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Balrampur News: बोर्ड परीक्षा से पहले 66 केंद्रों पर होगी मॉडल परीक्षा
संवाद न्यूज एजेंसी, बलरामपुर
Updated Sat, 20 Dec 2025 11:25 PM IST
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बलरामपुर। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2026 के लिए केंद्र तय होने के साथ ही तैयारी तेज हो गई है। पहली बार मुख्य बोर्ड परीक्षा से पहले पूर्ण रिहर्सल (मॉडल) परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसमें परीक्षा से जुड़ी हर व्यवस्था को वास्तविक परीक्षा की तरह परखा जाएगा। यह परीक्षा तय किए गए 66 परीक्षा केंद्रों पर कराई जाएगी।
जिला विद्यालय निरीक्षक मृदुला आनंद ने बताया कि यह मॉडल परीक्षा केवल औपचारिकता नहीं होगी, बल्कि इसे फुल ड्रेस रिहर्सल के रूप में आयोजित किया जाएगा। इसमें परीक्षार्थियों की बैठक व्यवस्था से लेकर प्रश्नपत्र वितरण, उत्तर पुस्तिकाओं का वितरण, समय प्रबंधन, सीसीटीवी निगरानी, केंद्र व्यवस्थापन और अनुशासन हर प्रक्रिया का वास्तविक अभ्यास कराया जाएगा।
डीआईओएस ने सभी केंद्र व्यवस्थापकों को निर्देश दिए हैं कि परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे पूरी तरह क्रियाशील हों, बिजली आपूर्ति निर्बाध रहे, खिड़कियों में जाली लगी हो और परीक्षा से जुड़ी सभी मूलभूत सुविधाएं समय से पहले पूरी कर ली जाएं। परीक्षा की निगरानी के लिए जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेटों को तैनात किया जाएगा, जो केंद्रों पर पहुंचकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण करेंगे और किसी भी कमी को तत्काल दुरुस्त कराने के निर्देश देंगे।
विशेष रूप से परीक्षा प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य की गई है, जिसे बोर्ड को भेजा जाएगा। इससे न केवल पारदर्शिता सुनिश्चित होगी, बल्कि भविष्य में परीक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। इस रिहर्सल परीक्षा का सबसे बड़ा लाभ छात्रों को मिलेगा। उन्हें बोर्ड परीक्षा से पहले वास्तविक माहौल में परीक्षा देने का अनुभव मिलेगा, जिससे घबराहट और तनाव कम होगा तथा आत्मविश्वास बढ़ेगा। शिक्षक और प्रशासनिक अधिकारी भी इस अभ्यास के माध्यम से अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे। एमपीपी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य राकेश प्रताप सिंह ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यूपी बोर्ड का यह कदम परीक्षा सुधार की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। इससे नकल और अनियमितताओं पर प्रभावी अंकुश लगेगा और परीक्षा प्रक्रिया पहले से अधिक विश्वसनीय, निष्पक्ष और छात्र हितैषी बन सकेगी।
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जिला विद्यालय निरीक्षक मृदुला आनंद ने बताया कि यह मॉडल परीक्षा केवल औपचारिकता नहीं होगी, बल्कि इसे फुल ड्रेस रिहर्सल के रूप में आयोजित किया जाएगा। इसमें परीक्षार्थियों की बैठक व्यवस्था से लेकर प्रश्नपत्र वितरण, उत्तर पुस्तिकाओं का वितरण, समय प्रबंधन, सीसीटीवी निगरानी, केंद्र व्यवस्थापन और अनुशासन हर प्रक्रिया का वास्तविक अभ्यास कराया जाएगा।
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डीआईओएस ने सभी केंद्र व्यवस्थापकों को निर्देश दिए हैं कि परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे पूरी तरह क्रियाशील हों, बिजली आपूर्ति निर्बाध रहे, खिड़कियों में जाली लगी हो और परीक्षा से जुड़ी सभी मूलभूत सुविधाएं समय से पहले पूरी कर ली जाएं। परीक्षा की निगरानी के लिए जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेटों को तैनात किया जाएगा, जो केंद्रों पर पहुंचकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण करेंगे और किसी भी कमी को तत्काल दुरुस्त कराने के निर्देश देंगे।
विशेष रूप से परीक्षा प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य की गई है, जिसे बोर्ड को भेजा जाएगा। इससे न केवल पारदर्शिता सुनिश्चित होगी, बल्कि भविष्य में परीक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। इस रिहर्सल परीक्षा का सबसे बड़ा लाभ छात्रों को मिलेगा। उन्हें बोर्ड परीक्षा से पहले वास्तविक माहौल में परीक्षा देने का अनुभव मिलेगा, जिससे घबराहट और तनाव कम होगा तथा आत्मविश्वास बढ़ेगा। शिक्षक और प्रशासनिक अधिकारी भी इस अभ्यास के माध्यम से अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे। एमपीपी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य राकेश प्रताप सिंह ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यूपी बोर्ड का यह कदम परीक्षा सुधार की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। इससे नकल और अनियमितताओं पर प्रभावी अंकुश लगेगा और परीक्षा प्रक्रिया पहले से अधिक विश्वसनीय, निष्पक्ष और छात्र हितैषी बन सकेगी।
