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Basti News: सैलून बंद कर संचालक गायब, गहराया जाकिर का रहस्य
संवाद न्यूज एजेंसी, बस्ती
Updated Sun, 14 Sep 2025 02:00 AM IST
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गौर/बस्ती। गौर थानाक्षेत्र के सिंगही गांव में सुभाष बनकर रह रहे जाकिर को लेकर रहस्य गहराता जा रहा है। उसके इरादे को लेकर लोगों में कई तरह की चर्चा की जा रही है। वह परिवार भी संदेह के घेरे में आ गया है, जिसके यहां वह चार महीने से रह रहा था।
जिस सैलून पर वह काम करता था,उसका संचालक दो दिन से दुकान बंद कर फरार है। उसकी दुकान पर लिखा मोबाइल नंबर मिलाने पर रिसीव करने वाला बोला कि उसका गौर से कोई वास्ता नहीं है, वह मुंबई से बोल रहा है। दुकान के अगल-बगल वाले बताते हैं कि अव्वल तो वह किसी से वास्ता रखता नहीं था, मगर जिससे बातचीत होती थी उसे वह अपने को सुभाष ही बताता था।
अमर उजाला में जाकिर की आपराधिक पृष्ठभूमि पढ़ने के बाद क्षेत्र के लोग सन्न रह गए। गांव के लोगों ने बताया कि उन लोगों को शक तो काफी दिनों से था लेकिन झगड़ालू परिवार होने की वजह से किसी ने टोका नहीं।
गांव के लोग बताते हैं कि जाकिर उसी की मोटरसाइकिल लेकर चार किलोमीटर दूर गौर बाजार आता-जाता था। गांव के लोग कभी उसको बाहर नहीं देखते थे। किसी से बातचीत भी नहीं करता था। ज्यादातर समय वह उसके घर में ही रहता था।
लोगों को यह भी खटक रहा है कि 10-12 सदस्यों वाले परिवार का पूरा खर्चा उठाने के लिए उसके पास पैसे कहां से आते थे? लोगों का कहना है कि पुलिस गहराई से छानबीन करे तो बड़े रैकेट का खुलासा हो सकता है। उधर, बताया जा रहा है कि इतना सब कुछ होने के बावजूद जिसके घर में सुभाष उर्फ जाकिर रहता था, उसका मुखिया उसकी जमानत कराने के लिए भागदौड़ में लगा है। इससे लोगों का शक उस परिवार पर भी गहरा रहा है।

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जिस सैलून पर वह काम करता था,उसका संचालक दो दिन से दुकान बंद कर फरार है। उसकी दुकान पर लिखा मोबाइल नंबर मिलाने पर रिसीव करने वाला बोला कि उसका गौर से कोई वास्ता नहीं है, वह मुंबई से बोल रहा है। दुकान के अगल-बगल वाले बताते हैं कि अव्वल तो वह किसी से वास्ता रखता नहीं था, मगर जिससे बातचीत होती थी उसे वह अपने को सुभाष ही बताता था।
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अमर उजाला में जाकिर की आपराधिक पृष्ठभूमि पढ़ने के बाद क्षेत्र के लोग सन्न रह गए। गांव के लोगों ने बताया कि उन लोगों को शक तो काफी दिनों से था लेकिन झगड़ालू परिवार होने की वजह से किसी ने टोका नहीं।
गांव के लोग बताते हैं कि जाकिर उसी की मोटरसाइकिल लेकर चार किलोमीटर दूर गौर बाजार आता-जाता था। गांव के लोग कभी उसको बाहर नहीं देखते थे। किसी से बातचीत भी नहीं करता था। ज्यादातर समय वह उसके घर में ही रहता था।
लोगों को यह भी खटक रहा है कि 10-12 सदस्यों वाले परिवार का पूरा खर्चा उठाने के लिए उसके पास पैसे कहां से आते थे? लोगों का कहना है कि पुलिस गहराई से छानबीन करे तो बड़े रैकेट का खुलासा हो सकता है। उधर, बताया जा रहा है कि इतना सब कुछ होने के बावजूद जिसके घर में सुभाष उर्फ जाकिर रहता था, उसका मुखिया उसकी जमानत कराने के लिए भागदौड़ में लगा है। इससे लोगों का शक उस परिवार पर भी गहरा रहा है।