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Banda News: तत्कालीन लेखपाल व राजस्व निरीक्षक के खिलाफ रिपोर्ट
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सरकारी अधिगृहीत भूमि बेचने और कब्जा कराने का आरोप
संवाद न्यूज एजेंसी
बांदा। पैलानी क्षेत्र के रहने वाले रामगोपाल उर्फ जीतू ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर अपने ही गांव के रामनरेश सहित राजस्व विभाग के कई कर्मचारियों पर सरकारी भूमि को निजी बताकर बेचने, फर्जी दस्तावेज तैयार कराने और उसकी कृषि भूमि पर अवैध कब्जा दिलाने का आरोप लगाया है। न्यायालय ने प्रार्थना पत्र का संज्ञान लेकर आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं। जिस पर पैलानी पुलिस ने रामनरेश सहित कई कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पैलानी निवासी रामगोपाल ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उसकी कृषि भूमि जो पैलानी बांगर में स्थित है। इसी से सटे एक बड़ा हिस्सा वर्ष 1991 में ही लोक निर्माण विभाग द्वारा अधिगृहीत कर लिया गया था और संबंधित परिवार को मुआवजा भी मिला था। इसके बावजूद 05 अक्तूबर 2020 को गांव के ही रामनरेश ने पूरी भूमि को गांव की ही संपत देवी को बेच दिया, जबकि उसके हिस्से की भूमि अधिग्रहण के बाद बची ही नहीं थी। पीड़ित ने आरोप लगाया कि आरोपी ने विक्रेता को कब्जा दिलाने के उद्देश्य से तत्कालीन हल्का लेखपाल सतवंत पाल और राजस्व निरीक्षक विजय कुमार ने अपने उच्चाधिकारियों को गुमराह कर फर्जी कागजात तैयार किया। उनकी मिलीभगत से सरकारी भूमि को निजी बताते हुए प्रार्थी की जमीन से क्षेत्रफल की पूर्ति दिखाने की कोशिश की गई। प्रार्थी का कहना है कि कब्जा छोड़ने के एवज में उससे 10 लाख रुपये की मांग की जा रही है। विरोध करने पर उसे जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है। पीड़ित की शिकायत पर न्यायालय ने एफआईआर के आदेश किए। जिस पर पैलानी पुलिस ने आरोपी रामगोपाल, तत्कालीन लेखपाल सतवंत पाल, राजस्व निरीक्षक विजय कुमार, क्रेता संपत व तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामले की जांच पैलानी थाना के उप-निरीक्षक रवि कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जाएगी। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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संवाद न्यूज एजेंसी
बांदा। पैलानी क्षेत्र के रहने वाले रामगोपाल उर्फ जीतू ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर अपने ही गांव के रामनरेश सहित राजस्व विभाग के कई कर्मचारियों पर सरकारी भूमि को निजी बताकर बेचने, फर्जी दस्तावेज तैयार कराने और उसकी कृषि भूमि पर अवैध कब्जा दिलाने का आरोप लगाया है। न्यायालय ने प्रार्थना पत्र का संज्ञान लेकर आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं। जिस पर पैलानी पुलिस ने रामनरेश सहित कई कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पैलानी निवासी रामगोपाल ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उसकी कृषि भूमि जो पैलानी बांगर में स्थित है। इसी से सटे एक बड़ा हिस्सा वर्ष 1991 में ही लोक निर्माण विभाग द्वारा अधिगृहीत कर लिया गया था और संबंधित परिवार को मुआवजा भी मिला था। इसके बावजूद 05 अक्तूबर 2020 को गांव के ही रामनरेश ने पूरी भूमि को गांव की ही संपत देवी को बेच दिया, जबकि उसके हिस्से की भूमि अधिग्रहण के बाद बची ही नहीं थी। पीड़ित ने आरोप लगाया कि आरोपी ने विक्रेता को कब्जा दिलाने के उद्देश्य से तत्कालीन हल्का लेखपाल सतवंत पाल और राजस्व निरीक्षक विजय कुमार ने अपने उच्चाधिकारियों को गुमराह कर फर्जी कागजात तैयार किया। उनकी मिलीभगत से सरकारी भूमि को निजी बताते हुए प्रार्थी की जमीन से क्षेत्रफल की पूर्ति दिखाने की कोशिश की गई। प्रार्थी का कहना है कि कब्जा छोड़ने के एवज में उससे 10 लाख रुपये की मांग की जा रही है। विरोध करने पर उसे जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है। पीड़ित की शिकायत पर न्यायालय ने एफआईआर के आदेश किए। जिस पर पैलानी पुलिस ने आरोपी रामगोपाल, तत्कालीन लेखपाल सतवंत पाल, राजस्व निरीक्षक विजय कुमार, क्रेता संपत व तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामले की जांच पैलानी थाना के उप-निरीक्षक रवि कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जाएगी। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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