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UP News: चार साल बाद बरेली में मिला ब्लैक फंगस का मरीज, संक्रमित अंगों को सर्जरी से हटाना पड़ा
अमर उजाला ब्यूरो, बरेली
Published by: मुकेश कुमार
Updated Wed, 17 Dec 2025 10:56 AM IST
सार
बरेली में एक व्यक्ति ब्लैक फंगस से संक्रमित पाया गया। उसकी दाहिनी आंख, जबड़े और आधी नाक तक गंभीर संक्रमण था। चिकित्सकों ने सर्जरी से उसके संक्रमित अंगों को हटाया। फिलहाल उसका उपचार जारी है।
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बरेली जिले में चार साल बाद म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) का मरीज सामने आया है। इज्जतनगर क्षेत्र के 40 वर्षीय व्यक्ति में इस गंभीर फंगल संक्रमण की पुष्टि केजीएमयू लखनऊ की जांच रिपोर्ट में हुई है। फिलहाल मरीज का एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। वह डायबिटीज से पीड़ित है। इस वजह से संक्रमण तेजी से फैला। उसकी दाहिनी आंख, जबड़ा और आधी नाक चपेट में आ गई। डॉक्टरों को सर्जरी कर प्रभावित अंगों को हटाना पड़ा।
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इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (आईडीएसपी) सेल प्रभारी डॉ. मीसम अब्बास के मुताबिक, निजी अस्पताल की सूचना पर मरीज का सैंपल लेकर दो दिसंबर को केजीएमयू भेजा गया था। सोमवार को मिली रिपोर्ट में म्यूकर माइकोसिस की पुष्टि हुई तो स्वास्थ्य विभाग ने जिले के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को अलर्ट जारी किया है। संदिग्ध मरीज मिलने पर तत्काल सूचना देने, सैंपलिंग और जांच कराने के निर्देश दिए हैं।
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जानिए, क्या है ब्लैक फंगस
डॉ. अब्बास के मुताबिक, म्यूकर माइकोसिस दुर्लभ और जानलेवा फंगल संक्रमण है। यह मिट्टी, खाद, सड़ी-गली चीजों और नमी वाले स्थानों पर पाए जाने वाले म्यूकर फंगस से होता है। यह संक्रमण नाक के जरिये शरीर में प्रवेश कर आंखों, जबड़े, मस्तिष्क और फेफड़ों तक फैल सकता है। डायबिटीज के मरीजों, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों और लंबे समय तक स्टेरॉयड लेने वालों में इसका खतरा अधिक रहता है।
बचाव के उपाय
ब्लैक फंगस से बचाव के लिए ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखना बेहद जरूरी है। डॉक्टर की सलाह के बिना स्टेरॉयड या एंटीबायोटिक का सेवन न करें। धूल-मिट्टी वाले इलाकों में मास्क पहनें और साफ-सफाई का ध्यान रखें। नाक या आंख में सूजन, चेहरे में दर्द, काले धब्बे, नाक से खून आने या नजर कमजोर होने जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
डॉ. अब्बास के मुताबिक, म्यूकर माइकोसिस दुर्लभ और जानलेवा फंगल संक्रमण है। यह मिट्टी, खाद, सड़ी-गली चीजों और नमी वाले स्थानों पर पाए जाने वाले म्यूकर फंगस से होता है। यह संक्रमण नाक के जरिये शरीर में प्रवेश कर आंखों, जबड़े, मस्तिष्क और फेफड़ों तक फैल सकता है। डायबिटीज के मरीजों, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों और लंबे समय तक स्टेरॉयड लेने वालों में इसका खतरा अधिक रहता है।
बचाव के उपाय
ब्लैक फंगस से बचाव के लिए ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखना बेहद जरूरी है। डॉक्टर की सलाह के बिना स्टेरॉयड या एंटीबायोटिक का सेवन न करें। धूल-मिट्टी वाले इलाकों में मास्क पहनें और साफ-सफाई का ध्यान रखें। नाक या आंख में सूजन, चेहरे में दर्द, काले धब्बे, नाक से खून आने या नजर कमजोर होने जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
