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Banda News: केन नदी ने बदली जलधारा की दिशा, सर्दी में भी जलसंकट
संवाद न्यूज एजेंसी, बांदा
Updated Mon, 03 Nov 2025 12:54 AM IST
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फोटो- 14 केन नदी में बंधा बनाती जेसीबी। संवाद
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बांदा। गर्मी तो छोड़िए सर्दी में भी लोगों को पीने के पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है। केन नदी के बांबेश्वर फीडर से होने वाली पानी की आपूर्ति महज 15 से 20 मिनट ही हो रही है। ऐसे में लोग सुबह से ही हैंडपंपों की दौड़ लगा रहे है। अधिकारी इसकी वजह केन नदी की जलधारा की दिशा बदल जाना बताया जा रहा है। पानी न मिलने से करीब 26 हजार से अधिक लोग प्रभावित हैं।
शहर के एक चौथाई भू-भाग के करीब 26 हजार से अधिक कनेक्शन धारकों को पानी की आपूर्ति केन नदी से की जाती है। गर्मी भर तो पानी का रोना मचा ही रहा। सर्दी में भी लोगों को पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है। मोहल्ला खुटला के छोटू का कहना है कि इस समय नलों में 15 मिनट ही पानी आ रहा है। पांच मिनट गंदा पानी आता है और 10 मिनट साफ पानी आता है। जिससे पानी की जरूरत पूरी नहीं हो पा रही है। मैकू का कहना है कि गर्मी में तो पानी की किल्लत से जूझते रहे सर्दी में राहत की उम्मीद थी तो और दशा हो गई। गर्मी में 30 मिनट पानी आ जाता था लेकिन सर्दी में 15 मिनट भी पानी नहीं आ रहा है। कमोबेश यहीं हाल मोहल्ला खिन्नी नाका, छाबी तालाब, नुनिया मोहाल आदि में भी है।
इस संबंध में जल संस्थान के अधिशासी अभियंता शिवराज वर्मा का कहना है कि केन नदी की जल धारा की दिशा बदल जाने से इंटेकवेल को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। इंटकवेल से ही बांबेश्वर पर्वत में 10.05 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को पानी पहुंचता था। जिससे पानी आपूर्ति में असर पड़ा है। इसके समाधान के लिए केन नदी में अस्थाई रेत का बंधा बनाने का काम किया जा रहा है। जलधारा को इंटकवेल के चैनल की तरफ मोड़ा जा रहा है। जलापूर्ति दो-तीन दिन में सामान्य हो जायेगी।
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शहर के एक चौथाई भू-भाग के करीब 26 हजार से अधिक कनेक्शन धारकों को पानी की आपूर्ति केन नदी से की जाती है। गर्मी भर तो पानी का रोना मचा ही रहा। सर्दी में भी लोगों को पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है। मोहल्ला खुटला के छोटू का कहना है कि इस समय नलों में 15 मिनट ही पानी आ रहा है। पांच मिनट गंदा पानी आता है और 10 मिनट साफ पानी आता है। जिससे पानी की जरूरत पूरी नहीं हो पा रही है। मैकू का कहना है कि गर्मी में तो पानी की किल्लत से जूझते रहे सर्दी में राहत की उम्मीद थी तो और दशा हो गई। गर्मी में 30 मिनट पानी आ जाता था लेकिन सर्दी में 15 मिनट भी पानी नहीं आ रहा है। कमोबेश यहीं हाल मोहल्ला खिन्नी नाका, छाबी तालाब, नुनिया मोहाल आदि में भी है।
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इस संबंध में जल संस्थान के अधिशासी अभियंता शिवराज वर्मा का कहना है कि केन नदी की जल धारा की दिशा बदल जाने से इंटेकवेल को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। इंटकवेल से ही बांबेश्वर पर्वत में 10.05 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को पानी पहुंचता था। जिससे पानी आपूर्ति में असर पड़ा है। इसके समाधान के लिए केन नदी में अस्थाई रेत का बंधा बनाने का काम किया जा रहा है। जलधारा को इंटकवेल के चैनल की तरफ मोड़ा जा रहा है। जलापूर्ति दो-तीन दिन में सामान्य हो जायेगी।