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Flood in UP: लखीमपुर में बाढ़ का कहर... नयापुरवा गांव में देखते ही देखते शारदा नदी में समा गया मकान; वीडियो

अमर उजाला नेटवर्क, बरेली Published by: शाहरुख खान Updated Thu, 25 Jul 2024 01:23 PM IST
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सार

लखीमपुर खीरी के नयापुरवा गांव में शारदा नदी में एक मकान समा गया। दर्जनों मकान नदी के कटान की जद में हैं। इससे ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है। 

UP Flood News Rain Havoc in Lakhimpur, House in Nayapurwa Village Swept Away by Sharda River Check Video
UP Flood - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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लखीमपुर खीरी जिले के बिजुआ क्षेत्र की ग्राम पंचायत करसौर के मजरा नयापुरवा गांव में कई दिनों से बाढ़ आने के बाद गांव का अस्तित्व भी खतरे में आ गया है। शारदा नदी ने कटान तेज कर दिया है। बृहस्पतिवार सुबह इस गांव का एक मकान नदी में समा गया। तबाही का यह मंजर देख ग्रामीणों की रूह कांप रही है। 
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दर्जनों मकान कटान की जद में हैं। इससे ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है। इससे पहले बेलहासिकटिहा के 25 मकान कटान की जद में आ गए थे। यहां देवी मंदिर और बरमबाबा का पेड़ भी नदी में समा चुका है। इसी क्षेत्र के दम्बलटांडा, लौकहा, ढखिया गांव को भी खतरा ज्यादा है। यहां बाढ़ से बचाव कार्य चल रहा है।
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अब इन गांवों का भी वजूद खतरे में
फूलबेहड़ इलाके में शारदा नदी भू-कटान करती हुई धोबियाना, बेचनपुवा और पकरियापुरवा गांव की तरफ बढ़ चली है। नदी मुख्य मार्ग काट रही है। निकास बंद होने के डर से ग्रामीण यहां से पलायन कर रहे हैं। 

नदी अगर यूं ही आगे बढ़ती रही तो शंकरपुरवा के 60 और पकरियापुरवा के 50 घर तबाह हो जाएंगे। इसी वजह से धोबियाना गांव के राजकुमार, भानु प्रताप, लाल जी, संजय कुमार, सुनील कुमार और करपुरवा के रवींद्र, मुशफिर, बबलू आदि पलायन कर मिलपुरवा में झोपड़ी डालकर गुजर बसर कर रहे हैं। 

किसी ने नहीं बांटा बाढ़ पीड़ितों का दर्द
शारदा नदी के कटान में घर, जमीन गंवा चुके सदर तहसील के अहिराना, मंझरी गांव के बाढ़ पीड़ितों का दर्द सुनने वाला कोई नहीं है। करीब 20 से ज्यादा ग्रामीण खानाबदोश की जिंदगी जीने को मजबूर हैं। इन बाढ़ पीड़ितों को प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली। पीड़ित सिर छुपाने के लिए दूसरों की जमीन पर झोपड़ी डाल कर गुजर बसर कर रहे हैं।

 

शारदा नदी ने वर्ष 2021-22 में सदर तहसील के करदैया मानपुर अहिराना और इससे सटे मझरी गांव में तबाही मचाई थी। नदी में करीब 200 घर समा गए थे। वर्ष 2023 में बचे 50 घर और एक सरकारी स्कूल भी नदी ने आगोश में ले लिया था।

 

उस समय कटान पीड़ित सड़क पर आ गए थे, तब सरकार ने पीड़ितों को मिलपुरवा और मौलापुरवा में ढाई डिसमिल जगह और मकान के हिसाब से मुआवजा बांटा था। आरोप है कि उस क्षेत्र के 20 ग्रामीण ऐसे थे, जिन्हें मुआवजा के स्थान पर सिर्फ आश्वासन मिला। 

अहिराना गांव के मुनीम, राधेश्याम, चंद्रिका, मीना देवी, लक्ष्मी, सुमन, गुड़िया देवी, परसुराम, गोविंद, राजेश, उमाशंकर, कमल किशोर, रामलखन, अनिरुद्ध, शिवशंकर का आरोप है कि उन्हें प्रशासन की ओर से कोई लाभ नहीं मिला है। इनका कहना है कि हमें मात्र वोट बैंक समझा जाता है। कोई जनप्रतिनिधि भी दोबारा सुध लेने नहीं आया।

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