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बीमारी न मार सकी, हालात ने मारा: सर्राफा व्यापारी ने खुद को मारी गोली, इन दो समस्याओं से जूझ रहे थे सुरेंद्र
संवाद न्यूज एजेंसी, लखीमपुर खीरी
Published by: श्याम जी.
Updated Sun, 08 Sep 2024 07:07 PM IST
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सार
लखीमपुर खीरी जिले में एक सर्राफा व्यवसायी ने लाइसेंसी राइफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि व्यवसायी कैंसर और लीवर की बीमारी से पीड़ित थे। शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया। मामले में आगे की जांच जारी है।

सुरेंद्र गुप्ता का फाइल फोटो व परिजन
- फोटो : अमर उजाला
विस्तार
शहर के मोहल्ला रानीगंज निवासी एक सर्राफा व्यवसायी ने लाइसेंसी राइफल से गोली मारकर खुदकुशी कर ली। घटना रविवार सुबह साढ़े छह बजे की बताई जा रही है। अचानक गोली चलने की आवाज सुनकर परिजनों में हड़कंप मच गया। परिजन कमरे की ओर भागे, व्यवसायी को लहूलुहान हालत में देखा तो होश उड़ गए। जानकारी मिलने पर आनन-फानन पुलिस मौके पर पहुंची और शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। व्यवसायी मुंह के कैंसर से पीड़ित थे।
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मोहल्ला रानीगंज निवासी सुरेंद्र गुप्ता (63) की सुरेंद्र मोहन सर्राफा के नाम से दुकान है। रविवार सुबह सोकर उठे व्यापारी नित्य कार्यों से निवृत्त होकर कमरे में पानी पीने की बात कहते हुए घुसे थे। कुछ ही देर बाद कमरे से गोली चलने की जोरदार आवाज सुनाई दी। आवाज सुनकर घर के अन्य सदस्य घबरा गए और नीचे भागे। नीचे आकर देखा तो कमरे में सुरेंद्र गुप्ता जमीन पर पड़े तड़प रहे थे। परिजनों ने मुताबिक सुरेंद्र ने गोली चेहरे से सटाकर चलाई थी, इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
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परिजनों का कहना है कि तीन साल पहले सुरेंद्र गुप्ता को मुंह में कैंसर होने की पुष्टि हुई थी। इसके बाद से लगातार उनका इलाज चल रहा था, कुछ महीने पहले गुड़गांव में उनका ऑपरेशन भी हो चुका था। एक मर्ज सही होती, इससे पहले उन्हें लीवर की भी समस्या हो गई थी। व्यापारी का इलाज कर रहे चिकित्सकों ने लीवर ट्रांसप्लांट करने का सुझाव दिया था। यह बात जानने के बाद से वह लगातार डिप्रेशन में रह रहे थे। सूचना पर कोतवाल अंबर सिंह भी दलबल के साथ मौके पर पहुंचे।
मृतक के घर पर उमड़ी भीड़
सर्राफा के बड़े व्यापारी होने के नाते छोटे बड़े व्यापारियों के बीच सुरेंद्र का उठना बैठना था, जिसने भी घटना सुनी, मृतक के घर की ओर दौड़ पड़ा। इधर काफी संख्या में व्यापारी पोस्टमार्टम हाउस पर भी एकत्र हो गए। व्यापारी के शव का पोस्टमार्टम होने में देरी की बात पता चलने पर आक्रोश देखा गया। इस देरी के पीछे रविवार को डॉक्टरों के मौजूद न होने की बात पता चली है। फिलहाल दोपहर तक कागजी कार्रवाई होती रही, इसके बाद शव का पोस्टमार्टम हो सका।
एक्स-रे न होने की वजह से वाहन में ही पड़ा रहा शव
आमतौर पर घटना होने के बाद शव को पोस्टमार्टम हाउस के अंदर रखवा दिया जाता है। कागज पूरे होने पर ही पोस्टमार्टम किया जाता है, लेकिन व्यापारी की घटना में अधिकारियों की संवेदनहीनता सामने आई। घटना सुबह साढ़े छह बजे की थी, एक घंटे के बाद शव पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गया, लेकिन वहां के कर्मचारियों ने शव अंदर नहीं रखवाया। करीब पांच घंटे तक शव वाहन में पड़ा रहा। हालांकि व्यापारियों के आक्रोशित होने से पहले ही कर्मचारी अलर्ट हो गए और शव को एक्स-रे के लिए भेज दिया।
इंस्पेक्टर कोतवाली सदर अंबर सिंह ने बताया कि व्यापारी को मुंह का कैंसर था। इसी के चलते वह परेशान थे। पूरा संपन्न परिवार छोड़ गए हैं। शव का पोस्टमार्टम कराया गया है, आगे की कार्रवाई की जाएगी।