उर्स-ए-रजवी: सौहार्द कॉन्फ्रेंस में जुटे देशभर के उलमा, बोले- भाईचारे को दें बढ़ावा और नफरत का करें खात्मा
बरेली में आला हजरत के उर्स में जायरीनों का सैलाब उमड़ा है। देश-विदेश से हजारों जायरीन समेत उलमा बरेली आए हुए हैं। उर्स के दूसरे दिन इस्लामिया मैदान में सोमवार सुबह आठ बजे अंतरराष्ट्रीय सौहार्द कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें विश्वभर के उलमा ने शिरकत की।
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बरेली में उर्स-ए-रजवी पर इस्लामिया कॉलेज मैदान में सोमवार सुबह अंतरराष्ट्रीय आपसी सौहार्द कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें सौहार्द को बढ़ावा देने और नफरत के खात्मे पर जोर दिया गया। इस अवसर पर मुफ्ती आसिफ मंजरी ने देश भर से आये उलेमा व मस्जिदों के इमामों से अपील करते हुए कहा कि वह जुमे की नमाज के खुतबे में आपसी सौहार्द को बढ़ावा देने की बात करें।
उन्होंने कहा कि अपनी तकरीर में नफरत को मिटाने और शरई दायरे में रहकर आपसी भाईचारे मजबूत करने पर जोर दें। मुफ्ती अहमद रजा ने हुकूमत-ए-हिन्द से कहा कि ऐसे लोग जो पैगम्बर-ए-इस्लाम व दूसरे मजहबों के रहनुमाओं के खिलाफ टिप्पणी करते हैं उनके लिए सख़्त कानून बनाया जाए। क्योंकि इससे भी नफरत को बढ़ावा मिलता है।
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मदरसा मंजर-ए-इस्लाम के वरिष्ठ मुफ्ती सलीम नूरी ने इस्लाम और शांतिवाद व मानवतावाद पर खिताब करते हुए कहा कि मजहब-ए-इस्लाम अम्न-ओ-शांति का मज़हब है। यही वजह है कि मुसलमान शरीयत पर अमल करने के साथ- साथ अपने मुल्क के संविधान पर भी चलता है। लोग मुल्क भर में इस्लाम की अमन पसंद सुन्नी सूफी विचारधारा गैर मुस्लिगों तक पहुंचाएं। मजहब व समाज विरोधी गतिविधियों से मुस्लिम नवयुवकों अपने आप को दूर रखें। उन्होंने नवयुवकों से नशाखोरी जैसी बुराई से दूर रहते हुए तालीम हासिल करने पर जोर दिया।
युवाओं को दी ये नसीहत
मुफ्ती स्वालेह रजवी ने नौजवान को भड़काऊ, आपत्तिजनक सामग्री, भावनाओं को आहत करने वाली गैर कानूनी सामग्री को सोशल मीडिया पर अपलोड करने से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सियासी लाभ के लिए मुल्क वासियों के दरमियान नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं। इससे हमें सावधान रहने की जरूरत है। कॉन्फ्रेंस का आगाज कारी रिजवान रजा ने तिलावत-ए-कुरान से किया। संचालन मुफ्ती शोएब रजा मंजरी व कारी यूसुफ रजा सम्भली ने किया।
कांफ्रेस दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खान (सुब्हानी मियां) की सरपरस्ती व सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी (अहसन मियां) की सदारत में आयोजित की गई। सय्यद आसिफ मियां व उर्स प्रभारी राशिद अली खां की निगरानी में कार्यक्रम संपन्न हुए। इस दौरान मुफ्ती आकिल रज़वी, मुफ्ती जमील, मुफ्ती फैज़, कारी अब्दुर्रहमान कादरी, मुफ्ती अय्यूब खां नूरी आदि ने आला हजरत को खिराज पेश करते हुए मसलक को बढ़ावा देने पर जोर दिया।