वीजा फर्जीवाड़ा: बरेली में नाइजीरियाई छात्र हिरासत में, आईबी और इंटेलीजेंस की टीम कर रही पूछताछ
बरेली में नाइजीरिया और सूडान के दो छात्रों ने विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) लुधियाना का फर्जी पंजीकरण प्रमाणपत्र बना डाला। वीजा अवधि बढ़ाने के लिए ऑनलाइन आवेदन के दौरान इसका इस्तेमाल कर फर्जीवाड़ा करने का प्रयास किया। पुलिस की जांच में हकीकत सामने आने के बाद दोनों छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। नाइजीरिया के छात्र यूसुफ बाला मुस्तफा को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
विस्तार
बरेली के रुहेलखंड विश्वविद्यालय में नाइजीरिया के 26 और नेपाल के 22 विद्यार्थी अलग-अलग पाठ्यक्रमों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। विदेशी विद्यार्थियों की ज्यादा संख्या बीएमएस, बीटेक और बीसीए पाठयक्रमों में है। वीजा अवधि विस्तार के लिए जाली प्रपत्रों का इस्तेमाल करने के आरोप में हिरासत में लिए नाइजीरियाई छात्र युसुफ बाला ने जुलाई में ही बीएमएस (बैचलर इन मैनेजमेंट स्टडी) प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया था। वीजा अवधि में विस्तार के लिए जाली प्रपत्रों के इस्तेमाल का मामला सामने आने के बाद आईबी और इंटेलीजेंस ने नाइजीरिया और सूडान के दूतावास से संपर्क किया है। इसके अलावा पुलिस की टीम दूसरे छात्र की तलाश में पंजाब जाएगी।
आईबी और इंटेलीजेंस की टीम हिरासत में लिए गए युसुफ बाला से पूछताछ कर रही है। नाइजीरिया और सूडान के दूतावास से संपर्क की भी तैयारी की जा रही है। बुधवार को एक पुलिस टीम फर्जीवाड़ा में यूसुफ का सहयोग करने वाले सूडान निवासी छात्र अयूब की तलाश में पंजाब जाएगी। अयूब लुधियाना की एक निजी यूनिवर्सिटी में शिक्षा ग्रहण कर रहा है।
युसूफ के निष्कासन की प्रक्रिया शुरू
रुहेलखंड विश्वविद्यालय के मीडिया सेल के अनुसार यूसुफ ने 19 जुलाई को प्रवेश लिया था। बीएमएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए उसकी योग्यता सही पाए जाने के बाद प्रवेश दिया गया था। इससे पूर्व वह पंजाब की सिटी यूनिवर्सिटी में शिक्षा ग्रहण कर रहा था। वीजा अवधि में विस्तार के लिए फर्जीवाड़ा के मामले में यूसुफ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज किए जाने के बाद यूनिवर्सिटी ने उसके निष्कासन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
इंस्पेक्टर बारादरी धनंजय पांडेय ने बताया कि यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत अन्य विदेशी छात्रों के संबंध में भी जानकारी जुटाई जा रही है। हिरासत में लिए गए छात्र से फिलहाल आईबी और इंटेलीजेंस की टीमें पूछताछ कर रही हैं। यूनिवर्सिटी को भी अन्य विदेशी छात्रों के सत्यापन के संबंध में लिखा जा रहा है।
विदेशों व अन्य राज्यों से आए विद्यार्थियों के खंगाले जा रहे रिकॉर्ड
दिल्ली कार धमाके के बाद पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट है। जिसके बाद से ही उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने के लिए बाहर से आने वाले छात्र-छात्राओं पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके लिए बाहरी विद्यार्थियों के सभी प्रपत्रों को दोबारा से सत्यापित किया जा रहा है। स्थानीय अभिसूचना इकाई की ओर से स्थानीय विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत बाहरी विद्यार्थियों का सत्यापन करने के निर्देश दिए हैं। जिसके तहत रुहेलखंड विश्वविद्यालय व अन्य निजी विश्वविद्यालयों में जम्मू कश्मीर समेत बाहरी राज्यों और विदेशों से आये छात्र-छात्राओं के प्रपत्र सत्यापित करने के लिए कहा है। इसी क्रम में रुविवि में सभी विदेशी छात्रों के प्रपत्र भी सत्यापित किए जा रहे हैं।
नाइजीरिया के छात्र के पासपोर्ट फर्जीवाड़े का मामला सामने आने के बाद रुहेलखंड विश्वविद्यालय प्रशासन भी चौकन्ना हो गया है। इसी संबंध में मंगलवार को भी एक विशेष बैठक भी बुलाई गई। सूत्रों की मानें तो रुविवि में अध्ययनरत 22 नेपाली छात्रों में से करीब 12 के पास ही पासपोर्ट है। इसके अलावा नाइजीरिया के छात्रों के दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर से पढ़ने आए छात्र-छात्राओं पर भी पैनी नजर रखी जा रही है। विवि प्रशासन के अनुसार हर विभाग में सेंट्रल कोटे के तहत जम्मू कश्मीर व लद्दाख के छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया जाता है।
इसके अलावा अन्य राज्यों के भी छात्र-छात्राएं स्थानीय स्तर पर अध्ययनरत हैं। जिनके द्वारा जमा किए प्रपत्रों की भी जानकारी उच्च स्तर पर मांगी गई है। रुविवि में जम्मू-कश्मीर के करीब 15 छात्र-छात्राएं इंजीनियरिंग के अलग-अलग विभागों में अध्ययनरत हैं। इसके अलावा निजी विश्वविद्यालयों में भी जम्मू-कश्मीर के छात्र-छात्राएं शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इनके बारे में भी रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं।