Bareilly News: अंगूठी की ठगी को लेकर 21 साल चला मुकदमा, एक दोषी को तीन वर्ष की सजा, दूसरा बरी
बरेली में सोने की अंगूठी की ठगी के मामले में 21 साल तक मुकदमा चला। बृहस्पतिवार को इस मामले में फैसला आया। अदालत ने एक अभियुक्त को दोषी मानते हुए उसे तीन वर्ष कैद की सजा सुनाई। दूसरे आरोपी को बरी कर दिया।
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बरेली में 21 साल पुराने सोने की अंगूठी की ठगी के मुकदमे में अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी की अदालत ने एक आरोपी को दोषी पाते हुए तीन साल कैद की सजा सुनाई है। वहीं दूसरे आरोपी को पर्याप्त गवाह व साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है।
घटना 25 अप्रैल 2003 की है। प्रेमनगर के भानुप्रकाश क्लीनिक से रिक्शे से घर लौट रहे थे। रास्ते में एक बुलेट मोटरसाइकिल पर सवार दो युवकों ने रिक्शा रुकवा लिया। मामा जी कहते हुए कहा कि उनके पड़ोस में रहने वाला राजू उसका साला है। रिश्तेदारी बताकर दोनों युवक उनसे बातचीत करने लगे।
इनमें एक घर से कुछ देर में आने की बात कहकर चला गया। दूसरा युवक उन्हें एक गली में ले गया। कहा कि पिता बीमार हैं। उन्हें ज्योतिषी ने पुखराज पहनने को बताया है। भानु की सोने की अंगूठी उतरवाकर कहा कि अभी साथी को दिखाकर वापस आता हूं।
प्रेमनगर पुलिस ने दर्ज किया था मुकदमा
इसके बाद दोनों का कोई पता नहीं चला। प्रेमनगर पुलिस ने इस मामले में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया। विवेचना में सीबीगंज के जौहरपुर गांव के विनोद कुमार शर्मा व मुरादाबाद के नागफनी थानाक्षेत्र के चौरासी घंटा मोहल्ला किसरोल के राजीव शर्मा उर्फ बबलू के नाम प्रकाश में आए।
पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। आलमगिरी गंज में सराफ के यहां गिरवी रखी गई अंगूठी भी बरामद कर ली। विवेचना के दौरान पुलिस ने दोनों के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया।
एडीजीसी सुनील कुमार पांडेय की तरफ से अदालत को बताया गया कि विनोद कुमार शर्मा अभ्यस्त ठग है। उसके खिलाफ 11 मुकदमे दर्ज हैं। अदालत ने साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर विनोद कुमार शर्मा को दोषी ठहराते हुए तीन वर्ष कारावास व तीन हजार रुपये अर्थदंड सुनाया। वहीं राजीव शर्मा को पर्याप्त साक्ष्यों व गवाहों के अभाव में दोषमुक्त करार दिया गया।
650 रुपये में गिरवी रखी थी अंगूठी
पुलिस ने जब आलमगिरी गंज में सराफ के यहां से अंगूठी बरामद की तो उसने बताया कि अंगूठी का वजन 1.800 ग्राम है। उसकी अनुमानित कीमत 900 रुपये है, जिसे 650 रुपये में दो लोग गिरवी रखकर गए थे। तिजोरी से निकालकर सराफ ने अंगूठी पुलिस को दी।