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UP News: बरेली में गन्ना उपायुक्त का जिला सहकारी बैंक से टूटा भरोसा, एफडी के 32.13 करोड़ रुपये निकाले

निर्मल पांडेय, संवाद न्यूज एजेंसी, बरेली Published by: मुकेश कुमार Updated Tue, 23 Dec 2025 11:01 AM IST
सार

बरेली की जिला सहकारी बैंक को बड़ा झटका लगा है। गन्ना उपायुक्त के निर्देश पर बैंक में एफडी के तौर पर जमा 32.13 करोड़ रुपये निकाल लिए गए हैं। यह रकम अब दूसरी बैंकों में जमा कराई जा रही है। 

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Deputy Cane Commissioner do not trust District Cooperative Bank and withdraw fixed deposit in Bareilly
जिला सहकारी बैंक का प्रधान कार्यालय - फोटो : संवाद
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विस्तार
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बरेली के जिला सहकारी बैंक में धन की सुरक्षा पर गन्ना उप आयुक्त राजेश मिश्र को भरोसा नहीं है। जिले की सहकारी बैंक की शाखाओं में एफडी के तौर पर जमा 57.84 करोड़ रुपये में से उन्होंने अब तक 32.13 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं। अब वह दूसरी बैंक में रुपये जमा कर एफडी (फिक्स डिपॉजिट-सावधि जमा) करा रहे हैं।

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परेशान जिला सहकारी बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने उप्र कोऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक से कहा है कि यदि गन्ना उप आयुक्त के निर्देशों में संशोधन नहीं होता है तो बैंक में विनियोजित (एफडी) धनराशि के आहरण की प्रबल संभावना है और ऐसे में बैंक पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। साथ ही किसानों को ऋण देना मुश्किल हो सकता है।
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सरकारी बैंक में एफडी के 10 खाते 
मंडल के चारों जिलों में 16 सहकारी गन्ना विकास समितियां और 17 गन्ना विकास परिषद हैं। सहकारी बैंक में इनके एफडी के 10 खाते हैं। इनमें कुल 57.84 करोड़ रुपये बतौर एफडी जमा थे। इसमें 32.13 करोड़ रुपये निकालकर दूसरे बैंक में एफडी करा दी गई है। पिछले शुक्रवार को भी एफडी तोड़कर 6.50 करोड़ रुपये निकाले गए। यह सब उप गन्ना आयुक्त के सात जुलाई के पत्र के आधार पर हो रहा है।

पत्र में उपायुक्त ने कहा है कि मंडलीय फंड निवेश समिति की बैठक में तय हुआ है कि सुरक्षा को देखते हुए संस्थाओं के धन को जिला सहकारी बैंक में विनियोजित न करके अधिकतम ब्याज दर देने वाले बैंकों में गन्ना समितियां और गन्ना विकास परिषद सरप्लस फंड निवेश करेंगी। 

हालांकि, सहकारी बैंक तीन करोड़ से अधिक धनराशि की एफडी पर 7.51 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दे रहा है, जबकि अन्य कोई भी बैंक इतना ब्याज नहीं दे रहा है। उधर, 25 सितंबर 2023 को गन्ना आयुक्त प्रभु एन सिंह की तरफ से भी सहकारी गन्ना समितियों के बैंक खातों के रखरखाव के संबंध में राष्ट्रीयकृत कॉमर्शियल बैंकों के साथ जिला सहकारी बैंक को भी शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं।

कब बंद हो जाएं... सहकारी बैंकों का कोई भरोसा नहीं
उप गन्ना आयुक्त राजेश मिश्र का कहना है कि लखीमपुर खीरी, गोंडा, बस्ती व हरदोई में जिला सहकारी बैंक की शाखाएं बंद हो गई हैं। बस्ती जिले की सहकारी बैंक की एक शाखा में गन्ना सोसाइटी का 27 लाख रुपये था। यह बैंक शाखा बंद हो गई, इसलिए इन बैंक शाखाओं का कोई भरोसा नहीं है कि ये कब बंद हो जाएं। 

यह भी पढ़ें- Bareilly News: तीन सौ बेड अस्पताल की सीटी स्कैन यूनिट में फिर चोरी, तार काट ले गया चोर; माहभर में तीसरी वारदात

उन्होंने बताया कि मुख्यालय से ही कहा गया है कि सहकारी बैंकों में एफडी न रखिए, खाता भी बंद कर दीजिए, लेकिन सहकारी बैंक में खाता रखना इसलिए मजबूरी है, क्योंकि किसानों को खाद व बीज के लिए नाबार्ड से मिलने वाला ऋण सहकारी बैंक के माध्यम से मिलता है। उप गन्ना आयुक्त ने कहा कि राष्ट्रीयकृत बैंक में भले ब्याज कम हो, मगर गन्ना समितियों का पैसा सुरक्षित तो है।

जिला सहकारी बैंक उप महाप्रबंधक सर्वेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि गन्ना आयुक्त के स्पष्ट निर्देश हैं कि जो बैंक सबसे अधिक ब्याज दे, उसके यहां गन्ना समितियों और विकास परिषद धनराशि जमाकर एफडी कराएंगी। इसके बाद भी उप गन्ना आयुक्त ने सहकारी बैंक से एफडी तुड़वाने का आदेश जारी कर दिया है। जबकि, सहकारी बैंक सर्वाधिक ब्याज दे रही है। 

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