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Banda News: सरकारी आवास में रहकर भी लिया एचआरए, दबाव में किया खाली
संवाद न्यूज एजेंसी, बांदा
Updated Sat, 20 Dec 2025 11:28 PM IST
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बांदा। अधिकारियों के दबाव के बाद राजकीय कृषि फार्म अतर्रा के अधीक्षक आवास में अवैध रूप से रह रहे उद्यान कर्मी ने आवास खाली तो कर दिया लेकिन विभाग ने उद्यान कर्मी द्वारा विभाग से लिए गए हाउस एलाउंस की आज तक रिकवरी नहीं की।
राजकीय कृषि फार्म अतर्रा के तत्कालीन अधीक्षक लेखराज निरंजन दिसंबर 2020 में सेवानिवृत्त हो गए थे। रिटायरमेंट के बाद वे गांव चले गए लेकिन उनका पुत्र परिवार सहित कृषि फार्म हाउस में डेरा जमाए रहा। जो मौजूदा समय में उद्यान विभाग में सहायक उद्यान निरीक्षक के पद पर कार्यरत और राजकीय नर्सरी में इंचार्ज भी है। मौजूदा फार्म हाउस के अधीक्षक तुलाराम यादव की शिकायत व अधिकारियों के दबाव के बाद उद्यान कर्मी ने पिछले माह फार्म हाउस का आवास तो खाली कर दिया।
मजे की बात तो यह है कि उद्यान कर्मी पिछले पांच सालों तक कृषि विभाग के फार्म हाउस में रहता रहा और विभाग से हाउस एलाउंस (एचआरए) भी लेता रहा। विभाग ने आज तक उद्यान कर्मी से अवैध रूप से लिए गए हाउस एलाउंस की रिकवरी नहीं की। बताते है कि पिछले दिनों लाखों रुपये की नर्सरी की कीमती लकड़ी इंचार्ज की मिलीभगत से ही बिना नीलामी के 15 हजार में बेच दी गई। यहीं नहीं एक लाख से अधिक की मुसम्मी चार हजार में बेच कर सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाई है।
उप निदेशक कृषि अभय यादव का कहना है कि कृषि फार्म अधीक्षक की शिकायत पर तत्काल नोटिस जारी कर उद्यान कर्मी से आवास खाली कर लिया गया है। उद्यान अधिकारी केशराम चौधरी का कहना है कि उनको रिकवरी का अधिकार नहीं है। जब कोई उच्चाधिकारी आदेश करेगा तो रिकवरी की जाएगी।
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राजकीय कृषि फार्म अतर्रा के तत्कालीन अधीक्षक लेखराज निरंजन दिसंबर 2020 में सेवानिवृत्त हो गए थे। रिटायरमेंट के बाद वे गांव चले गए लेकिन उनका पुत्र परिवार सहित कृषि फार्म हाउस में डेरा जमाए रहा। जो मौजूदा समय में उद्यान विभाग में सहायक उद्यान निरीक्षक के पद पर कार्यरत और राजकीय नर्सरी में इंचार्ज भी है। मौजूदा फार्म हाउस के अधीक्षक तुलाराम यादव की शिकायत व अधिकारियों के दबाव के बाद उद्यान कर्मी ने पिछले माह फार्म हाउस का आवास तो खाली कर दिया।
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मजे की बात तो यह है कि उद्यान कर्मी पिछले पांच सालों तक कृषि विभाग के फार्म हाउस में रहता रहा और विभाग से हाउस एलाउंस (एचआरए) भी लेता रहा। विभाग ने आज तक उद्यान कर्मी से अवैध रूप से लिए गए हाउस एलाउंस की रिकवरी नहीं की। बताते है कि पिछले दिनों लाखों रुपये की नर्सरी की कीमती लकड़ी इंचार्ज की मिलीभगत से ही बिना नीलामी के 15 हजार में बेच दी गई। यहीं नहीं एक लाख से अधिक की मुसम्मी चार हजार में बेच कर सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाई है।
उप निदेशक कृषि अभय यादव का कहना है कि कृषि फार्म अधीक्षक की शिकायत पर तत्काल नोटिस जारी कर उद्यान कर्मी से आवास खाली कर लिया गया है। उद्यान अधिकारी केशराम चौधरी का कहना है कि उनको रिकवरी का अधिकार नहीं है। जब कोई उच्चाधिकारी आदेश करेगा तो रिकवरी की जाएगी।
