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UP: आगरा में मानसिक तनाव ज्यादा...लखनऊ, वाराणसी और इस जिले के लोग भी पीड़ित; 75 जिलों से टेलीमानस पर आईं कॉल्स

अजीत प्रताप सिंह, अमर उजाला, बरेली Published by: शाहरुख खान Updated Mon, 22 Dec 2025 10:14 AM IST
सार

आगरा में मानसिक तनाव ज्यादा है। राजधानी लखनऊ, वाराणसी और बरेली के साथ झांसी के लोग भी पीड़ित हैं। एक अप्रैल से 10 दिसंबर तक प्रदेश के 75 जिलों से टेलीमानस पर आईं 2,07,486 कॉल्स के विश्लेषण से यह जानकारी मिली है।

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UP News Mental stress is high in Agra people in Lucknow, Varanasi, and Bareilly are also affected
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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आगरा, लखनऊ, वाराणसी और बरेली के लोग मानसिक तनाव और अवसाद से जूझ रहे हैं। आक्रामकता, आत्मक्षति, अनिद्रा, नकारात्मक विचार, फोबिया सहित अन्य मानसिक विकार सामने आ रहे हैं। नेशनल टेली मेंटल हेल्थ प्रोग्राम के तहत संचालित टेलीमानस काउंसलिंग ट्रेंड रिपोर्ट में यह तस्वीर सामने आई है।
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रिपोर्ट के अनुसार, एक अप्रैल से 10 दिसंबर तक प्रदेश के 75 जिलों से 2,07,486 कॉल्स आईं। इनमें सर्वाधिक 8,863 कॉल आगरा से रहीं। लखनऊ से 5,488, वाराणसी से 4,662, बरेली से 4,226 कॉल काउंसलिंग के लिए आईं। 
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फिरोजाबाद से 2,901, मुरादाबाद से 2,817, झांसी से 2,783, प्रयागराज से 2,773, बुलंदशहर से 2,726 व रामपुर से 2,406 कॉल आईं। वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. आशीष कुमार के मुताबिक गोरखपुर, बरेली, वाराणसी, आगरा में टेलीमानस सेंटर हैं। 
 

यहां प्रदेश भर से कॉल पहुंचती हैं। टेलीमानस सेवा निशुल्क मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान करती है। यह 24 घंटे, सातों दिन सक्रिय रहती है। विशेषज्ञ और प्रशिक्षित काउंसलर टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 14416 और 18008914416 पर लोगों को मानसिक तनाव से निजात के लिए निशुल्क परामर्श देते हैं।
 

पुरुषों ने की 55 फीसदी कॉल, ट्रांसजेंडर ने भी मांगी मदद
रिपोर्ट के अनुसार, मानसिक तनाव से निजात के लिए 55 फीसदी कॉल पुरुषों ने की। महिलाओं की संख्या 43 फीसदी रही। 0.1 फीसदी ट्रांसजेंडरों ने भी तनावग्रस्त होने की बात कही।

दो फीसदी लोगों ने कॉल की पर कोई पीड़ा साझा नहीं की। 0.2 फीसदी लोगों ने टेलीमानस सेवा के बारे में बात की। 76 फीसदी नियमित, 20 फीसदी सूचनात्मक, चार फीसदी बिना वजह, 0.2 फीसदी कॉल गंभीर प्रकरण संबंधी रहीं।
 

युवाओं ने की 76.9 फीसदी कॉल
टेलीमानस पर काउंसलिंग के लिए 76.9 फीसदी काल युवाओं (18 से 45 वर्ष आयुवर्ग) ने की। 46 से 64 वर्ष आयुवर्ग के 10.95 फीसदी, 65 से अधिक आयु के 2.54 फीसदी, 13 से 17 आयुवर्ग के 7.6 फीसदी, 12 साल तक के दो फीसदी बच्चों ने भी मानसिक तनाव से निजात के लिए कॉल की।
 

बेरोजगारी, घरेलू विवाद, कार्यस्थल पर तनाव के केस
मनोचिकित्सक डॉ. आशीष के मुताबिक, टेलीमानस पर सबसे ज्यादा कॉल युवाओं ने की। इनमें बेरोजगारी, घरेलू विवाद, कार्यस्थल पर मानसिक तनाव के मामले रहे। इसमें लोगों ने निराशा, उदासी, अनिद्रा, आक्रामक रवैया अपनाने या एकाकीपन के विचार आने की बात कही। मानसिक रूप से असहज महसूस होने पर दोस्त, परिजन के साथ समय बिताने, सकारात्मक तरीके से बात को समझाने का सुझाव देते हैं।
 

 
मामले फीसदी (%)
अवसाद और उदासी 24.50
अति मानसिक तनाव 18.98
अनिद्रा, बेचैनी 12.47
पैनिक, फोबिया, चिंता 11.38
आक्रामकता, हिंसक विचार 4.37
व्यवहार बदलने, नशे संबंधी 2.98
नकारात्मक विचार 2.60
याद्दाश्त कमजोरी 1.75
दौरा और मिर्गी के लक्षण 1.67
आत्मघाती और आत्मक्षति विचार 1.50

नोट: आंकड़े टेलीमानस कॉल ट्रेंड के अनुसार हैं।
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