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रोड नहीं तो वोट नहीं...
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बलरामपुर। मुतेहरा गांव में सड़क निर्माण न होने से नाराज ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव में मतदान का पूर्ण बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। प्रदेश सरकार के गोद लेने के बाद भी आज तक गांव की तस्वीर नहीं बदली है।
ग्रामीणों ने इस बार विधानसभा चुनाव में रोड नहीं, तो वोट नहीं...का नारा बुलंद किया है। ग्रामीणों ने सीएम व डीएम को पत्र भेजकर समस्या निराकरण कराने की मांग की है तभी मतदान करेंगे।
रामसरन, बालचंद्र, रामलखन, राधेश्याम, अजय व राम नोखई आदि ग्रामीणों ने गांव में सड़क निर्माण अन्य बुनियादी सुविधाओं को लेकर शासन-प्रशासन के खिलाफ आक्रोश जताते हुए शुक्रवार को प्रदर्शन किया।
धरने को संबोधित करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि थारु जनजाति गांव मुतेहरा में बुनियादी सुविधाओं को पूरी तरह से अभाव है। आजादी के 75 साल बाद भी गांव में बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुंची हैं।
भारत-नेपाल सीमा पर स्थित गांव में सड़क, बिजली, पानी जैसी सुविधाओं को पूरी तरह से अभाव है। गांव में 20 साल पहले बिजली के खंभे लगे थे लेकिन आज तक तार लगाकर बिजली आपूर्ति शुरू नहीं कराई गई है। गांव के लोग ढिबरी के सहारे रात काट रहे हैं।
मुतेहरा गांम पंचायत के मजरा अकलघरवा को वन ग्राम घोषित कर उत्तर प्रदेश सरकार ने गोद लिया है। सरकार के गोद लेने के बाद भी मुतेहरा ग्राम पंचायत के तीनों मजरों में रहने वाले छह हजार लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम पंचायत के तीनों मजरों में बुनियादी सुविधाएं पूरा होने के बाद ही यहां के लोगों ने विधानसभा चुनाव में मतदान करने की चेतावनी दी है।
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ग्रामीणों ने इस बार विधानसभा चुनाव में रोड नहीं, तो वोट नहीं...का नारा बुलंद किया है। ग्रामीणों ने सीएम व डीएम को पत्र भेजकर समस्या निराकरण कराने की मांग की है तभी मतदान करेंगे।
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रामसरन, बालचंद्र, रामलखन, राधेश्याम, अजय व राम नोखई आदि ग्रामीणों ने गांव में सड़क निर्माण अन्य बुनियादी सुविधाओं को लेकर शासन-प्रशासन के खिलाफ आक्रोश जताते हुए शुक्रवार को प्रदर्शन किया।
धरने को संबोधित करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि थारु जनजाति गांव मुतेहरा में बुनियादी सुविधाओं को पूरी तरह से अभाव है। आजादी के 75 साल बाद भी गांव में बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुंची हैं।
भारत-नेपाल सीमा पर स्थित गांव में सड़क, बिजली, पानी जैसी सुविधाओं को पूरी तरह से अभाव है। गांव में 20 साल पहले बिजली के खंभे लगे थे लेकिन आज तक तार लगाकर बिजली आपूर्ति शुरू नहीं कराई गई है। गांव के लोग ढिबरी के सहारे रात काट रहे हैं।
मुतेहरा गांम पंचायत के मजरा अकलघरवा को वन ग्राम घोषित कर उत्तर प्रदेश सरकार ने गोद लिया है। सरकार के गोद लेने के बाद भी मुतेहरा ग्राम पंचायत के तीनों मजरों में रहने वाले छह हजार लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम पंचायत के तीनों मजरों में बुनियादी सुविधाएं पूरा होने के बाद ही यहां के लोगों ने विधानसभा चुनाव में मतदान करने की चेतावनी दी है।
