घोर लापरवाही: सरकारी जांच में ब्लड ग्रुप निगेटिव, निजी में पॉजिटिव, गलत खून चढ़ने से महिला की हालत बिगड़ी
बरेली के जिला अस्पताल में घोर लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां की पैथोलॉजी में कराई गई जांच में ब्लड ग्रुप बी निगेटिव बताया गया, जबकि निजी जांच में पॉजिटिव निकला। जिसके चलते महिला को गलत खून चढ़ गया, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई।

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बरेली के जिला अस्पताल की पैथोलॉजी से ब्लड ग्रुप की जांच कराने से एक महिला की जान पर बन आई। गलत खून चढ़ते ही महिला की हालत बिगड़ गई। उसे भर्ती कराना पड़ा। बाद में आईएमए ब्लड बैंक में और खून लेने पहुंचे तो जांच में दूसरा ब्लड ग्रुप निकला। परिजन ने मामले में कार्रवाई की मांग की है।

कटरा चांद खां निवासी नीरज की पत्नी राधा को थकावट, चक्कर आदि की समस्या थी। इलाज के लिए निजी अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने ब्लड की जांच कराई। हीमोग्लोबिन का स्तर 4.5 मिलने पर एनीमिक बताया और खून चढ़ाने का सुझाव दिया। ब्लड ग्रुप का पता करने के लिए वे तीन सौ बेड अस्पताल की पैथोलॉजी पहुंचे। स्लाइड्स न होने पर राधा के रक्त का नमूना लेकर जांच के लिए जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में भेज दिया। जहां बी निगेटिव ब्लड ग्रुप पता चला। वह खून चढ़वाने निजी अस्पताल पहुंचे।
निजी जांच में ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव निकला
सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक एक यूनिट बी निगेटिव ग्रुप का रक्त चढ़वाया। दोबारा जांच में हीमोग्लोबिन कम मिलने पर फिर एक यूनिट ब्लड लाने के लिए कहा। आईएमए ब्लड बैंक पहुंचे तो जांच में रिपोर्ट बी पॉजिटिव मिली। पुष्टि के लिए रामपुर गार्डन स्थित निजी पैथोलॉजी में जांच कराई वहां भी रिपोर्ट बी पॉजिटिव मिली। इधर, राधा की हालत बिगड़ने लगी।
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नीरज के मुताबिक रविवार को पत्नी को बी निगेटिव खून चढ़ा था। इससे हालत में सुधार के बजाय कंपकंपी लगने लगी। दो ब्लड बैंक की जांच में बी पॉजिटिव की पुष्टि पर उन्होंने निगेटिव के बजाय बी पॉजिटिव खून चढ़ाया। जटिल स्थिति देख संबंधित चिकित्सक ने जरूरी दवा, इंजेक्शन आदि लगाए, जिससे हालत में सुधार हुआ।
क्रॉस मैच से चढ़ता है खून, निजी अस्पताल की भूमिका पर सवाल
विशेषज्ञ डॉ. अमित दिनकर के मुताबिक नियमानुसार किसी मरीज के परिजन या किसी अस्पताल द्वारा रक्त ग्रुप बताने पर सीधे वही ग्रुप नहीं चढ़ाया जाता। संबंधित अस्पताल में क्रॉस मैच के बाद ही रक्त चढ़ता है। जिस अस्पताल में खून चढ़ा था, वहां के स्टाफ से भी चूक हुई है। आईएमए ब्लड बैंक के डॉ. जेपी सेठी के मुताबिक बी निगेटिव और बी पॉजिटिव में ब्लड ग्रुप बी होने से गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं होती।
एडी एसआईसी डॉ. अलका शर्मा ने बताया कि प्रकरण संज्ञान में नहीं है। पैथोलॉजी के डॉक्टर, स्टाफ से जवाब लिया जाएगा। अगर गलत रिपोर्ट देने की पुष्टि हुई तो कार्रवाई होगी।