UP: बवाल से पहले बेग बरातघर में मौलाना तौकीर ने की थी बैठक, यहीं रची थी साजिश; अब चला बीडीए का बुलडोजर
बरेली में वाजिद बेग के फरीदापुर चौधरी में बने बेग बरातघर पर मंगलवार को बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) ने बुलडोजर चलाया। दो बुलडोजर और एक पोकलेन मशीन ने भवन के 35 प्रतिशत हिस्से को जमींदोज कर दिया। बुधवार को भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई हो रही है।
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बरेली के इज्जतनगर थाना क्षेत्र के फरीदापुर चौधरी में बने वाजिद बेग के बेग बरातघर में ही 26 सितंबर को शहर में बवाल की साजिश रची गई थी। यहां 19 सितंबर को मौलाना तौकीर रजा ने बैठक कर माहौल बिगाड़ने के लिए नौजवानों को भड़काया था। इन तथ्यों को कार्रवाई के दौरान एसपी सिटी मानुष पारीक ने भी दोहराया। हालांकि उन्होंने साफ किया कि ध्वस्तीकरण से पुलिस विवेचना के इन तथ्यों का कोई लेनादेना नहीं है। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई बीडीए नियमानुसार कर रहा है।
मंगलवार को कार्रवाई के दौरान पूरे समय मौके पर मौजूद रहे एसपी सिटी मानुष पारीक ने बताया कि 26 सितंबर को हुए बवाल की साजिश वाजिद बेग के बरातघर में ही आईएमसी (इत्तेहाद मिल्लत कौंसिल) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने रची थी। उसने यहां 19 सितंबर को बैठक की थी। इसमें आईएमसी के महत्वपूर्ण पदाधिकारी शामिल हुए थे। इनके अलावा आसपास इलाके के नौजवानों को भी यहां धार्मिक बातों के जरिये भड़काया गया था। बवाल की कोशिश के बाद दस मामले उसी दिन और कुछ बाद में दर्ज किए गए थे। कई मुकदमों में आरोपियों के विरुद्ध कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल की गई है तो कुछ में विवेचना चल रही है।
एसपी सिटी ने बताया कि उस दिन माहौल खराब करने की कोशिश के मामले में अब तक सौ से ज्यादा उपद्रवियों को चिह्नित किया जा चुका है। अभी तक 90 आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। एसपी सिटी ने यह भी कहा कि बीडीए की तरफ से वाजिद बेग के बरातघर पर की जा रही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में शांति और सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से मौके पर दो प्लाटून पीएसी तैनात की गई है। सीओ तृतीय पंकज श्रीवास्तव के नेतृत्व में कई थानों की फोर्स तैनात रही।
झुल्लन खां की जमीन पर बना है बरातघर
फरीदापुर चौधरी के अलीम खां ने बताया कि ढाई साल पहले वाजिद बेग ने जमीन खरीदकर बरातघर बनाया था। पहले यह जमीन गांव के झुल्लन खां की थी। वाजिद प्लॉटिंग का काम करता है। उसकी डेलापीर पर इलेक्ट्रॉनिक सामान की दुकान भी है। बुजुर्ग अलीम ने स्वीकार किया कि बरातघर में तौकीर रजा की मीटिंग तो हुई थी, इसीलिए बीडीए तोड़ रहा है। उन्होंने सवाल किया कि जब बरातघर बन रहा था तो बीडीए वाले कहां थे और आज अचानक आकर बुलडोजर से गिराने लगे। गांव के नन्हें खां ने भी यही बात बताई कि वाजिद ने दूसरे से जमीन खरीदकर बरात घर बनाया था। इसमें शादी-ब्याह के कार्यक्रम होते थे और कभी-कभी धार्मिक बैठक होती थीं।
बरातघर ध्वस्त करने में जुटी पोकलेन दोपहर ढाई बजे के दौरान दगा दे गई। तकनीकी खराब आने से उसका काम बंद हो गया। फिर बीडीए के संयुक्त सचिव ने फोन कर टेक्नीशियन को बुलाया और कमी को दूर कराया। इसमें डेढ़ घंटे का समय लग गया। हालांकि, इस दौरान दोनों बुलडोजर शांत नहीं हुए वह भवन तोड़ने में जुटे रहे। बेग बरातघर काफी खूबसूरत बना था। दो मंजिला बरातघर की छत पर नायाब गुंबद भी बनाया गया था जो भवन की खूबसूरती में चार चांद लगा रहा था। लेकिन, बीडीए के बुलडोजरों ने ध्वस्तीकरण के पहले सामने का हिस्सा तोड़कर उसे बदरंग कर दिया है।
- 06 अक्तूबर को वाजिद को बीडीए ने बरातघर को सील कर नोटिस देकर जवाब मांगा।
- 18 अक्तूबर को दिए गए सुनवाई के अवसर को विपक्षी वाजिद बेग अनदेखा कर दिया।
- 1 नवंबर को वाजिद की ओर उसे उसके भाई आबिद बेग ने बीडीए जाकर सील खोलने की गुहार लगाई।
- 04 नवंबर को शासन में दायर वाजिद बेग बनाम बीडीए में विशेष सचिव के आदेश की प्रति आबिद ने बीडीए को दी थी।
- 19 नवंबर को क्षेत्रीय अभियंता ने फिर निरीक्षण कर बरात घर के सामने की सड़क 12 मीटर की जगह 6.55 मीटर चौड़ी और नक्शा न पास होने की रिपोर्ट दी।
- 21 नवंबर को ध्वस्तीकरण का आदेश बीडीए की विशेष कार्याधिकारी नीलम श्रीवास्तव ने जारी किया।
- 20 दिसंबर को विशेष सचिव महेंद्र प्रसाद भारती ने भी वाजिद बेग के पुनरीक्षण वाद को निरस्त कर दिया।
- 20 दिसंबर को उपाध्यक्ष बीडीए ने अनाधिकृत बरात घर को ढहाने को पुलिस बल के लिए एसएसपी को पत्र लिखा और इसकी एक प्रति वाजिद बेग को भेजी थी।
- 23 दिसंबर को ध्वस्तीकरण शुरू किया गया।
बीडीए के संयुक्त सचिव दीपक कुमार ने बताया कि नई नियमावली में कम से कम नौ मीटर चौड़ी सड़क का मानक है और भवन का न्यूनतम 700 वर्ग मीटर क्षेत्रफल होना अनिवार्य है। जबकि, वाजिद बेग के बरातघर के सामने की सड़क कम चौड़ाई वाली है और भवन का नक्शा भी पास नहीं कराया है। भूमि का प्रयोग बदलना और ले-आउट पास होना जरूरी है। वाजिद का बरातघर कोई नियम पूरे नहीं कर रहा इसलिए उसका ध्वस्तीकरण किया जा रहा है।
आवासीय और पुश्तैनी भवन है : आबिद बेग
वाजिद बेग के छोटे भाई आबिद बेग ने बताया कि गांव में कोई भवन ऐसा दिखा दें जिसका नक्शा पास हुआ हो। जिस जमीन पर बने भवन को बीडीए ध्वस्त कर रहा है, वह कोई बरातघर नहीं है। इसमें घरेलू कार्यक्रम जरूर कर लेते थे, यह आवासीय और हमारा पुश्तैनी भवन है। बीडीए ने इस भवन को नोटिस में 20 साल पुराना बताया है। उन्होंने कहा कि गांव में पार्टीबंदी है। 26 सितंबर की घटना से आठ-दस दिन पहले मौलाना तौकीर रजा गांव में वर्तमान और पूर्व पार्षद के बीच सुलह कराने आए थे।
