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Diwali 2025: दिवाली पर संभलकर जलाएं पटाखे, बच्चे और बुजुर्गों को रखें दूर; बरतें ये सावधानी
अमर उजाला ब्यूरो, बरेली
Published by: मुकेश कुमार
Updated Mon, 20 Oct 2025 08:52 AM IST
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सार
दिवाली खुशियों और रोशनी का पर्व है। इस पर्व पर आतिशबाजी भी खूब होगी। ऐसे में पटाखा या रॉकेट जलाते वक्त सावधानी बरतें, ताकि त्योहार की खुशियां बरकरार रहें।

आतिशबाजी करते लोग
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
रोशनी के पर्व दिवाली पर पटाखों और रॉकेट से आसमान सतरंगी न हो, यह मुमकिन नहीं। पर जरा सी अनदेखी से हर्षोल्लास के पर्व को नजर लग सकती है। इसलिए पटाखों को जलाते समय सतर्कता बरतने की जरूरत है, ताकि सुख समृद्धि के त्योहार का मनोरंजन बरकरार रहे।
बरेली के जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. आरके गुप्ता ने बताया कि पटाखे जलाते समय बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखना होगा। किसी वजह से अगर आंखों में चोट लग जाए और पलकें खुद ही बंद हो जाएं तो थोड़ी देर बंद ही रहने दें। जलन, दर्द और छटपटाहट होने पर घबराएं नहीं।
आंसुओं के साथ चिंगारी की राख खुद बाहर निकल आएगी। हालत गंभीर प्रतीत हो तो डॉक्टर से संपर्क करें। बगैर परामर्श आंख में कोई भी दवा न डालें। पटाखों से अंग झुलसने पर घरेलू इलाज से सही करने का प्रयास न करें।
सुझाव दिया कि पटाखे पार्क, मैदान में जलाएं। घर के अंदर, संकरी गली, गाड़ी के पास पटाखे न जलाएं। बच्चों को अकेले पटाखे न चलाने दें। बड़ों की निगरानी में फुलझड़ी ही दें। सूती टाइट कपड़े पहनकर पटाखे जलाएं। सिंथेटिक, नायलॉन के कपड़ों में आग लगने की आशंका ज्यादा होती है।

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बरेली के जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. आरके गुप्ता ने बताया कि पटाखे जलाते समय बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखना होगा। किसी वजह से अगर आंखों में चोट लग जाए और पलकें खुद ही बंद हो जाएं तो थोड़ी देर बंद ही रहने दें। जलन, दर्द और छटपटाहट होने पर घबराएं नहीं।
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आंसुओं के साथ चिंगारी की राख खुद बाहर निकल आएगी। हालत गंभीर प्रतीत हो तो डॉक्टर से संपर्क करें। बगैर परामर्श आंख में कोई भी दवा न डालें। पटाखों से अंग झुलसने पर घरेलू इलाज से सही करने का प्रयास न करें।
सुझाव दिया कि पटाखे पार्क, मैदान में जलाएं। घर के अंदर, संकरी गली, गाड़ी के पास पटाखे न जलाएं। बच्चों को अकेले पटाखे न चलाने दें। बड़ों की निगरानी में फुलझड़ी ही दें। सूती टाइट कपड़े पहनकर पटाखे जलाएं। सिंथेटिक, नायलॉन के कपड़ों में आग लगने की आशंका ज्यादा होती है।
बरतें सावधानी
- पटाखा जलाते वक्त कोई साथ रहे, ताकि हादसा होने पर मदद हो सके।
- मोमबत्ती या फिर अगरबत्ती से ही पटाखों को उचित दूरी पर रखकर जलाएं।
- पटाखों को सड़क पर या अन्य किसी सार्वजनिक स्थान पर जलाने से बचें।
- जलाने पर अगर पटाखा न जले तो पानी डाल दें। ताकि कोई आशंका न रहे।
- पटाखों के भंडार को जलाने के स्थान के पास न रखें।
- जले हिस्से पर बर्फ न लगाएं, छाले पड़े हैं ती त्वचा को खींचने से बचें।
- गंभीर हादसा होने पर स्वास्थ्य सेवा के लिए 108 एंबुलेंस पर कॉल करें।
- पटाखा जलाते वक्त कोई साथ रहे, ताकि हादसा होने पर मदद हो सके।
- मोमबत्ती या फिर अगरबत्ती से ही पटाखों को उचित दूरी पर रखकर जलाएं।
- पटाखों को सड़क पर या अन्य किसी सार्वजनिक स्थान पर जलाने से बचें।
- जलाने पर अगर पटाखा न जले तो पानी डाल दें। ताकि कोई आशंका न रहे।
- पटाखों के भंडार को जलाने के स्थान के पास न रखें।
- जले हिस्से पर बर्फ न लगाएं, छाले पड़े हैं ती त्वचा को खींचने से बचें।
- गंभीर हादसा होने पर स्वास्थ्य सेवा के लिए 108 एंबुलेंस पर कॉल करें।