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Bijnor News: पुलिस को मुहैया नहीं कराया रिकॉर्ड, अब फिर से जारी होगा नोटिस
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- जांच अधिकारी को रिकॉर्ड उपलब्ध कराने से बच रही धारा मोटर फाइनेंस कंपनी
- धारा फाइनेंस कंपनी को दूसरा नोटिस देने की तैयारी
- किसान की गिरवी जमीन को बेचने का मामला
संवाद न्यूज एजेंसी
बिजनौर। धारा मोटर फाइनेंस कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर से पुलिस के जांच अधिकारी ने रिकॉर्ड तलब किया था। मगर फाइनेंस कंपनी ने जांच से संबंधित रिकॉर्ड मुहैया कराना ही गवारा नहीं समझा है। अब पुलिस फिर से नोटिस जारी करने की तैयारी कर रही है।
ब्याज पर ब्याज और उसे फिर मूलधन में जोड़ देना इस कुचक्र से पूरा जिला परेशान है। साहूकरो और फाइनेंस कंपनियों के मकड़जाल में फंसकर लोग अपनी जान गवा रहे हैं। पिछले दिनों नूरपुर में मां और उसकी दो बेटियों ने कर्ज की किस्त का तकादा होने पर जहर खा कर जान दे दी थी। इस मामले में फाइनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंट की गिरफ्तारी हो चुकी है। जिसे जेल भेज दिया गया।
अब दूसरा मामला धारा मोटर फाइनेंस से जुड़ा हुआ है। यह मामला सुर्खियों में है, क्योंकि जिले की सबसे बड़ी फाइनेंस कंपनी के खिलाफ एक किसान ने आवाज उठाई है। उक्त कंपनी के खिलाफ गोपालपुर के किसान ने पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र दिया था। आरोप था कि साल 2014 में अपनी जमीन गिरवी रखकर करीब 9 लाख रुपये का लोन लिया। साल 2019 तक 30 लाख रुपये की अदायगी कर दी। 30 लाख देकर लगा कि उसका कर्ज चुकता हो गया है। लेकिन धारा फाइनेंस कंपनी ने मनमानी ब्याज दर और ब्याज का ऐसा चक्र घुमाया कि एक करोड़ 24 लाख रुपये का बकाया निकाल दिया।
इतना ही नहीं करीब 70 लख रुपये कीमत की किसान की जमीन को भी फाइनेंस कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर ने किसी और को बेच दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने अपर पुलिस अधीक्षक नगर को मामले की जांच सौंपी।
जांच के क्रम में बयान दर्ज करने के लिए अपर पुलिस अधीक्षक ने फाइनेंस कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर को बुलाया था। जिसे कहा गया था कि ब्याज दरों के के नियम, भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी दिशा निर्देश समेत पीड़ित किसान से संबंधित कर्ज के दस्तावेज तलब किए थे। मगर अभी तक कोई दस्तावेज या रिकॉर्ड जांच अधिकारी के समक्ष पेश नहीं किया गया है।
- और भी लोग हुए हैं कंपनी की मनमानी का शिकार
एक ऐसा ही मामला बिजनौर शहर में वाटर पार्क चलाने वाले कारोबारी का आया था। जिसने चक्कर रोड स्थित अपने भूखंड का बैनामा करके इस फाइनेंस कंपनी से लोन लिया था। जिसने लोन अदा भी कर दिया, लेकिन इसके बाद भी उसकी 2000 वर्ग गज जमीन किसी और को बेच दी गई। इसे इतना डराया गया कि उसने चुपचाप जमीन से कब्ज़ा छोड़ दिया और शिकायत भी करने नहीं पहुंचा।
- हटाया जा रहा रिकॉर्ड
फाइनेंस कंपनी से जुड़े सूत्रों का दावा है कि चल रही जांच और सुर्खियों में आने के बाद फाइनेंस कंपनी के दफ्तर में रिकॉर्ड में बदलाव किए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि ऑडिट के समय कुछ और रिकॉर्ड टीम के समक्ष पेश किए जाते हैं, जबकि असल में कागज में कुछ और ही चलता है। क्योंकि यह कंपनी रकम की जमा रसीद पर अपनी मुहर और नाम भी नहीं देती सिर्फ एक कागज पर लिखकर दे दिया जाता है।
- हमने धारा मोटर फाइनेंस से शिकायत से संबंधित कागज और रिकॉर्ड मांगे थे। अभी तक कागज नहीं मिले। दोबारा कागज मांगे जा रहे हैं। साथ किस नियम के तहत जमीन खरीदी और लोन दिया, वह भी पता किया जा रहा है। - संजीव बाजपेयी, एएसपी सिटी, बिजनौर
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संवाद न्यूज एजेंसी
बिजनौर। धारा मोटर फाइनेंस कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर से पुलिस के जांच अधिकारी ने रिकॉर्ड तलब किया था। मगर फाइनेंस कंपनी ने जांच से संबंधित रिकॉर्ड मुहैया कराना ही गवारा नहीं समझा है। अब पुलिस फिर से नोटिस जारी करने की तैयारी कर रही है।
ब्याज पर ब्याज और उसे फिर मूलधन में जोड़ देना इस कुचक्र से पूरा जिला परेशान है। साहूकरो और फाइनेंस कंपनियों के मकड़जाल में फंसकर लोग अपनी जान गवा रहे हैं। पिछले दिनों नूरपुर में मां और उसकी दो बेटियों ने कर्ज की किस्त का तकादा होने पर जहर खा कर जान दे दी थी। इस मामले में फाइनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंट की गिरफ्तारी हो चुकी है। जिसे जेल भेज दिया गया।
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अब दूसरा मामला धारा मोटर फाइनेंस से जुड़ा हुआ है। यह मामला सुर्खियों में है, क्योंकि जिले की सबसे बड़ी फाइनेंस कंपनी के खिलाफ एक किसान ने आवाज उठाई है। उक्त कंपनी के खिलाफ गोपालपुर के किसान ने पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र दिया था। आरोप था कि साल 2014 में अपनी जमीन गिरवी रखकर करीब 9 लाख रुपये का लोन लिया। साल 2019 तक 30 लाख रुपये की अदायगी कर दी। 30 लाख देकर लगा कि उसका कर्ज चुकता हो गया है। लेकिन धारा फाइनेंस कंपनी ने मनमानी ब्याज दर और ब्याज का ऐसा चक्र घुमाया कि एक करोड़ 24 लाख रुपये का बकाया निकाल दिया।
इतना ही नहीं करीब 70 लख रुपये कीमत की किसान की जमीन को भी फाइनेंस कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर ने किसी और को बेच दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने अपर पुलिस अधीक्षक नगर को मामले की जांच सौंपी।
जांच के क्रम में बयान दर्ज करने के लिए अपर पुलिस अधीक्षक ने फाइनेंस कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर को बुलाया था। जिसे कहा गया था कि ब्याज दरों के के नियम, भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी दिशा निर्देश समेत पीड़ित किसान से संबंधित कर्ज के दस्तावेज तलब किए थे। मगर अभी तक कोई दस्तावेज या रिकॉर्ड जांच अधिकारी के समक्ष पेश नहीं किया गया है।
- और भी लोग हुए हैं कंपनी की मनमानी का शिकार
एक ऐसा ही मामला बिजनौर शहर में वाटर पार्क चलाने वाले कारोबारी का आया था। जिसने चक्कर रोड स्थित अपने भूखंड का बैनामा करके इस फाइनेंस कंपनी से लोन लिया था। जिसने लोन अदा भी कर दिया, लेकिन इसके बाद भी उसकी 2000 वर्ग गज जमीन किसी और को बेच दी गई। इसे इतना डराया गया कि उसने चुपचाप जमीन से कब्ज़ा छोड़ दिया और शिकायत भी करने नहीं पहुंचा।
- हटाया जा रहा रिकॉर्ड
फाइनेंस कंपनी से जुड़े सूत्रों का दावा है कि चल रही जांच और सुर्खियों में आने के बाद फाइनेंस कंपनी के दफ्तर में रिकॉर्ड में बदलाव किए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि ऑडिट के समय कुछ और रिकॉर्ड टीम के समक्ष पेश किए जाते हैं, जबकि असल में कागज में कुछ और ही चलता है। क्योंकि यह कंपनी रकम की जमा रसीद पर अपनी मुहर और नाम भी नहीं देती सिर्फ एक कागज पर लिखकर दे दिया जाता है।
- हमने धारा मोटर फाइनेंस से शिकायत से संबंधित कागज और रिकॉर्ड मांगे थे। अभी तक कागज नहीं मिले। दोबारा कागज मांगे जा रहे हैं। साथ किस नियम के तहत जमीन खरीदी और लोन दिया, वह भी पता किया जा रहा है। - संजीव बाजपेयी, एएसपी सिटी, बिजनौर