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Basti News: राष्ट्रीय लोक अदालत में 68 हजार से अधिक मामले निस्तारित
संवाद न्यूज एजेंसी, बस्ती
Updated Sun, 14 Sep 2025 02:13 AM IST
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राष्ट्रीय लोक अदालत का फीता काटकर शुभारंभ करते जनपद न्यायाधीश।
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बस्ती। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत लगी। इस दाैरान 68 हजार से अधिक मामले निस्तारित हुए।
जनपद न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विनय कुमार द्विवेदी के मार्गदर्शन और सचिव व एडीजे अनिल कुमार की देखरेख में जनपद न्यायालय परिसर, ग्राम न्यायालयों, तहसीलों, राजस्व न्यायालयों एवं कलेक्ट्रट में आयोजन हुआ। जिलाधिकारी रविश गुप्ता, पुलिस अधीक्षक अभिनंदन समेत विभिन्न विभागों का सहयोग रहा।
कुल 68,668 वादों का निस्तारण किया गया। इसमें 66,850 प्री-लिटिगेशन मामलों और 1,818 वादों का निपटारा सुलह-समझौते के आधार पर किया गया। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण ने 57 मामलों का निस्तारण करते हुए 2,70,32,000 रुपये की क्षतिपूर्ति दिलाई। आपराधिक वादों के निस्तारण से 28,69,182 और अन्य मामलों से 70,87,413 मिलाकर 3,69,88,595 रुपये वसूले गए। इसके अतिरिक्त बैंक ऋण से जुड़े 719 प्री-लिटिगेशन मामले सुलझाए गए। 3,42,82,978 रुपये पर समझौता हुआ। परिवार न्यायालय के 41 मामलों का निस्तारण हुआ। वर्षों से लंबित कई दंपतियों ने समझौता कर साथ रहने का निर्णय लिया। इस पहल से कई बिखरे हुए घर फिर से बस गए।
लोक अदालत में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के पीठासीन अधिकारी मो. रिजवानुल हक, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय आराधना रानी, अपर जिला जज प्रथम शिव चंद, अपर जिला जज/विशेष न्यायाधीश (ईसी एक्ट) राम करन यादव, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आशीष कुमार राय, सिविल जज (सीडी) चौधरी संदीप सिंह सहित अन्य न्यायिक अधिकारी मौजूद रहे। इस अवसर पर जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों की ओर से निर्मित हस्तशिल्प की प्रदर्शनी भी लगाई गई।

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जनपद न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विनय कुमार द्विवेदी के मार्गदर्शन और सचिव व एडीजे अनिल कुमार की देखरेख में जनपद न्यायालय परिसर, ग्राम न्यायालयों, तहसीलों, राजस्व न्यायालयों एवं कलेक्ट्रट में आयोजन हुआ। जिलाधिकारी रविश गुप्ता, पुलिस अधीक्षक अभिनंदन समेत विभिन्न विभागों का सहयोग रहा।
कुल 68,668 वादों का निस्तारण किया गया। इसमें 66,850 प्री-लिटिगेशन मामलों और 1,818 वादों का निपटारा सुलह-समझौते के आधार पर किया गया। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण ने 57 मामलों का निस्तारण करते हुए 2,70,32,000 रुपये की क्षतिपूर्ति दिलाई। आपराधिक वादों के निस्तारण से 28,69,182 और अन्य मामलों से 70,87,413 मिलाकर 3,69,88,595 रुपये वसूले गए। इसके अतिरिक्त बैंक ऋण से जुड़े 719 प्री-लिटिगेशन मामले सुलझाए गए। 3,42,82,978 रुपये पर समझौता हुआ। परिवार न्यायालय के 41 मामलों का निस्तारण हुआ। वर्षों से लंबित कई दंपतियों ने समझौता कर साथ रहने का निर्णय लिया। इस पहल से कई बिखरे हुए घर फिर से बस गए।
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लोक अदालत में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के पीठासीन अधिकारी मो. रिजवानुल हक, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय आराधना रानी, अपर जिला जज प्रथम शिव चंद, अपर जिला जज/विशेष न्यायाधीश (ईसी एक्ट) राम करन यादव, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आशीष कुमार राय, सिविल जज (सीडी) चौधरी संदीप सिंह सहित अन्य न्यायिक अधिकारी मौजूद रहे। इस अवसर पर जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों की ओर से निर्मित हस्तशिल्प की प्रदर्शनी भी लगाई गई।