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Banda News: युवक की हत्या में हिस्ट्रीशीटर को पांच वर्ष की सश्रम कैद
संवाद न्यूज एजेंसी, बांदा
Updated Sat, 20 Dec 2025 11:46 PM IST
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बांदा। युवक को लाठी से पीटकर मरणासन्न करने के मामले में दोषी को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम चंद्रपाल द्वितीय की अदालत ने शनिवार को पांच वर्ष का सश्रम कारावास सुनाया। साथ ही अन्य धाराओं में सजा सहित सात हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड की अदायगी न करने पर 6 माह अतिरिक्त सजा काटनी होगी।दोषी को जेल भेज दिया गया।
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील कुमार तिवारी ने बताया कि बबेरू थाना क्षेत्र के मुरवल गांव निवासी इच्छाराम ने थाने में 7 अप्रैल 2012 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि 6 अप्रैल 2012 की शाम उसका लड़का राकेश उर्फ मखलू अपने दरवाजे पर बैठा था। तभी गांव के पप्पू उर्फ सदाशिव व संतराम पुत्र रामचरण केवट लाठी लेकर आए और गालीगलौज करने लगे। विरोध करने पर जमकर पीटा।
जिससे वह बेहोश हो गया। मौके पर वह और उसकी बहू गुलबिया आ गई। बीच बचाव में उसके भी चोटें आईं। गंभीर हालत होने पर लड़के को बबेरू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। जहां से उसे सदर अस्पताल बांदा के लिए रेफर कर दिया गया। बताया कि पप्पू हिस्ट्रीशीटर भी है। जिस पर आसपास के चार थानों में 18 मामले दर्ज हैं। मामले की सुनवाई के दौरान संतराम की मौत हो गई।
तत्कालीन विवेचक एसआई विजय सिंह ने 9 जुलाई 2012 को आरोप पत्र अदालत में पेश किया। अदालत ने दोनों के विरुद्ध 21 नवंबर 2012 को आरोप बनाया। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से 9 गवाह पेश किए गए। इसके बाद न्यायाधीश ने अपने 25 पृष्ठीय फैसले में पप्पू उर्फ सदाशिव को दोषी पाते हुए सजा व जुर्माने से दंडित किया।
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अपर जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील कुमार तिवारी ने बताया कि बबेरू थाना क्षेत्र के मुरवल गांव निवासी इच्छाराम ने थाने में 7 अप्रैल 2012 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि 6 अप्रैल 2012 की शाम उसका लड़का राकेश उर्फ मखलू अपने दरवाजे पर बैठा था। तभी गांव के पप्पू उर्फ सदाशिव व संतराम पुत्र रामचरण केवट लाठी लेकर आए और गालीगलौज करने लगे। विरोध करने पर जमकर पीटा।
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जिससे वह बेहोश हो गया। मौके पर वह और उसकी बहू गुलबिया आ गई। बीच बचाव में उसके भी चोटें आईं। गंभीर हालत होने पर लड़के को बबेरू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। जहां से उसे सदर अस्पताल बांदा के लिए रेफर कर दिया गया। बताया कि पप्पू हिस्ट्रीशीटर भी है। जिस पर आसपास के चार थानों में 18 मामले दर्ज हैं। मामले की सुनवाई के दौरान संतराम की मौत हो गई।
तत्कालीन विवेचक एसआई विजय सिंह ने 9 जुलाई 2012 को आरोप पत्र अदालत में पेश किया। अदालत ने दोनों के विरुद्ध 21 नवंबर 2012 को आरोप बनाया। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से 9 गवाह पेश किए गए। इसके बाद न्यायाधीश ने अपने 25 पृष्ठीय फैसले में पप्पू उर्फ सदाशिव को दोषी पाते हुए सजा व जुर्माने से दंडित किया।
