के ग्राम गंगाबक्श भागड़, टेंगनहिया, बेला, किठूरा और उतरौला तहसील के जिगनाघाट व रेहरवा सहित कई गांवों में राप्ती नदी की कटान तेज हो गई है।
पहाड़ी नालों ने बढ़ाई परेशानी
तराई में पहाड़ी नालों के बाढ़ का पानी गांवों में पहुंच गया है। प्राणपुर सिटकिहवा मोड़ पर अमरहवा डिप व बजरडीह गांव के पास सड़क पर दो फीट पानी भरा है। तेज बहाव से लोगों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम मदारगढ़, कमदी, परसाहवा, ठड़क्की, वनघुसरी, इटैहिया, चनियाकोट, किला, भुसैलिया, पिट्ठा, लौकहवा, लखनीपुर, ओदरहिया, नरायनपुर, प्रतापपुर व बुड़ंतपुर सहित कई गांवों में हेंगहा पहाड़ी नाले के बाढ़ का पानी पहुंच गया है। किसान जनमेजय सिंह, रामबहादुर सिंह, कन्हैया लाल, प्रेम नरायन, सोखा, राजेश कुमार व राकेश कुमार आदि ने बताया कि बाढ़ से धान का नुकसान हुआ है। पशुओं के चार का संकट उत्पन्न हो गया है। तीन वर्ष से बाढ़ के चलते फसल नुकसान हो रहा है। प्रशासन से कोई मदद नहीं दी गई है। सदर एसडीएम हेमंत कुमार गुप्त ने बताया कि बाढ़ प्रभावित गांवों में राजस्व कर्मियों को भेजा गया है। रिपोर्ट के आधार पर प्रभावितों की मदद दी जाएगी।
बाढ़ प्रभावित गांवों में ट्रैक्टर से पहुंचे एसडीएम
खरझार पहाड़ी नाले में बाढ़ का आकलन करने के लिए बुधवार को तुलसीपुर एसडीएम राकेश कुमार जयंत प्रभावित गांवों में ट्रैक्टर से पहुंच गए। नाले में बाढ़ घटने के बाद ग्राम रामगढ़ मैटहवा में मलबा आने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों के घरों व खेतों में पहाड़ी नाले के मलबा जमा हो गया है। ग्रामीणों ने एसडीएम से बताया कि नाले पर बना तटबंध बाढ़ के कारण 240 मीटर कट गया है, इससे 20 गांवों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। इस दौरान तहसीलदार तुलसीपुर योगेंद्र सरन व नायब तहसीलदार शिवेंद्र पटेल भी मौजूद रहे।
तेजी से घट रहा राप्ती का जलस्तर
राप्ती नदी का जलस्तर तेजी से घट रहा है। बरसात की संभावना भी अब कम हो गई है। कटान प्रभावितों गांवों में संबंधित विभागों के अधिकारियों को कटानरोधी कार्य कराने के निर्देश दिए गए हैं। पहाड़ी नालों के बाढ़ से प्रभावित गांवों में एसडीएम काे नुकसान का आकलन कराने का निर्देश दिया गया है। राप्ती में बाढ़ घटने के बावजूद सभी विभागों को अलर्ट पर रखा गया है।
-पवन अग्रवाल, डीएम

सिसईघाट पर राप्ती नदी का चेतावनी बिंदु 103.620 मीटर व खतरे का निशान 104.620 मीटर है। राप्ती नदी का जलस्तर बुधवार शाम चार बजे 103.720 मीटर रिकॉर्ड किया गया जो चेतावनी बिंदु से 10 सेंटीमीटर ऊपर है। सुबह आठ बजे चेतावनी बिंदु से राप्ती का जलस्तर 103.900 मीटर रिकॉर्ड किया गया जो चेतावनी बिंदु से 28 सेंटीमीटर ऊपर था। सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक 18 सेंटीमीटर राप्ती की जलस्तर घट गया है। पानी घटने के बाद राप्ती नदी में कटान तेज हो गई। ग्राम प्रधान राजेंद्र वर्मा ने बताया कि चौकाकला गांव के मजरे मधवाजोत में नदी की कटान तेज हो गई है। यदि जल्द ही कटानरोधी कार्य नहीं कराया गया तो पंचायत भवन कटकर बह जाएगा। इसको लेकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन भी किया। सदर तहसील के ग्राम गंगाबक्श भागड़, टेंगनहिया, बेला, किठूरा और उतरौला तहसील के जिगनाघाट व रेहरवा सहित कई गांवों में राप्ती नदी की कटान तेज हो गई है।
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पहाड़ी नालों ने बढ़ाई परेशानी
तराई में पहाड़ी नालों के बाढ़ का पानी गांवों में पहुंच गया है। प्राणपुर सिटकिहवा मोड़ पर अमरहवा डिप व बजरडीह गांव के पास सड़क पर दो फीट पानी भरा है। तेज बहाव से लोगों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम मदारगढ़, कमदी, परसाहवा, ठड़क्की, वनघुसरी, इटैहिया, चनियाकोट, किला, भुसैलिया, पिट्ठा, लौकहवा, लखनीपुर, ओदरहिया, नरायनपुर, प्रतापपुर व बुड़ंतपुर सहित कई गांवों में हेंगहा पहाड़ी नाले के बाढ़ का पानी पहुंच गया है। किसान जनमेजय सिंह, रामबहादुर सिंह, कन्हैया लाल, प्रेम नरायन, सोखा, राजेश कुमार व राकेश कुमार आदि ने बताया कि बाढ़ से धान का नुकसान हुआ है। पशुओं के चार का संकट उत्पन्न हो गया है। तीन वर्ष से बाढ़ के चलते फसल नुकसान हो रहा है। प्रशासन से कोई मदद नहीं दी गई है। सदर एसडीएम हेमंत कुमार गुप्त ने बताया कि बाढ़ प्रभावित गांवों में राजस्व कर्मियों को भेजा गया है। रिपोर्ट के आधार पर प्रभावितों की मदद दी जाएगी।
बाढ़ प्रभावित गांवों में ट्रैक्टर से पहुंचे एसडीएम
खरझार पहाड़ी नाले में बाढ़ का आकलन करने के लिए बुधवार को तुलसीपुर एसडीएम राकेश कुमार जयंत प्रभावित गांवों में ट्रैक्टर से पहुंच गए। नाले में बाढ़ घटने के बाद ग्राम रामगढ़ मैटहवा में मलबा आने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों के घरों व खेतों में पहाड़ी नाले के मलबा जमा हो गया है। ग्रामीणों ने एसडीएम से बताया कि नाले पर बना तटबंध बाढ़ के कारण 240 मीटर कट गया है, इससे 20 गांवों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। इस दौरान तहसीलदार तुलसीपुर योगेंद्र सरन व नायब तहसीलदार शिवेंद्र पटेल भी मौजूद रहे।
तेजी से घट रहा राप्ती का जलस्तर
राप्ती नदी का जलस्तर तेजी से घट रहा है। बरसात की संभावना भी अब कम हो गई है। कटान प्रभावितों गांवों में संबंधित विभागों के अधिकारियों को कटानरोधी कार्य कराने के निर्देश दिए गए हैं। पहाड़ी नालों के बाढ़ से प्रभावित गांवों में एसडीएम काे नुकसान का आकलन कराने का निर्देश दिया गया है। राप्ती में बाढ़ घटने के बावजूद सभी विभागों को अलर्ट पर रखा गया है।
-पवन अग्रवाल, डीएम