वसूली कांड: बरेली में दरोगा की पिस्टल जमा कराने वाले हेड मोहर्रिर व सिपाही निलंबित, एसएसपी ने लिया एक्शन
वसूली कांड में फतेहगंज पश्चिमी चौकी प्रभारी बलवीर सिंह और दो सिपाही पहले ही निलंबित किए जा चुके हैं। अब चौकी प्रभारी के खास स्टाफ पर गाज गिरी है।

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बरेली के फतेहगंज पश्चिमी चौकी प्रभारी बलवीर सिंह के वसूली कांड के बाद अब उसके खास स्टाफ पर भी कार्रवाई की गाज गिरी है। फरार होते वक्त चौकी प्रभारी की पिस्टल जमा करने वाले हेड मोहर्रिर (दीवान) और सिपाही को निलंबित कर दिया गया है।

किसान को रबर फैक्टरी के निजी आवास में बंधक बनाकर दो लाख रुपये वसूली करने के मामले में चौकी प्रभारी बलवीर सिंह व दो सिपाही हिमांशु और मोहित फरार हो गए हैं। भागने के दौरान सिपाहियों के पास तो सरकारी असलहे नहीं थे पर चौकी प्रभारी के पास पिस्टल जरूर थी। बताते हैं कि सीओ के गिरफ्तारी करने आने की भनक बलवीर सिंह को पहले ही लग गई थी, इसलिए वह मौके से निकल भागा।
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पिस्टल ले जाने का नया मुकदमा होने के डर से बलवीर ने होशियारी दिखाई और चौकी पर तैनात अपने कारखास सिपाही रजत कुमार को पिस्टल सौंप दी। थाने के हेड मोहर्रिर मनोज कुमार से भी बलवीर की नजदीकी थी।
इस तरह रजत के जरिये पिस्टल को रिकॉर्ड में जमा करा दिया। रविवार को अमर उजाला ने इस खेल की खबर प्रकाशित की तो एसएसपी अनुराग आर्य ने जांच कराई। इसके बाद मनोज कुमार व रजत को निलंबित कर दिया गया। दोनों के खिलाफ विभागीय जांच भी बैठाई गई है।
चौकी से कार भी निकलवाई, ठेकेदार ले गया सामान
चौकी प्रभारी कस्बा फतेहगंज पश्चिमी चौकी स्थित अपने आवास में इन दिनों निर्माण व सुंदरीकरण करा रहा था। सूत्रों के मुताबिक छुटभैये नेताओं के इशारे पर तस्करी के धंधे से जुड़े लोगों ने इस काम की जिम्मेदारी ली थी। चौकी प्रभारी पर कार्रवाई के बाद रविवार को ठेकेदार ने यहां से सीमेंट के बोरे व अन्य सामान उठवा लिया। वहीं चौकी प्रभारी ने साथियों से चौकी के अंदर खड़ी कार भी निकलवा ली। सूत्रों के अनुसार चौकी व थाने स्तर पर अभी बलवीर के हमदर्द उसकी मदद कर रहे हैं। चौकी पर एसएसआई विश्वदेव सिंह को अस्थाई जिम्मेदारी दी गई है। वह छुट्टी चले गए हैं।
तस्करों के गुर्गों से यारी के लिए चर्चित रहा है मुंशी
निलंबित मुंशी मनोज कुमार के बारे में बताया जा रहा है कि उसका तबादला करीब आठ महीने पहले हो चुका है। बावजूद वह फतेहगंज पश्चिमी थाना नहीं छोड़ रहा। उसके खिलाफ कई शिकायतें की जा चुकी हैं। कई बार सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई हैं।
आरोप है कि तस्करों के गुर्गों से उसका जुड़ाव है। थाने में आमद कराने के बाद छापामारी करने से पहले ही आरोपी फरार हो जाते हैं। शातिर स्मैक तस्कर शराफत हुसैन उर्फ भाई जान के गुर्गे भी उसके करीबी बताए जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो भाईजान बरेली में रहकर गुर्गों से उत्तराखंड, राजस्थान, दिल्ली व मुरादाबाद में स्मैक सप्लाई कराता है।
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि फतेहगंज पश्चिमी में की गई कार्रवाई के साथ ही एक टीम बनाकर वहां हो रहे कृत्यों की जांच कराई जा रही है। जो भी पुलिसकर्मी दोषी मिलेंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी। स्मैक तस्करी जैसे धंधों पर पुलिस पूरी सख्ती से रोक लगाने के लिए प्रतिबद्ध है।