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Bareilly News: फर्जी डिग्री बांटने के आरोपी शेर अली जाफरी के गिरोह पर नई रिपोर्ट दर्ज, छात्र ने लगाया ये आरोप

अमर उजाला ब्यूरो, बरेली Published by: मुकेश कुमार Updated Mon, 08 Dec 2025 01:40 PM IST
सार

बरेली में तीन सौ छात्रों को फर्जी डिग्री थमाकर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोपी शेर अली जाफरी व उसके गिरोह पर एक और रिपोर्ट दर्ज हुई है। छात्र ने जाफरी पर डीफार्मा का फर्जी अंकपत्र देकर फीस हड़पने और दो साल बर्बाद करने का आरोप लगाया है। 

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Sher Ali Jafari booked for distributing fake marksheet in Bareilly
शेर अली जाफरी - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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बरेली के इज्जतनगर क्षेत्र के सैदपुर हाकिन्स निवासी अभिषेक गंगवार ने सीबीगंज थाने में गैंगस्टर शेर अली जाफरी, उसके बेटे फिरोज व खुसरो कॉलेज के प्राचार्य विश्वनाथ शर्मा आदि पर डीफार्मा का फर्जी अंकपत्र देकर फीस हड़पने और दो साल बर्बाद करने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराई है। फर्जी डिग्री बांटने के मामले में पहले से ही उस पर मुकदमे दर्ज हैं। शेर अली पहले भाजपाई था। जेल जाने और जमानत पर छूटने के बाद वह किसान संगठन का पदाधिकारी बन गया है।

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शेर अली जाफरी, फिरोज अली जाफरी, विश्वनाथ शर्मा, विजय शर्मा, जाकिर और तारिक अल्वी पर करीब तीन सौ छात्रों को फर्जी डिग्री थमाकर करोड़ों रुपये ठगने का आरोप है। अभिषेक गंगवार ने सीबीगंज थाना प्रभारी प्रदीप चतुर्वेदी को बताया कि उन्होंने खुसरो इंस्टीट्यूट में डीफार्मा कोर्स के लिए प्रवेश लिया था। कोर्स की मान्यता न होने के बावजूद खुसरो इंस्टीट्यूट के चेयरमैन शेर अली जाफरी, उसके बेटे फिरोज, प्राचार्य विश्वनाथ शर्मा और अन्य स्टाफ ने दाखिला लेकर फीस वसूल ली। 
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कोर्स पूरा होने पर उन्हें किसी अन्य कॉलेज का अंकपत्र थमा दिया। कॉलेज ने उनसे खर्च लेकर ड्रग लाइसेंस बनवाने के लिए जरूरी ग्रीन कार्ड का आवेदन कराया, लेकिन वह नहीं बना। काफी टालमटोल के बाद पता चला कि कॉलेज द्वारा दिया गया अंकपत्र फर्जी है। आरोप है कि शेर अली जाफरी और उसके गुर्गों ने उनसे धोखाधड़ी की है। कॉलेज का स्टाफ भी जान से मारने की धमकी देता है। अभिषेक के प्रार्थनापत्र पर न्यायालय ने रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया था। अब सीबीगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है। 

तीन सौ छात्रों के भविष्य से की खिलवाड़  
जेल जाने से पहले शेर अली जाफरी भाजपा नेता के तौर पर पहचान बना चुका था। वह बड़े नेताओं व अफसरों की खातिरदारी करता था। उन्हीं दिनों उस पर करीब तीन सौ छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर फर्जी मार्कशीट थमाने और करोड़ों रुपये हड़पने का आरोप लगा था। शेर अली जाफरी और उसके गुर्गों पर कई मुकदमे दर्ज हुए। 

शेर अली, उसका बेटा व कई गुर्गे जेल भी भेजे गए थे। शेर अली जेल से छूटकर किसान एकता संघ से जुड़ गया है। किसान नेता बनकर ज्ञापन देने लगा है। हाल ही में उसकी मिनी बाइपास स्थित बिल्डिंग में रेस्टोरेंट खोला गया है। बताया जा रहा है कि कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए शेर अली ने कई जुगाड़ भिड़ा रखा है। हालांकि, पुलिस दोबारा कार्रवाई की तैयारी में है।

गैंगस्टर लगा, लेकिन संपत्ति नहीं हो सकी जब्त
साल की शुरुआत में शेर अली, फिरोज अली, जाकिर, तारिक अल्वी, विजय शर्मा और विश्वनाथ शर्मा के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई थी। इन लोगों ने खुद ही अंकपत्र बनाकर मेडिकल छात्रों को बांट दिए। जब छात्रों ने नौकरी के लिए आवेदन किया तो फर्जीवाड़े का भंड़ाफोड़ हुआ था। इससे पूरे गिरोह ने अवैध संपत्ति अर्जित की। हालांकि, गैंगस्टर की कार्रवाई के बाद भी इन अवैध संपत्तियों को चिह्नित नहीं किया गया।

एसपी सिटी मानुष पारीक ने बताया कि एसआईटी गठित कर शेर अली जाफरी व उसके गिरोह के खिलाफ चार मुकदमों की विवेचना कराई गई थी। इनमें चार्जशीट लग चुकी है। आरोपियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई के बाद संपत्ति चिह्नीकरण भी हो चुका है। आगे की कार्रवाई प्रस्तावित है। नई रिपोर्ट की नए सिरे से विवेचना की जाएगी। 

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