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Basti News: सरयू राजवाहे के पानी का दबाव नहीं झेल पाई नहर, 50 बीघा फसल डूबी
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रजली गांव के पास कट रही नहर को मिट्टी डालकर रोकते किसान। संवाद
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बस्ती। सरयू राजवाहा का पानी आने से उफनाई तिलहवा पंप कैनाल को पैबंद लगाकर पानी टेल तक पहुंचाने का भागीरथ प्रयास नलकूप विभाग कर रहा है, मगर कामयाबी नहीं मिल पा रही है।
फिलहाल पानी का वेग पूरब के बजाय कुरहा गांव के पास मिट्टी पाटकर उत्तर-पश्चिम की ओर मोड़ दिया गया है। इससे पिपरा गौतम जाने वाली सड़क के पास नहर पश्चिम तरफ टूट गई। इससे 50 बीघा फसल फिर डूब गई।
नलकूप विभाग की टीम प्रतापपुर माइनर से पूरब नहर की सफाई कराके पानी आगे ले जाने के प्रयास में है। ग्रामीणों का कहना है कि इससे कोई फायदा होने वाला नहीं है। शनिवार को जैसे ही सरयू राजवाहा का पानी छोड़ा गया, नहर दबाव नहीं झेल सकी। कुछ ही देर में पानी नहर का रास्ता छोड़ खेतों में फैलने लगा। दयालपुर और रजली गांव के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में खड़ी गेहूं, मटर, चना, अरहर जैसी फसलें जलमग्न हो गई।
ग्रामीण हियात अली, अब्दुल कादिर, मोहम्मद अजीम, राम सहाय, नईम, समयदीन, तार पांडेय, राम प्रसाद, छांगूर आदि का कहना है कि बोवाई के समय नहर में पानी के लिए कई बार गुहार लगाई गई, मगर तब नहर सूखी रही। अब जब खेतों में पहले से नमी थी, उसी समय पानी छोड़ा गया। इससे सिंचाई के बजाय जलभराव की स्थिति बन गई।
सोमवार को मामला सीडीओ के संज्ञान में आने के बाद सिंचाई, नलकूप और सरयू नहर तंत्र की टीमें मौके पर पहुंचीं। विभागीय अधिकारियों ने मौके पर स्वीकार किया कि तिलहवा पंप कैनाल की हालत जर्जर है। पानी छोड़े जाने के बाद कई जगह कटान शुरू हो गई थी। फिलहाल पानी बंद करा दिया गया है और नुकसान का आकलन कराया जा रहा है।
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फिलहाल पानी का वेग पूरब के बजाय कुरहा गांव के पास मिट्टी पाटकर उत्तर-पश्चिम की ओर मोड़ दिया गया है। इससे पिपरा गौतम जाने वाली सड़क के पास नहर पश्चिम तरफ टूट गई। इससे 50 बीघा फसल फिर डूब गई।
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नलकूप विभाग की टीम प्रतापपुर माइनर से पूरब नहर की सफाई कराके पानी आगे ले जाने के प्रयास में है। ग्रामीणों का कहना है कि इससे कोई फायदा होने वाला नहीं है। शनिवार को जैसे ही सरयू राजवाहा का पानी छोड़ा गया, नहर दबाव नहीं झेल सकी। कुछ ही देर में पानी नहर का रास्ता छोड़ खेतों में फैलने लगा। दयालपुर और रजली गांव के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में खड़ी गेहूं, मटर, चना, अरहर जैसी फसलें जलमग्न हो गई।
ग्रामीण हियात अली, अब्दुल कादिर, मोहम्मद अजीम, राम सहाय, नईम, समयदीन, तार पांडेय, राम प्रसाद, छांगूर आदि का कहना है कि बोवाई के समय नहर में पानी के लिए कई बार गुहार लगाई गई, मगर तब नहर सूखी रही। अब जब खेतों में पहले से नमी थी, उसी समय पानी छोड़ा गया। इससे सिंचाई के बजाय जलभराव की स्थिति बन गई।
सोमवार को मामला सीडीओ के संज्ञान में आने के बाद सिंचाई, नलकूप और सरयू नहर तंत्र की टीमें मौके पर पहुंचीं। विभागीय अधिकारियों ने मौके पर स्वीकार किया कि तिलहवा पंप कैनाल की हालत जर्जर है। पानी छोड़े जाने के बाद कई जगह कटान शुरू हो गई थी। फिलहाल पानी बंद करा दिया गया है और नुकसान का आकलन कराया जा रहा है।
